स्टाफ रिपोर्टर | इंडिया टुमारो
लखनऊ | उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश में गैर मुस्लिम बच्चों को प्रवेश देने वाले मदरसों की कोई जांच नहीं होगी और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जांच कराने की सिफारिश को खारिज कर दिया है.
ज्ञात हो कि बाल अधिकारों के लिए कार्यरत सरकारी संस्था राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग-NCPCR ने मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों के एडमिशन को लेकर पिछले माह राज्य सरकारों को एक नोटिस जारी किया था.
साथ ही एनसीपीसीआर ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक पत्र लिखकर ऐसे सभी सरकारी वित्त पोषित/ मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच करने को कहा था, जो गैर मुस्लिम बच्चों को प्रवेश दे रहे हैं.
यूपी में मदरसा शिक्षा परिषद की लखनऊ में कल एक बैठक हुई, जिसमें यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया कि राज्य में गैर मुस्लिम बच्चों को प्रवेश देने वाले मदरसों की कोई जांच नहीं होगी.
बैठक में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की उस सिफारिश को एक सिरे से खारिज कर दिया गया, जिसमें उसने गैर मुस्लिम बच्चों को प्रवेश देने वाले मदरसों की जांच करने के लिए कहा था और वहां पर पढ़ रहे गैर मुस्लिम बच्चों का प्रवेश अन्य दूसरे विद्यालयों में कराए जाने की सिफारिश की थी.
मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिफारिश को यह कहकर खारिज कर दिया गया कि आयोग की यह सिफारिश धार्मिक आधार पर भेदभाव वाली है.
मदरसा बोर्ड (शिक्षा परिषद) के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद का इस संबंध में कहना है कि, “राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की मदरसों में पढ़ने वाले गैर मुस्लिम बच्चों के संबंध में की गई सिफारिश न्यायसंगत नहीं है. यह सिफारिश धार्मिक आधार पर भेदभाव वाली है, इसलिए इसे खारिज कर दिया गया है.”
उन्होंने कहा कि, “बच्चों के माता-पिता अपनी इच्छा से बच्चों को मदरसों में पढ़ने के लिए भेज रहे हैं. इसलिए हम इस पर रोक नहीं लगा सकते हैं.”
मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में इसके अलावा यह भी फैसला लिया गया कि मदरसों में चरणबद्ध तरीके से एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा. जिस प्रकार से बेसिक शिक्षा विभाग ने अपने स्कूलों में कक्षा 1 से 3 तक एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया है, वही मदरसों में भी लागू रहेगा.
साथ ही कक्षा 3 से ऊपर की कक्षाओं में बेसिक शिक्षा विभाग की पुस्तकों को अनुमन्य किए जाने का फैसला लिया गया है, जिससे बच्चों को आसानी से पुस्तकें मिल सकें.
मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया. अनुदानित मदरसों में काम करने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाने का भी निर्णय लिया गया. मदरसा शिक्षा परिषद की इस महत्वपूर्ण बैठक में जितने भी निर्णय लिए गए हैं, वह सभी सर्वसम्मति से लिए गए हैं.
बैठक में मदरसा बोर्ड के सदस्य कमर अली, तनवीर रिज़वी, डॉ. इमरान अहमद और असद हुसैन तथा अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक जे. रीभा मौजूद रहे हैं.
प्राप्त सूचना के अनुसार यूपी में गैर मुस्लिम बच्चों को अपने यहां पर प्रवेश देने वाले मदरसों की जांच न कराए जाने और मदरसों में पढ़ने वाले गैर मुस्लिम बच्चों का दूसरे अन्य विद्यालयों में प्रवेश न कराने के मदरसा शिक्षा परिषद के निर्णय के पीछे राज्य की भाजपा सरकार का दबाव है.
मदरसा शिक्षा परिषद ने राज्य की योगी आदित्यनाथ की सरकार के दबाव में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. मदरसा शिक्षा परिषद ने इस तरह का निर्णय लेकर राज्य की भाजपा सरकार का दखल होने का संकेत दिया है.
मदरसा शिक्षा परिषद के इस फैसले का आगे आने वाले समय में दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकते हैं.