–सैयद अहमद अली
हैदराबाद | जमात-ए-इस्लामी हिंद (जेआईएच) और स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसआईओ) के कैडर्स तेलंगाना के वारंगल जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को राहत और बचाव सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने पानी में डूबे इलाकों से लोगों को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और पुलिस टीम के साथ मिलकर राहत एवं बचाव कार्य किया.
तेलंगाना में पिछले कुछ दिनों के दौरान सबसे भारी बारिश हुई, जिसके परिणामस्वरूप कई जिलों में भारी नुकसान हुआ. लगातार मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ में जानमाल की हानि, संपत्तियों को नुकसान और बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए. राज्य में 27 जुलाई को मूसलाधार बारिश के कारण आई बाढ़ से वारंगल और मुलुगु सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से हैं.
राज्य सरकार के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, शनिवार तक बाढ़ के कारण 23 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 14 अकेले मुलुगु जिले में हुई हैं. मुलुगु जिले में मारे गए 14 लोगों में से 8 अकेले कोंडई गांव के निवासी थे. सूत्रों का कहना है कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद शव मिलने पर मृतकों की संख्या अधिक हो सकती है.
पूरे राज्य में भारी बारिश से बाढ़ वाले क्षेत्रों से 30,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. प्रशासन द्वारा सामाजिक संगठनों की सहायता से उन्हें सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है.
बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन और कपड़े उपलब्ध कराने के अलावा, जमाअते इस्लामी और एसआईओ ने बाढ़ के पानी में डूबे इलाकों से लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए बचाव अभियान में भी हिस्सा लिया.
जेआईएच और एसआईओ कार्यकर्ताओं ने, जिनके पास उचित नावें नहीं थीं, ने बचाव कार्यों के लिए ट्यूबों का इस्तेमाल किया. एसआईओ ने एक बचाव दल का गठन किया, जिसका आपातकालीन फोन नंबर 7288957299 सोशल मीडिया पर साझा किया गया ताकि किसी को भी आपातकालीन सहायता की आवश्यकता होने पर उन्हें कॉल किया जा सके.
जमाअते इस्लामी वारंगल शहरी और ग्रामीण इकाई के अध्यक्ष अब्दुल हन्नान के अनुसार, वारंगल के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र नईमनगर, रामनगर, काकतीय चरण 2 कॉलोनी, हंटर रोड, शिवनगर और नेहरू नगर हैं. SIO और JIH इन क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं.
एसआईओ वारंगल शहर के अध्यक्ष हाफिज फहीमुद्दीन ने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं ने 8 फीट गहरे पानी में जाकर एक महिला को बचाया, जिसने सिर्फ आठ दिन पहले एक बच्चे को जन्म दिया था.
इसके अतिरिक्त, जमाअते इस्लामी और एसआईओ ने पुलिस के साथ सक्रिय रूप से सहयोग किया और मदद के लिए आपातकालीन कॉलों को उपयुक्त अधिकारियों तक पहुंचाया. उदाहरण के लिए, जब नईमनगर के वाग्देवी छात्रावास में लगभग 100 से 150 लड़कियाँ फंस गईं, तो उन्होंने तुरंत पुलिस और जिला कलेक्टर के साथ समन्वय किया, जिसके परिणामस्वरूप एक सफल बचाव अभियान शुरू हुआ.