अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | यूपी के आगरा में पुलिस मालखाने से हुई चोरी के कथित आरोपी अरुण वाल्मीकि को पुलिस कस्टडी में पीट पीट कर मार डालने का मामला सामने आया है। आज वाल्मीकि जयंती के दिन ही पुलिस ने वाल्मीकि समाज के युवक को मौत की नींद सुला दिया है। इस घटना को लेकर यूपी के सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। इसी बीच पीड़ित परिवार से मिलने आगरा जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा को लखनऊ पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
यूपी के आगरा में पुलिस कस्टडी में पुलिस ने वाल्मीकि समाज के अरुण वाल्मीकि की पीट पीट कर हत्या कर दी है। हालांकि, आज ही यूपी में भगवान वाल्मीकि की जयंती मनाई जा रही है। लेकिन यूपी सरकार ने इस पर चुप्पी साध रखी है। इस पर यूपी में विपक्ष ने योगी आदित्यनाथ की सरकार और यूपी पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया है। यूपी के सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पुलिस कस्टडी में मारे गए अरुण वाल्मीकि के परिवार से मिलने के लिए आगरा जाने की घोषणा की और आगरा जाने के लिए लखनऊ से निकल पड़ी। उन्होंने कहा है कि, “मैं अरुण वाल्मीकि के परिवार से जाकर मुलाकात करूंगी।अरुण वाल्मीकि के परिवार को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ूंगी.” हालांकि, प्रियंका गांधी को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर लखनऊ में ही पुलिस ने आगरा जाने से रोक दिया। प्रियंका गांधी को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है और उन्हें लखनऊ पुलिस लाईन ले जाया गया है।
आगरा जनपद के पुलिस थाना जगदीशपुरा में मालखाने के अंदर से 25 लाख रुपए और कुछ हथियारों के चोरी होने का एक मामला पिछले दिनों प्रकाश में आया था। इस मामले के सामने आने से पुलिस विभाग संदेह के घेरे में आ गया था, क्योंकि पुलिस थाने के अंदर से चोरी होने से पुलिस की भूमिका पर उंगली उठाई जाने लगी थी और पूरा पुलिस महकमा कटघरे में खड़ा हो गया था। इस चोरी से पुलिस महकमे की बड़ी बदनामी हुई थी। चोरी के खुलासे के बाद जिला पुलिस पर इसको जल्द से जल्द पता लगाने और चोरी की घटना का पर्दाफाश करने का पुलिस अधिकारियों का बड़ा दबाव था।
आगरा जिले में पुलिस थाने के अंदर मालखाने से हुई इस चोरी में खुद पुलिस की बड़ी भूमिका है। बताया जाता है कि पुलिस थानों के अंदर बने मालखानों में संबंधित थाने का एस एच ओ/इंस्पेक्टर और थाने का दीवान ही आता जाता है और किसी को जाने की परमीशन नहीं होती है। पुलिस थानों की चेकिंग के दौरान पुलिस के बड़े अधिकारियों द्वारा भी मालखानों की चेकिंग की जाती है।
सूत्रों की मानें तो पुलिस मालखाने में हुई इस चोरी में सीधे-सीधे संबंधित थाने के एस एच ओ और दीवान की भूमिका है। लेकिन अब जब मामला सामने आ गया है, तो संबंधित पुलिसकर्मी अपने को बचाने के लिए दूसरों को बलि का बकरा बना रहे हैं। आगरा की इस घटना में पुलिस का ही हाथ है। पुलिस के सम्बंधित कर्मियों ने अपने को बचाने के लिए सफाई कर्मचारी पर चोरी करने का आरोप लगा दिया है। इसी मामले में सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि को पूछताछ के दौरान पुलिस ने पीट-पीट कर मार डाला।
बताया जाता है कि आगरा पुलिस अपने को बचाने के लिए अरुण वाल्मीकि से चोरी का इल्जाम अपने ऊपर लेने के लिए दबाव बना रही थी और उसके द्वारा इल्जाम न लेने पर उसे जमकर पीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई है।आगरा पुलिस का कहना है कि अरुण वाल्मीकि से 15 लाख रुपए की बरामदगी हो चुकी है।
पुलिस का कहना है कि रुपयों की बरामदगी के संबंध में अरुण वाल्मीकि से पूछताछ के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई और मौत हो गई। पुलिस के द्वारा पूछताछ करने के दौरान तबीयत बिगड़ने और मौत होने की बात करने से यह स्वंय साफ हो जाता है कि अरुण वाल्मीकि की पूछताछ के दौरान पिटाई की गई और उसकी मौत पुलिस कस्टडी में ही हुई है। पुलिस कस्टडी में मौत होने से पुलिस स्वयं अरुण वाल्मीकि की मौत की जिम्मेदार है, यह ऐसा सवाल है जो पुलिस को कटघरे में खड़ा करता है।
अरुण की मौत होने के बाद पुलिस ने इस मामले की एफआईआर भी नहीं दर्ज की है। अरुण वाल्मीकि की मौत के बाद यह मामला आगरा से लेकर लखनऊ तक पहुंच गया है और इसकी लपटों से उत्तर प्रदेश की राजनीति भी गरमा गई है।
इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी संघ ने इस घटना में शामिल दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ 302 का मुकदमा दर्ज करने और उनके विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है। इसके साथ ही मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने और परिवार को एक नौकरी देने की बात भी की है। मांग न पूरी होने की स्थिति में उत्तर प्रदेश के सफाई कर्मचारियों ने पूरे राज्य में आंदोलन करने की उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है। इसके साथ ही सफाई कर्मचारियों ने इस घटना के विरोध में वाल्मीकि जयंती न मनाने का फैसला लिया है।
आगरा में सफाई कर्मचारी अरुण वाल्मीकि की पुलिस कस्टडी में हुई मौत को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार पर तगड़ा हमला बोला है और उन्होंने इस संबंध में एक ट्वीट करते हुए यूपी सरकार और यूपी पुलिस को कटघरे में खड़ा किया है।प्रियंका गांधी ने कहा है कि,”किसी को पुलिस कस्टडी में पीट पीट कर मार देना कहां का न्याय है?”
उन्होंने आगे कहा है कि, “आगरा पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है। भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है। इस घटना की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषी पुलिस के खिलाफ कार्यवाही की जाए एवं पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए।”
आगरा की इस घटना के खिलाफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी भाजपा सरकार और राज्य की पुलिस पर तंज कसते हुए ट्वीट किया है और इसकी निंदा की है। अखिलेश यादव ने कहा है कि, “भाजपा सरकार में पुलिस खुद अपराध कर कर रही है। पुलिस ही अपराध करेगी, तो अपराध कैसे रुकेगा ?आगरा के पुलिस थाने से 25 लाख रुपए की चोरी हुई है। मालखाने से यह चोरी सांठगांठ कर कराई गई है ?
उत्तर प्रदेश में भगवान वाल्मीकि की जयंती मनाई जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री वाल्मीकि जयंती पर वाल्मीकि समाज को बधाई देने का काम कर रहे हैं। लेकिन आगरा में पुलिस कस्टडी में वाल्मीकि समाज के अरुण वाल्मीकि की पुलिस द्वारा पीट पीट कर हत्या कर दी गई है। लेकिन इस पर यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अभी तक चुप्पी साध रखी है।