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Sunday, May 5, 2024
Home एजुकेशन राजस्थान में मदरसा पैराटीचर्स बनेंगे शिक्षा अनुदेशक, मानदेय में भी होगी बढ़ोतरी

राजस्थान में मदरसा पैराटीचर्स बनेंगे शिक्षा अनुदेशक, मानदेय में भी होगी बढ़ोतरी

– रहीम ख़ान

जयपुर | राजस्थान में मदरसा पैराटीचर्स का मानदेय बढ़ाने और नियमितीकरण की लंबे समय से मांग हो रही थी, आखिरकार गहलोत सरकार ने मदरसा पैराटीचर्स को शिक्षा अनुदेशक बनाने की अधिसूचना जारी कर दी है.

सोमवार 13 मार्च को अल्पसंख्यक मामलात विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल और संयुक्त शासन सचिव जमील अहमद कुरैशी द्वारा मदरसा पैराटीचर को शिक्षा अनुदेशक के नए पदनाम और मानदेय वृद्धि की अधिसूचना जारी की गई है.

मदरसा पैराटीचर्स का मानदेय बढ़ाने और नियमितीकरण की मांग लंबे समय से चल रही थी. इस अधिसूचना से अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग में कार्यरत 5656 मदरसा पैराटीचर्स को अभी हाल ही में संविदा कर्मियों के लिए बनाए गए Rajasthan Contractual Hiring to Civil Posts Rules, 2022 के अन्तर्गत ले लिया गया है.

इस अधिसूचना के अनुसार ऐसे उर्दू शिक्षा सहयोगी (मदरसा पैराटीचर्स) जिनकी शैक्षणिक योग्यता बी. एड / डी.एल.एड/बी.एस.टी.सी. है उनका नवीन पदनाम शिक्षा अनुदेशक और  निर्धारित मानदेय 16900 ₹ कर दिया गया है.

यह समेकित पारिश्रमिक निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगा

1. इन नियमों के अन्तर्गत आने से पूर्व यदि किसी कार्मिक को उपरोक्त निर्धारित किये जा रहे पारिश्रमिक से अधिक पारिश्रमिक प्राप्त है तो ऐसे कार्मिकों को वर्तमान में प्राप्त पारिश्रमिक को संरक्षित किया जाएगा.

2. ऐजेन्सी के माध्यम से अथवा जोब बेसिस पर कार्यरत कार्मिकों को इन नियमों के अन्तर्गत नहीं लिया जायेगा.

3. Rajasthan Contractual Hiring to Civil Posts Rules, 2022 के नियम 3 के प्रावधान के अनुसार कार्यरत कार्मिकों को पद के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव की शर्त पूरी करने पर ही इन नियमों के अन्तर्गत लाया जायेगा.

4. प्रशासनिक विभाग द्वारा विद्यमान कार्मिक, जो कि B.ED./B.S.T.C/D.L.ED योग्यताधारी है उनका संशोधित जॉब चार्ट निर्धारित किया जायेगा.

5. ऐसे विद्यमान कार्मिक जो कि B.ED./B.S.TC/D.LED योग्यताधारी नहीं है उनका पूर्व में निर्धारित पदनाम एवं पारिश्रमिक यथावत रहेगा.

6. Rajasthan Contractual Hiring to Civil Posts Rules, 2022 के अन्तर्गत उपरोक्त पदो के कार्मिकों को निम्नानुसार सेवा अवधि पूर्ण करने पर उच्चतर पारिश्रमिक एवं पदनाम दिये जाने की स्वीकृति प्रदान की जाती है.

7. 9 वर्ष की संविदा सेवा अवधि पूर्ण करने पर पदनाम शिक्षा अनुदेशक ग्रेड-2 होगा और 9 वर्ष में प्राप्त मानदेय में दो वार्षिक वृद्धि जोड़कर मासिक संशोधित पारिश्रमिक 29600/- होगा.

8. 18 वर्ष संविदा सेवा अवधि पूर्ण करने पर पदनाम शिक्षा अनुदेशक ग्रेड-1 होगा और 18 वर्ष में प्राप्त मानदेय में दो वार्षिक वृद्धि जोड़कर मासिक संशोधित पारिश्रमिक 51600/- होगा.

नियमितीकरण की के मांग पर आंदोलन चलाने वाले शमशेर खान ने जताई ख़ुशी

इस आदेश के आने के बाद संविदा कर्मियों के नियमितीकरण के लिए दांडी यात्रा और अन्य कई आंदोलन चलाने वाले शमशेर भालू खान ने इंडिया टुमारो को बताया कि यह गहलोत सरकार द्वारा सभी संविदा कर्मियों के लिए लिया गया यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा, निसंदेह सरकार का यह कार्य संविदा कर्मीयों के नियमितीकरण की ओर पहला कदम है. हमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ पर पूरा विश्वास है, समय आने पर सभी संविदा कर्मी नियमित होंगे.

उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा 2013 के बाद से ही मदरसा पैरा टीचर्स की कोई भर्ती नहीं की गई, भाजपा सरकार ने मदरसा पैरा टीचर्स के लिए कुछ करने की जगह उल्टा उनका उत्पीड़न ही किया.

उन्होंने कहा कि मौजूदा गहलोत सरकार द्वारा मदरसा पैरा टीचर्स की पीड़ा को सुना गया है और जल्दी ही लगभग 7000 नए मदरसा पैरा टीचर्स की भर्ती भी की जाएगी इसके लिए हम सरकार को धन्यवाद देते हैं.

मदरसा शिक्षक संघ असंतुष्ट, कहा वादा पूरा नहीं हुआ

राजस्थान मदरसा पैराटीचर संघ के प्रदेश अध्यक्ष आज़म ख़ान पठान ने इंडिया टुमारो को बताया कि, हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन हमारी अब भी यही मांग है कि चुनावी घोषणा पत्र में सरकार ने नियमितीकरण का जो वादा किया था उसको पूरा किया जाए.

उन्होंने कहा, सरकार आईएएस पैटर्न के आधार पर अनुभव की गणना करने की बात कर रही है उससे हम सहमत नहीं है हम चाहते हैं की बिना किसी पैटर्न के पूरे अनुभव की गणना की जाए.

मदरसा पैराटीचर संघ के पूर्व अध्यक्ष सैय्यद मसूद अख्तर ने इंडिया टुमारो को बताया कि सरकार का यह आदेश मदरसा पैरा टीचर्स के साथ एक छलावा है. हमारी शुरू से मांग नियमितीकरण की ही रही है जिसका सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी वादा किया था.

उन्होंने कहा, इस आदेश से संविदाकर्मियों का नियमितीकरण नहीं हो रहा है, नए नियम बना कर सरकार भविष्य में भी हमें संविदा कर्मी ही रखना चाहती है नियमित नहीं करना चाहती. सरकार ने पैराटीचर्स का मानदेय 16900₹ किया है इस महंगाई के जमाने में वो बहुत कम है, जब तक नियमितीकरण नहीं होता हमारा मानदेय कम से कम 30 हजार रुपए प्रतिमाह होना चाहिए.

कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है कि राजस्थान के मदरसा पैरा टीचर्स को बधाई, आपकी लड़ाई लम्बी थी लेकिन अंत में अशोक गहलोत जी ने आपकी मॉंग को मानते हुए आज घोषणा कर दी.

उन्होंने कहा, मैं श्री राहुल गॉंधी जी, वेणुगोपाल जी, अशोक गहलोत जी का शुक्रिया अदा करता हूँ कि हमारी मॉंगों को माना गया। आने वाले कुछ ही वक्त में नियमितीकरण भी होगा जिस की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने बजट भाषण में कर दी है.

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