इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | वरिष्ठ अधिवक्ता, पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्होंने समाजवादी पार्टी से राज्यसभा के लिए नामांकन भी कर दिया है.
मीडिया से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि, “मैंने 16 मई को कांग्रेस पार्टी से त्याग पत्र दे दिया है”.
कपिल सिब्बल ने आज अपना नामांकन पत्र भी दाखिल करने के बाद मीडिया से कहा कि, “मैं कांग्रेस का नेता था, अब नहीं हूं. कांग्रेस की सदस्यता से 16 तारीख को इस्तीफा दे चुका हूं. सपा ने मुझे अपना उम्मीदवार बनाया. मैं इसके लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभार व्यक्त करता हूं. 2024 को लेकर हम सब एक साथ आ रहे हैं। हम केंद्र सरकार की कमियों को उजागर करने का काम करेंगे.”
अखिलेश यादव ने कहा, “समाजवादी पार्टी की तरफ़ से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल को राज्यसभा की सदस्यता के लिए नामंकन किया गया. वे समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा जा रहे हैं। पहला नामंकन हुआ है. राज्यसभा के लिए दो अन्य लोगों के नाम बहुत ज़ल्द घोषित हो जाएंगे.”
कपिल सिब्बल के सपा का राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने से इन अफवाहों पर विराम लग गया है कि आजम खां अखिलेश यादव से नाराज हैं और वह सपा छोड़ सकते हैं.
बताया जा रहा है कि कपिल सिब्बल को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने के पीछे आज़म खां की बड़ी भूमिका है और आज़म खां के कहने पर ही अखिलेश यादव ने कपिल सिब्बल को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है.
राज्यसभा चुनाव के लिए सपा के 3 उम्मीदवार हैं. इन उम्मीदवारों में कपिल सिब्बल के नाम की घोषणा हो चुकी है जबकि डिंपल यादव और जावेद अली के नाम की घोषणा होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
कपिल सिब्बल जब कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में साल 2016 में राज्यसभा सदस्य के रूप में चुने गये थे, उस वक्त भी सपा ने उनका समर्थन किया था. लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के बस दो विधायक हैं इसी कारण कांग्रेस किसी को प्रत्याशी के रूप में खड़ा करने की स्थिति में नहीं.
उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर चुनाव होना है, जिनमें से सात पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा हो सकता है और सपा के पास तीन सीटें होंगी. सपा के पास तब भी 20 अधिक वोट होंगे.
भाजपा ने अगर आठवां उम्मीदवार भी खड़ा कर दिया तो चुनाव आवश्यक हो जाएगा. इस स्थिति में सपा के सरप्लस यानी अधिक वोट ही काम आयेंगे. भाजपा के पास इस बात की हल्की राहत रहेगी कि उसे 10 से भी कम वोट चाहिए लेकिन विपक्ष के पास 15 वोट कम पड़ जायेंगे.
सिब्बल सुप्रीम कोर्ट और देश के विभिन्न हाईकोर्ट में सपा और झामुमो के नेताओं की पैरवी कर रहे हैं इसी वजह से उन्हें इन पार्टियों का समर्थन मिलना तय है.
कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा, गुलाम नबी आजाद और पी चिदंबरम का चयन तय माना जा रहा है. हालांकि आनंद शर्मा के लिए कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला सिरदर्द बन सकते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि हरियाणा से कुमारी शैलजा और सुरजेवाला के नाम की भी चर्चा हो रही है.
कांग्रेस राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आठ राज्य सभा सदस्यों का चयन कर सकती है और तमिलनाडु तथा झारखंड में वह सहयोगी दलों की मदद से दो और प्रत्याशियों को चुन सकती है.
राज्यसभा चुनाव के लिए सपा के 3 उम्मीदवार हैं. इन उम्मीदवारों में कपिल सिब्बल के नाम की घोषणा हो चुकी है जबकि डिंपल यादव और जावेद अली के नाम की घोषणा होने का अनुमान लगाया जा रहा है.