इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | मलयालम न्यूज़ चैनल MediaOne ने प्रसारण लाइसेंस रद्द करने और चैनल पर प्रतिबंध बरकरार रखने के केरल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर की है, साथ ही सुरक्षा कारणों के हवाले को बहाना बताया है.
केरल के एक न्यूज़ चैनल मीडिया वन को हाल ही में सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए प्रतिबंधित किया गया था, जिसने केरल उच्च न्यायालय की एक बेंच के समक्ष अपील दायर की है और चैनल पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले एकल-न्यायाधीश के हालिया आदेश को चुनौती दी है.
MediaOne न्यूज़ चैनल, मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड द्वारा केरल उच्च न्यायालय की एक डिवीजन बेंच के समक्ष एक अपील दायर कर हालिया आदेश को चुनौती दी गई है.
दायर की गई अपील में कहा गया है कि, “समाचार चैनल होने के नाते, हर बार राज्य को खुश करना संभव नहीं है और यह निष्पक्ष और वास्तविक समाचार रिपोर्टिंग को दर्शाता है.”
अपील में यह भी कहा गया है कि, “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताकर अपीलकर्ता का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है, जिसका कोई आधार नहीं है.”
ज्ञात हो कि 31 जनवरी को, मलयालम न्यूज़ चैनल MediaOne को बंद कर दिया गय था. चैनल ने उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया था जिसके बाद कोर्ट ने मंत्रालय के आदेश के संचालन को अगली सुनवाई तक के लिए स्थगित कर दिया था.
हालांकि, 8 फरवरी को न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन नागरेश ने मलयालम चैनल के लाइसेंस को रद्द करने के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फैसले को बरकरार रखा.
कोर्ट ने कहा था कि सीलबंद लिफाफे में अदालत को सौंपी गई सामग्री से संकेत मिलता है कि गृह मंत्रालय के पास चैनल को सुरक्षा मंजूरी देने से इंकार करने और प्रतिबंध को सही ठहराने का पर्याप्त कारण था.
केंद्र ने यह बताने से इनकार कर दिया था कि एमएचए द्वारा उठाई गई चिंताएं क्या हैं.
यह भी कहा जाता है कि सरकार पहले निष्पक्ष आलोचना के प्रति सहिष्णु हुआ करती थी लेकिन अब उसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता का दम घोंट दिया है.
याचिका मे कहा गया कि, “पिछले कुछ वर्षों में, सरकार निष्पक्ष आलोचना के प्रति सहिष्णु थी, लेकिन हालिया प्रवृत्ति चिंताजनक है क्योंकि यह प्रेस की स्वतंत्रता और भाषण के अधिकार का गला घोंटती है। इसके बाद कोई भी समाचार चैनल सरकार की मधुर इच्छा के विरुद्ध किसी भी कार्यक्रम को प्रसारित करने की हिम्मत नहीं करेगा क्योंकि सरकार के लिए खुफिया रिपोर्ट और अन्य सामग्री का प्रबंधन करके चैनल को मना करना असुविधाजनक नहीं हो सकता है.”
– बार & बेंच से इनपुट के साथ