इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | सोसाइटी फॉर ब्राइट फ्यूचर (एसबीएफ) ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के दंत चिकित्सा विभाग के सहयोग से दिल्ली के अबुल फजल एन्क्लेव के रेज़ीडेंट वेलफेयर एसोसियेशन (आरडब्ल्यूए) परिसर में बुधवार, 25 जनवरी 2023 को एक डेंटल चेकअप कैंप का आयोजन किया.
एसबीएफ द्वारा आयोजित इस कैंप में 150 से अधिक लोगों का डेंटल चेकअप किया गया और उन्हें मुफ्त में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी गयी.
इस कैंप में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के दंत चिकित्सा विभाग की डॉ निकहत परवीन, डॉ एजाज़ अहमद, डॉ फव्वाज़ जावेद खान और डॉ गौरव शर्मा ने रोगियों का डेंटल चेकअप किया और उन्हें उचित परामर्श दिये.
निःशुल्क डेंटल चेकअप कैंप का लाभ उठाने वालों ने एस कैंप के आयोजन को लेकर काफी उत्साहित दिखे और इस तरह के कैंप बार-बार लगाये जाने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया.
डेंटल चेकअप कैंप में शामिल लोगों का कहना था कि जो लोग फीस लोग देने में असमर्थ हैं उनके लिये इस प्रकार के कैंप किसी वरदान से कम नहीं हैं.
इस मौके पर सोसाइटी फॉर ब्राइट फ्यूचर के राष्ट्रीय समन्वयक इरफ़ान अहमद ने कहा कि, “हम 21 सदी में भी जब मेडिकल साइंस ने प्रगति के नये आयाम छुये हैं आज भी हमारे समाज का एक बड़ा तबका समुचित चिकित्सा पाने में असमर्थ है. यह एक बड़ा चैलेंज है जिसमें सोसाइटी फॉर ब्राइट फ्यूचर इस तरह के कैंप आयोजित करके लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहय्या कराने का काम कर रही है.”
उन्होंने कहा कि, “सोसाइटी फॉर ब्राइट फ्यूचर पूरे देश विशेष तौर उत्तर भारत में समय-समय पर जनरल मेडिकल कैंप भी लगाती है जिससे कि समाज के निर्धन तबके को चिकित्सा सुविधा मुहय्या कराई जा सके.”
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष मो आसिफ ने इस कैंप के आयोजन के लिये सोसाइटी फॉर ब्राइट फ्यूचर (एसबी एफ) और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के दंत चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों की प्रशंसा की.
उन्होंने कहा कि, ऐसे कैंप समय समय पर आयोजित होते रहने चाहियें जिससे कि आम जन मानस को चिकित्सा सुविधा मुहय्या कराई जा सके.
इस कैंप में शामिल जामिया मिल्लिया इस्लामिया के दंत चिकित्सा विभाग के डॉक्टर डॉ फव्वाज़ जावेद खान ने कहा कि, “दंत चिकित्सा विभाग की ओर स इस प्रकार के कैंप जामिया नगर इलाके के अन्य जगहों पर भी लगाये जाते हैं जिससे कि लोगों को चिकित्सा मुहय्या कराई जा सके.”
इस कैं के आयोजन में सोसाइटी फॉर ब्राइट फ्यूचर (एसबीएफ) के दिल्ली राज्य के संयोजक मो शहज़ाद और सह संयोजक उमरुल हसन सहित अन्य पदाधिकारियों और वालंटीयर्स की अहम भूमिका रही.