अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में सूचना अयोगा में मुख्य सूचना आयुक्त और 4 सूचना आयुक्तों की रिक्तियों को लेकर
एक बड़ा फैसला दिया है और इस संबंध में राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.
हाईकोर्ट ने यह आदेश आज़ाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर और डा. नूतन ठाकुर द्वारा सूचना आयोग में रिक्तियों को लेकर दायर की गई एक याचिका पर दिया है.
आज़ाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर और डा. नूतन ठाकुर ने यूपी के सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त और 4 सूचना आयुक्तों के खाली पदों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में एक याचिका दायर की थी.
याचिका में उन्होंने कहा था कि राज्य के सूचना आयोग में कुल 5 रिक्तियाँ हैं और 26 फरवरी को आयोग के सारे सूचना आयुक्त रिटायर हो जायेंगे, जिसके बाद आयोग पूरी तरह से खाली हो जाएगा.
अमिताभ ठाकुर और डा.नूतन ठाकुर ने इसे गंभीर स्थिति बताते हुए हाईकोर्ट से राज्य सरकार को तत्काल इन रिक्तियों को भरे जाने के निर्देश देने की प्रार्थना की थी.
अमिताभ ठाकुर और डा.नूतन ठाकुर ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में यह भी कहा था कि, उत्तर प्रदेश सरकार ने 20 नवंबर
2023 को इन रिक्तियों को भरने के लिए आवेदन मांगे थे, जिसमें 19 दिसंबर 2023 तक आखिरी तारीख दी गई थी. लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है.
26 फरवरी को आयोग के सारे सूचना आयुक्त रिटायर हो जाएंगे, जिसके बाद सूचना आयोग पूरी तरह से खाली हो जाएगा. हाईकोर्ट ने अमिताभ ठाकुर और डा. नूतन ठाकुर की इस याचिका को स्वीकार किया और इस पर 23 फरवरी 2024 को सुनवाई की.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच की जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस ओमप्रकाश शुक्ला की पीठ में इस मामले की सुनवाई हुई. पीठ ने इस इस मामले की सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला दिया और राज्य सरकार से इस संबंध में 4 सप्ताह में जवाब मांगा है.
हाईकोर्ट के इस फैसले से यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार को तगड़ा झटका लगा है. राज्य सरकार सदमे में है. उसको यह हरगिज़ उम्मीद नहीं थी कि हाईकोर्ट उसके खिलाफ इतना बड़ा फैसला ले लेगा.
एक चर्चा यह भी है कि राज्य सरकार सूचना आयोग में नियुक्तियाँ न करके उसको अधर में लटकाये रखना चाहती है, जिससे राज्य सरकार के खिलाफ लोग जन सूचना मांगने के लिए सूचना आयोग न जा सकें.