इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य के जंगलों में हज़ारों पेड़ों की कटाई जारी है. जिसे लेकर लगातार विरोेध हो रहा है ओर वहां के आदिवासी बाशिंदों ने आंदोलन तेज़ कर दिया है.
आदिवासियों को डर है की सरकार के संरक्षण में अभी लाखों पेड़ काटे जाने की संभावना है. आदिवासियों के विरोध को कांग्रेस पार्टी सपोर्ट कर रही है.
रविवार को छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने आरोप लगाया कि नवनिर्वाचित भाजपा सरकार कॉरपोरेट्स के हित में काम कर रही है और कोयला खदान विस्तार परियोजना के लिए जैव विविधता से समृद्ध हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ काटे जा रहे हैं.
कोयला खदान परियोजनाओं के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन में बैज और कई कांग्रेस कार्यकर्ता सरगुजा जिले के हरिहरपुर में ग्रामीणों के साथ शामिल हुए.
मालूम हो कि, राज्य के उत्तरी भाग में कोरबा, सरगुजा और सूरजपुर जिलों में 1,878 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हसदेव-अरण्य कोयला क्षेत्र रायपुर से लगभग 300 किमी दूर स्थित है. इस क्षेत्र को इसके समृद्ध जंगल के लिए ‘छत्तीसगढ़ का फेफड़ा’ कहा जाता है.
बैज पिछले दिनों आदिवासियों के एक प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने सोशल मीडिया मंच “एक्स” पर लिखा, भाजपा आदिवासी मुख्यमंत्री को चेहरा बनाकर अडानी के लिए छत्तीसगढ़ के जल, जंगल और जमीन को लूटने का काम कर रही है, सरकार बनने के साथ ही हसदेव में जंगल की कटाई शुरू होना इसका प्रमाण है.
बस्तर से लोकसभा सदस्य बैज ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैंने कहा था कि बीजेपी हमारे प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने के लिए आदिवासी चेहरे का इस्तेमाल करेगी.”
उन्होंने कहा, “एक तरफ विष्णु देव और एक तरफ हसदेव. आप तय करें कि किसे बचाना है. हसदेव को बचाने के लिए हम आपके (प्रदर्शनकारियों) साथ हैं. हमने हसदेव को बचाने के लिए प्रस्ताव पारित किया, केंद्र को पत्र लिखा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।”
उन्होंने आरोप लगाया कि विष्णु देव साई सरकार ने जल, जंगल, जमीन और खनिज संसाधनों सहित प्राकृतिक संसाधनों को अडानी (समूह) को सौंपना शुरू कर दिया है.
उन्होंने कहा, ”छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा 26 जुलाई, 2022 को एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था कि हसदेव क्षेत्र में खनन गतिविधियां नहीं की जाएंगी और केंद्र को भेजा जाएगा.”
बैज ने दावा किया कि दिसंबर 2023 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से अब तक हसदेव क्षेत्र में 50,000 पेड़ काटे गए हैं, और कहा कि कुल 3 लाख पेड़ काटे जाएंगे.
उन्होंने भाजपा मुख्यमंत्री साय के इस दावे को खारिज कर दिया कि जैव विविधता से भरपूर हसदेव अरंड में कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई की अनुमति पिछली कांग्रेस सरकार ने दी थी.