मसीहुज़्ज़मा अंसारी और सैयद ख़लीक अहमद
दिल्ली | दिल्ली के वरिष्ठ अधिवक्ता और दिल्ली दंगों व आतंकवाद के आरोप में बंद लोगों का केस देखने के लिए जाने जाने वाले एडवोकेट महमूद प्राचा के ऑफिस में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को 12 बजे दिन में छापा मारा है जो रिपोर्ट लिखे जाने तक जारी है.
एडवोकेट महमूद प्राचा नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा और साथ ही CAA आंदोलन से जुड़े कई मामले देख रहे हैं. कहा जा रहा है कि सत्ता समर्थित उन कई आरोपियों पर प्राचा ने क़ानूनी रूप से शिकंजा कसा है जिन्होंने दंगों में भूमिका निभाई थी जिसके कारण दिल्ली पुलिस उन्हें निशाना बना रही है.
प्राचा को दी गई नोटिस एक सर्च वारंट है मगर प्राचा ने कहा कि पुलिस सभी कंप्यूटर को सीज़ करने की बात कर रही है जो गैर क़ानूनी है.
इंडिया टुमारो को महमूद प्राचा ने बताया कि, “मुझे जितना भी परेशान कर लिया जाए, नार्थ ईस्ट दंगों के असल आरोपियों को सज़ा दिलवाकर रहूंगा. मैं किसी से डरने वाला नहीं हूँ.”
रिपोर्ट लिखे जाने तक एडवोकेट महमूद प्राचा के दफ्तर पर पुलिस की तलाशी जारी है. महमूद प्राचा ने अपने ऑफिस के बालकनी में आकर वहां खड़े अधिवक्ताओं और मीडिया के लोगों से कहा की मुझे आईओ कहीं जाने नहीं दे रहे और किसी को बाहर से अन्दर आने नहीं दिया जा रहा.
उन्होंने कहा, “जमुनापार के दंगे में जो भी हुआ है जो पुलिस ज्यादतियां कर रहीं हैं उसमें आरोपियों को एक्सपोज़ करूंगा.”
प्राचा ने कहा कि, “मैं अमित शाह से डरने वाला नहीं हूँ. अमित शाह जो छिपाना चाह रहे हैं मैं उसे छिपने नहीं दूंगा. संविधान क़ानून, क़ानून और कोर्ट के ज़रिये उन एक-एक पुलिसकर्मियों जेल भिजवा कर रहेंगे जिन्होंने न्याय और संविधान के विरुद्ध काम किया है.”
उन्होंने कहा, “मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है, धमकी दी जा रही है मगर मैं डरूंगा नहीं, भारत के संविधान के लिए अपनी जान देने को तैयार हूँ.”
इंडिया टुमारो को उन्होंने बताया कि, “मेरे दफ्तर की तलाशी ली जा रही है और सबके मोबाइल रख लिए गए हैं.”
मुझे धमकी दी जा रही है कि अगर मैं ख़ुद अपने ख़िलाफ़ सबूत नहीं दूंगा तो मेरा कमप्यूटर और ऑफिस के सामान ले जाएंगे.