इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आदेश दिया है कि 2008 के जयपुर बम ब्लास्ट मामले में राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा बरी किए गए चार व्यक्तियों को रिहा किया जाए.
हालांकि कोर्ट ने यह शर्त भी रखी कि उन व्यक्तियों को किसी अन्य मामले में उनकी हिरासत की आवश्यकता नहीं है. सभी आरोपियों को अपने पासपोर्ट राजस्थान सरकार के हवाले करने होंगे.
ज्ञात हो कि राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा आरोपियों के बरी किए जाने के ख़िलाफ़ राजस्थान सरकार और ब्लास्ट में मारे गये पीड़ितों के परिजनों द्वारा याचिका दायर की गई थी.
इससे पहले उच्च न्यायालय ने 29 मार्च 2023 को मामले में चार आरोपियों को मौत की सजा देने के निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया था और जांच एजेंसियों को उनकी ‘घटिया जांच’ के लिए फटकार लगाई थी.
हाईकोर्ट ने जांच एजेंसियों को घटिया जांच के लिए दोषी ठहराया था, और यहां तक कि राजस्थान पुलिस के प्रमुख को जांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिया थे.
उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि, “हमारा मानना है कि दिए गए मामले में जांच एजेंसी को उनकी लापरवाही, सतही और अक्षम कार्यों के लिए जिम्मेदार/जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।”
13 मई 2008 को राजस्थान की राजधानी जयपुर में शहर के माणक चौक खंडा, चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर एक के बाद एक बम धमाकों से जयपुर दहल उठा था. विस्फोटों में 71 लोग मारे गए थे और 185 घायल हुए थे.