इंडिया टुमारो
श्रीनगर | केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (JKSSB) द्वारा जॉब टेस्ट आयोजित करने के लिए एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को नियुक्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हुए हैं.
जम्मू में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बेरोज़गार युवाओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
यह सब जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड द्वारा जॉब टेस्ट के लिए APTECH Limited को हायर करने के फैसला के बाद हुआ, इस कंपनी को 2019 में कंप्यूटर आधारित टेस्ट में गड़बड़ी सामने आने के बाद ब्लैकलिस्ट कर दिया गया था.
इससे पहले, लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने गैर कानूनी कार्यों और पेपर लीक के आरोपों के बाद 1,200 पुलिस सब इंस्पेक्टर, 1300 जूनियर इंजीनियरों और 1,000 फाइनेंस अकाउंट असिस्टेंट (FAA) की चयनित सूची को रद्द कर दिया था.
3 अगस्त को जेके प्रशासन की ओर से मामला दर्ज करके सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने पहले ही मास्टरमाइंड, रेवाड़ी के यतिन यादव और बीएसएफ कमांडेंट सहित 24 लोगों के खिलाफ 12 नवंबर 2022 को चार्जशीट दायर कर दी थी.
श्रीनगर में प्रेस एन्क्लेव में शांतिपूर्ण विरोध भी आयोजित किया गया, जहां नौकरी के इच्छुक कई उम्मीदवारों ने APTECH और जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड के खिलाफ नारे लगाए.
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “मैं कड़े शब्दों में, छात्रों और जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड के उम्मीदवारों के खिलाफ बल प्रयोग और लाठीचार्ज की निंदा करता हूं. ये युवा ब्लैक लिस्टेड फर्म को शामिल करने के हालिया फैसले के विरोध में अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे थे.”
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी जम्मू में नौकरी के इच्छुक लोगों पर लाठीचार्ज की निंदा की.
उन्होंने कहा, “कई बेरोज़गार युवा श्रीनगर और जम्मू दोनों जगहों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं उन पर लाठीचार्ज किया गया, और मैं इसकी कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करती हूं. क्या यह उनकी गलती है कि वे भाजपा सरकार से पूछना चाहते थे कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है?”
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा कि, “ब्लैक लिस्टेड फर्म को कॉन्ट्रेक्ट मिले यह सुनिश्चित करने के लिए कानून बदल दिए गए. इसलिए ही युवक यह सवाल पूछ रहे थे, लेकिन उन पर लाठीचार्ज किया गया, उन्हें हिरासत में ले लिया गया. इसलिए मैं मांग करती हूं कि एलजी इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें.”
पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की. उन्होंने ट्वीट किया कि, “APTECH का विरोध कर रहे छात्रों के खिलाफ बल प्रयोग की कड़ी निंदा करते हैं. छात्रों के खिलाफ बल प्रयोग से पता चलता है कि प्रशासन कितना असामाजिक है. युवा छात्रों के खिलाफ बल प्रयोग का आदेश कौन देगा? शर्म करो. आप के घर में शायद उसी उम्र के बच्चे होंगे.”