इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार, 18 फरवरी को मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील अंसार इंदौरी के राजस्थान स्थित उनके घर पर छापा मारा. एनआईए अधिकारियों द्वारा अधिक्वक्ता के घर से कुछ किताबें भी ज़ब्त की गईं.
अंसार इंदौरी उस कानूनी टीम का हिस्सा हैं जिसने राजस्थान हाईकोर्ट में एनआईए द्वारा दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी है, इसके 10 दिन बाद ही उनके घर पर NIA ने छापा मारा.
रिपोर्ट के अनुसार एनआईए ने शनिवार सुबह करीब पांच बजे अंसार इंदौरी के कोटा स्थित घर पहुंची और तीन घंटे तक छापेमारी जारी रही.
एनआईए सूत्रों ने बताया कि यह छापेमारी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक मामले से संबंधित है जिसे एजेंसी ने पिछले साल दायर किया था.
एजेंसी ने राजस्थान में जिन सात स्थानों पर छापेमारी की जिसमें अंसार इंदौरी का कोटा स्थित घर भी शामिल है.
जब्त की गई किताबों में भोपाल के लेखक एलएस हरदेनिया की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर का काम, कश्मीर पर दो मानवाधिकार रिपोर्ट, रिहाई मंच द्वारा ‘जिंदाबाद मुर्दाबाद के बीच फंसी देशभक्ति’ शीर्षक वाली एक रिपोर्ट और कोऑर्डिनेशन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट.
जब्त की गई किताबों में भोपाल के लेखक एलएस हरदेनिया की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रसिद्ध कृति, कश्मीर पर दो मानवाधिकार रिपोर्ट, रिहाई मंच द्वारा ‘जिंदाबाद मुर्दाबाद के बिच फांसी देशभक्ति’ नामक एक रिपोर्ट और डेमोक्रेटिक राइट्स ऑर्गेनाइजेशन पर एक रिपोर्ट शामिल है.
एनआईए मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ कई कानूनी लड़ाई लड़ने वाले कील को पूछताछ के लिए एक स्थानीय पुलिस स्टेशन भी ले गई हालांकि, एक घंटे में उन्हें रिहा कर दिया.
मीडिया पोर्टल दि वायर को दिए बयान में उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि एफआईआर को चुनौती देने के बाद छापा मुझे परेशान करने के लिए है. यह मानवाधिकारों के लिए मेरी लड़ाई को देखते हुए मुझे धमकाने या गलत तरीके से फंसाने का प्रयास है.”
इससे पहले, अंसार इंदौरी को त्रिपुरा पुलिस द्वारा यूएपीए एफआईआर में भी शामिल किया गया था, जब उन्होंने दंगे और मुसलमानों के घरों और इबादतगाहों पर हमले की जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग टीम के साथ त्रिपुरा का दौरा किया था.
उन्होंने मीडिया से कहा है कि, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और वकीलों को दंडित करने और फंसाने का प्रयास बंद होना चाहिए.