अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | यूपी के इटावा से भाजपा के सांसद राम शंकर कठेरिया को शनिवार को एमपी -एमएलए कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई है और उनके ऊपर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद उनकी संसद की सदस्यता जा सकती है।
कोर्ट ने उनको यह सजा मारपीट करने और बलवा करने के लिए
दोषी सिद्ध होने पर सुनाई है। कोर्ट ने जिस मामले में इनको सजा सुनाई है वह मामला 2011 का है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 नवंबर 2011 को साकेत माल में बिजली चोरी से संबंधित मामले का मैनेजर भावेश रसिक लाल शाह सुनवाई और निपटारा कर रहे थे। उसी दौरान स्थानीय सांसद राम शंकर कठेरिया अपने 10 -15 समर्थकों के साथ उनके कार्यालय में घुस गए और भावेश के साथ मारपीट की। इसमें उनको काफी चोट आई थी।
इसके बाद इस मामले में केस दर्ज हुआ था और यह मामला अदालत में चल रहा था। इस मामले की लगातार एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई हो रही थी। कोर्ट ने सुनवाई में सबूतों के आधार पर सांसद राम शंकर कठेरिया को दोषी पाया और उनके ऊपर दोष सिद्ध हुआ।
शनिवार को एम पी -एम एल ए कोर्ट ने दोष सिद्ध होने के आधार पर धारा 147 और धारा 323 के तहत राम शंकर कठेरिया को 2 साल की सजा सुनाई और उनके ऊपर 50 हजार रूपये का जुर्माना लगाया।
राम शंकर कठेरिया को सजा सुनाए जाने की जैसे ही जानकारी सामने आई तो लखनऊ और दिल्ली तक सत्ता में बहस तेज़ हो गई। हर किसी की जुबान पर यही था कि अब राम शंकर कठेरिया की संसद सदस्यता खत्म हो जाएगी। इसकी वजह भी है कि 2 साल की सजा हो जाने पर सदस्यता जाने का प्रावधान है।
अब केवल वक्त का इंतजार है कि कितनी जल्दी राम शंकर कठेरिया की संसद सदस्यता खत्म किए जाने की घोषणा की जाती है। राम शंकर कठेरिया को सजा सुनाए जाने से भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। भाजपा को इससे उबरने में बड़ा वक्त लगेगा।
राम शंकर कठेरिया इस वक्त मध्य प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी भी हैं। राम शंकर कठेरिया के खिलाफ अब मध्य प्रदेश में भी विपक्षी दल कांग्रेस चुनाव में भाजपा की बोलती बंद कर देगा। राम शंकर कठेरिया को अदालत द्वारा 2 साल की सजा सुनाए जाने से भाजपा बैकफुट पर है।