-काविश अज़ीज़
लखनऊ | लखनऊ में मंगलवार को वज़ीर हसन रोड पर स्थित अलाया अपार्टमेंट, भूकंप के झटके से गिर गया, बिल्डिंग के गिरने से 28 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है.
मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार 14 लोगों को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला है और सभी घायलों को शहर के सिविल हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है.
बिल्डिंग के गिरने की खबर सुनते ही डिप्टी सीएम बृजेश पाठक समेत शहर के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया. कई थानों की फोर्स पहुंच गई, 2 किलोमीटर की दूरी तक सिर्फ एम्बुलेंस और पुलिस की गाड़ियां नज़र आ रही हैं.
एक धमाका हुआ और बिल्डिंग ध्वस्त हो गई
इस 5 मंजिला इमारत में करीब 7 फैमिली रहती थी, इंडिया टुमारो से बात करते हुए अपार्टमेंट के बगल में रह रही अनूजा ने बताया कि मैने अपनी आंखों से बिल्डिंग को गिरते हुए देखा है.
उन्होंने कहा कि, जैसे एक धमाका हुआ और सेकेंडों में पूरी बिल्डिंग ध्वस्त हो गई, बेसमेंट में काफी समय से काम चल रहा था लेकिन इसके पहले कभी ऐसी कोई शिकायत नही आई.
बिल्डिंग के बेसमेंट में ड्रिलिंग का काम चल रहा था
अलाया अपार्टमेंट में सबसे पहले फ्लैट लेने वाली रंजना अवस्थी तीसरे फ्लोर पर रहती थी, घटना में वह भी घायल हैं और चश्मदीद भी हैं.
रंजना कहती हैं कि मैं और मेरी बेटी बैठी हुई थी, मैंने चाय का कप रखा ही था कि अचानक बिल्डिंग गिर गई, कुछ समझ नहीं आया कि क्या हुआ. काफी समय से बिल्डिंग के बेसमेंट में ड्रिलिंग का काम चल रहा था शायद इसीलिए बिल्डिंग गिर गई.
वहीं चौथे फ्लोर पर रह रही नसरीन ने बताया कि वह 6 साल से इस बिल्डिंग में रह रही है और कभी कोई शिकायत नहीं हुई. आज जब अचानक हादसा हुआ तो उन्हें कुछ समझ में नहीं आया.
14 लोगों को रेस्क्यू किया गया
सिविल हॉस्पिटल में एडमिट तमाम पीड़ितों से मिलने भाजपा के मंत्री दानिश आजाद अंसारी पहुंचे. वही बिल्डिंग के मलबे में फंसे समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्बास हैदर की पत्नी उज़मा हैदर और उनकी मां को अभी तक मलबे से निकाला नहीं जा सका है.
28 से अधिक लोग मलबे में फंसे हुए हैं, खबर लिखे जाने तक एनडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम दबे हुए लोगों को तलाशने की कोशिश कर रही है और 14 लोगों को रेस्क्यू कर चुकी है.
अभी भी बहुत से लोग दबे हैं
शहर के सबसे पॉश इलाके में इतनी बड़ी घटना को लेकर लोग हैरत में हैं. जिनके रिश्तेदार या परिचित इस मलबे में दबे हैं वह सिर्फ ऊपर वाले से दुआ कर रहे हैं कि सब लोग हिफाजत के साथ बाहर आ जाएं लेकिन जैसे-जैसे वक्त गुजर रहा है सभी की परेशानी और अपने लोगों के जीवन को लेकर आशंका बढ़ती जा रही है.