इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | नेशनल फेडरेशन ऑफ यूथ मूवमेंट ने जयपुर-मुंबई ट्रेन में आरपीएफ जवान द्वारा एक साथी अधिकारी सहित तीन मुस्लिम यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने की घटना और हरियाणा के मेवात में सांप्रदायिक हिंसा की निंदा की है जिसमें एक मस्जिद के इमाम सहित तीन अन्य लोगों की मौत हो गई है.
नेशनल फेडरेशन ऑफ यूथ मूवमेंट के चेयरमैन शुहैब सीटी ने कहा है कि, “इस प्रकार की घटनाएं क़ानून व्यवस्था में लापरवाही को उजागर करती है. ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा में तैनात पुलिस कांस्टेबल द्वारा तीन मुस्लिम नाम और पहचान वाले यात्रियों को अलग अलग बोगी से चुनकर मारने की घटना भयावह है जो आम नागरिक और ख़ासकर अल्पसंख्यों को सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करती हैं.”
जयपुर – मुम्बई ट्रेन में आरपीएफ जवान के हमले में मारे गए मृतकों में सैयद सैफुल्लाह जो हैदराबाद के नामपल्ली के रहने वाले थे, दूसरे मृतक अब्दुल कादिर भाई मुहम्मद हुसैन जो 62 वर्ष के थे और महाराष्ट्र के पालघर के रहने वाले थे, तीसरे मृतक असगर अब्बास शेख जिनकी उम्र 48 साल थी जो बिहार के मधुबनी के रहने वाले थे और जयपुर में परिवार के साथ रहते थे. मृतक ASI टीकाराम मीणा की उम्र 58 साल थी.
फैडरेशन द्वारा RPF कॉन्स्टेबल चेतन द्वारा 3 मुस्लिम यात्रियों और एक ASI की हत्या के बाद मीडिया चैनलों पर चेतन को “मेंटली अनस्टेबल” या मानसिक रूप से अस्वस्थ बताकर एक पूरी मशीनरी द्वारा आरोपी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है.
फैडरेशन के चेयरमैन ने कहा है कि, “तीन अलग अलग बोगी में जाकर मुस्लिम नाम और पहचान के यात्रियों को मारना और ख़ास विचाराधारा के समर्थन में बयान देना यह साबित करता है कि आरोपी मानसिक रुप से बिलकुल स्वस्थ है और सोच समझ कर किया गया अपराध है.”
फेडरेशन के अध्यक्ष शुहैब सीटी ने ट्रेन हादसे में मारे गए मुस्लिम यात्रियों को उचित मुआवज़ा देने और आरोपी कांस्टेबल को कठोर दण्ड देने की मांग की है ताकि पुलिस सुरक्षा पर आम जन और विशेषकर अल्पसंख्यकों में विश्वास को बहाल किया जा सके.
इसी प्रकार हरियाणा के नूंह जिले में सोमवार को दक्षिणपंथी समूहों बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा निकाली गई ‘बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा’ के दौरान सांप्रदायिक झड़प के बाद भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो चुकी है और मस्जिद सहित दर्जनों दुकानों को आग लगा दी गई है.
गुरुग्राम के सेक्टर 57 में स्थित अंजुमन जामा मस्जिद को आग लगा दी गई और मस्जिद के इमाम मौलाना साद की कथित तौर पर 70-80 लोगों की हिंदुत्ववादी भीड़ ने हत्या कर दी.
फेडरेशन के चेयरमैन शुहैब सीटी ने कहा है कि हिंसा में गुरुसेवक और नीरज नाम के दो होम गार्ड और एक अज्ञात व्यक्ति मारा जाना दुखद है.
गुरुग्राम डीसीपी (पूर्व) नितीश अग्रवाल ने बीबीसी से बात करते हुए कहा है कि, “जिस समय मस्जिद पर हमला हुआ, पुलिस बल वहां सुरक्षा में तैनात थे लेकिन हमलावरों की संख्या बहुत ज़्यादा थी और उन्होंने अचानक गोली चला दी थी.”
फैडरेशन ने कहा है कि गुरुग्राम में भारी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी मस्जिद में आगज़नी, गोलीबारी और इमाम की हत्या जैसी घटना का होना यह साबित करता है कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और उनमें क़ानून का खौफ़ नहीं है.
फेडरेशन चेयरमैन ने कहा है कि, मेवात में जुनैद नासिर हत्या के आरोपी मोनू मानेसर और उसके साथी बिट्टू बजरंगी द्वारा माहौल ख़राब करने पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई न करना भी चिंताजनक है.
फेडरेशन ने कहा है कि बजरंदल और वीएचपी द्वारा यात्रा निकालने से पहले मोनू मानेसर द्वारा वीडियो साझा कर यात्रा में शामिल होने की बात कहने के बाद ही माहौल ख़राब हुआ है लेकिन अभी तक इन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
नेशनल यूथ फेडरेशन के महासचिव मोहम्मद उमर खान द्वारा मीडिया को जारी बयान में कहा गया है कि, फैडरेशन की मांग है कि आरोपियों, माहौल ख़राब करने वालों और फर्ज़ी सूचनाएं प्रसारित कर माहौल को साम्प्रदायिक बनाने वालों पर सख़्त कार्रवाई हो , हिंसा में मारे गए मस्जिद के इमाम और अन्य को उचित मुआवज़ा दिया जाए और उनके परिवार को नौकरी भी दी जाए.
फैडरेशन सरकार से हिंसा को शीघ्र रोकने, शांति व्यवस्था, सद्भावना बहाल करने और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाइयों की मांग करती है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो