इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | हरियाणा के नूंह जिले में सोमवार को दक्षिणपंथी समूहों बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) द्वारा निकाली गई ‘बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा’ के दौरान सांप्रदायिक झड़प के बाद भड़की हिंसा में अब तक कुल चार लोगों की मौत हो चुकी है.
सोमवार रात में गुरुग्राम सेक्टर 57 की मस्जिद पर हमला कर एक नायब इमाम की हत्या कर दी गई और मस्जिद में आग लगा दी गई.
इस घटना के बाद नूंह जिले के मेवात समेत कई इलाकों में तनाव की स्थिति बनी हुई है. गुरुग्राम समेत हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है. सोमवार शाम को सभी स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है.
गुरुग्राम के सेक्टर 57 में स्थित अंजुमन जामा मस्जिद को सोमवार रात आग लगा दी गई और मौलाना साद, मस्जिद के इमाम की कथित तौर पर 70-80 लोगों की हिंदुत्ववादी भीड़ ने हत्या कर दी.
पुलिस ने बताया कि हिंसा में गुरुसेवक और नीरज नाम के दो होम गार्ड और एक अज्ञात व्यक्ति भी मारा गया.
गुरुग्राम डीसीपी (पूर्व) नितीश अग्रवाल ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, “मस्जिद के नायब इमाम की हमले में मौत हुई है. इस घटना के संबंध में एफ़आईआर दर्ज की गई है और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है.”
डीसीपी के मुताबिक़, “जिस समय मस्जिद पर हमला हुआ, पुलिस बल वहाँ सुरक्षा में तैनात थे लेकिन हमलावरों की संख्या बहुत ज़्यादा थी और उन्होंने अचानक गोली चला दी थी. पुलिस घटना से जुड़े वीडियो जुटा रही है और हमलावरों की पहचान की जा रही है. कुछ संदिग्ध हमलावरों को हिरासत में भी लिया गया है.”
सांप्रदायिक झड़प के बाद नूंह में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. धारा 144 लागू कर दी गई है. मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है.
पुलिस अधिकारी के अनुसार भीड़ ने गोलियां चलाईं, जिसमें दो लोग घायल हो गए और इनमें से एक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. मृतक मस्जिद के इमाम की पहचान बिहार निवासी साद के रूप में हुई है.
वहीं नूंह जिले में शोभा यात्रा के दौरान भड़की हिंसा में घायल दो और लोगों ने दम तोड़ दिया है. मृतकों की पहचान होमगार्ड नीरज और गुरसेवक और भादस गांव निवासी शक्ति के रूप में हुई है. हिंसा में मारे गए चौथे व्यक्ति की अभी पहचान नहीं हो पाई है.
नूंह में हिंसा के दौरान 23 लोगों के घायल होने की सूचना है. पुलिस ने इस मामले में 11 एफआईआर दर्ज की हैं और 27 लोगों को हिरासत में लिया है.
कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा नूंह में सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी सहित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफएस) की कुल 20 कंपनियां (लगभग 2,000 कर्मी) तैनात की गई हैं.
बजरंग दल के सदस्य मोनू मानेसर ने कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो में दावा किया था कि वह और उनकी टीम इस यात्रा में शामिल होंगे, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया था.
मोनू मानेसर, इस साल फरवरी में राजस्थान के भरतपुर में दो मुस्लिम युवकों के अपहरण और हत्या के मामले में संदिग्ध है.
हत्या के मामले में शामिल होने के कारण स्थानीय लोगों ने मोनू की नूंह यात्रा का विरोध किया और कहा कि इससे क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ जाएगा.
हिंसा सोमवार दोपहर के आसपास तब भड़की जब श्रद्धालुओं को ले जा रहे लगभग आधा दर्जन वाहन नूंह चौक पर पहुंचे, जिससे अफवाह फैल गई कि मोनू मानेसर एक वाहन के अंदर था.
गाड़ियों पर ‘गोरक्षक’ लिखा हुआ था, जिससे यह अफवाह फैल गई कि उनमें मोनू मानेसर था. जैसे ही गाड़ियां नूंह चौक पर पहुंचीं, मुट्ठी भर किशोरों ने गाड़ियों पर पथराव कर दिया.
द हिंदू ने 36 वर्षीय गुरुग्राम के पिंटू सिंह के हवाले से कहा है कि, जल्द ही, पड़ोसी गांवों की भीड़ सड़क पर उतर आई और तोड़फोड़ करने लगी.” अखबार ने बताया कि हमले में उन्हें छर्रे लगे.
सोहना चौक से नूंह की ओर जाने वाले कम से कम चार वाहनों और एक दर्जन दुकानों में कथित तौर पर बजरंग दल के सदस्यों द्वारा तोड़फोड़ की गई.
नूंह में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. हालांकि, मंगलवार को किसी ताजा हिंसा की कोई खबर नहीं है. गुड़गांव में सभी शैक्षणिक संस्थान मंगलवार को बंद रहेंगे.
विपक्ष ने इस हिंसा पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और खट्टर सरकार को घेर रहा है. आम आदमी पार्टी ने हिंसा के लिए खट्टर सरकार को जिम्मेदार ठहराया और जांच की मांग की.
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा है कि, “हरियाणा की जनता से अपील करते हैं कि शांति बनाए रखें सौहार्दपूर्ण वातावरण बना के रखें, अफवाहों पर ध्यान न दें. खट्टर साहब कानून व्यवस्था को कायम रखने में पूरी तरह फेल रहे हैं. हरियाणा में और केंद्र में दोनों जगह BJP की सरकार है, लेकिन फिर भी ये कानून व्यवस्था नहीं संभाल सके.”
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “हरियाणा की हिंसा, मणिपुर के बाद ‘डबल इंजन’ सरकार की नाकामी का एक और उदाहरण है. सरकार के रूप में भाजपा का इंजन फ़ेल हो गया है.”