रहीम ख़ान | इंडिया टुमारो
जयपुर | राजस्थान में चूरू जिले की सरदारशहर विधानसभा सीट पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होने जा रहा है, वैसे तो यह महज़ एक विधानसभा सीट पर होने वाला ही चुनाव है लेकिन इसे गहलोत सरकार के लिए 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिटमस टेस्ट की तरह से देखा जा रहा है.
हाल में ही घटे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर हाल में यह सीट जीतकर अपनी धाक साबित करना चाहते हैं और भाजपा भी यह उपचुनाव जीतकर कर 2023 के चुनाव से पहले सत्ता की राह आसान करना चाहती है.
राजस्थान में जबसे कांग्रेस की सरकार बनी है तभी से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान चल रही है. 2018 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जब कांग्रेस सत्ता में आई तो अशोक गहलोत और सचिन पायलट मुख्यमंत्री के दावेदार थे. कई दिनों तक दिल्ली में दोनों के नामों पर चर्चा होती रही और आखिर में आलाकमान ने अशोक गहलोत का नाम मुख्यमंत्री के तौर पर फाइनल कर दिया और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से संतोष करना पड़ा.
पायलट के मन में लगातार यह पीड़ा थी की वो मुख्यमंत्री पद के हकदार थे और अशोक गहलोत इसमें बाजी मार गए. जुलाई 2020 में पायलट ने विधायकों का समर्थन जुटाना शुरू किया और अपने साथ 18 विधायकों को हरियाणा के मानेसर में ले जाकर उन्होंने बगावत कर दी.
हालांकि पायलट अपने उस प्रयास में पूरी तरह से विफल हो गए लेकिन उनके साथ जो 18 विधायक मानेसर गए थे उनमें सरदारशहर विधायक पंडित भंवरलाल शर्मा भी शामिल थे और अब उनके निधन के बाद उसी सीट पर चुनाव होने जा रहा है.
सितंबर 2022 में राजस्थान की सियासत में एक बार फिर से तब हलचल शुरू हो गई जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में लिया जाने लगा और मुख्यमंत्री के दावेदार के तौर पर सचिन पायलट फिर से सामने आ गए.
सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए गहलोत समर्थित 92 विधायकों ने अपने इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सौंप दिए. 25 सितंबर 2022 को अचानक हुए इस घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी.
गहलोत समर्थकों ने एक तरह से कांग्रेस आलाकमान को ही चुनौती दे डाली. इस घटना के बाद अशोक गहलोत ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से मना कर दिया और मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए.
अब अशोक गहलोत सरदारशहर का उपचुनाव जीत कर आलाकमान को यह संदेश देना चाहते हैं कि उनके नेतृत्व में राजस्थान में सब कुछ सही चल रहा है और उनके कुशल नेतृत्व में ही आगामी 2023 का विधानसभा चुनाव जीता जा सकता है.
सरदारशहर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस ने स्वर्गीय भंवरलाल शर्मा के बेटे अनिल शर्मा को टिकट दिया है. वहीं, भाजपा ने अशोक कुमार पिंचा को उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है. यहां मतदान 5 दिसंबर को होगा और चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे.