लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लगभग 32 प्रतिशत सदस्यों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें भाजपा के 66 एमएलसी में से 22 पर गंभीर आपराधिक मामले हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट में ये दावे किये गए हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार 32 फीसदी MLC ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
एडीआर के अनुसार, तीन एमएलसी ने हत्या से संबंधित मामले (आईपीसी धारा 302) घोषित किए हैं, जबकि चार ने हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा 307) से संबंधित मामले घोषित किए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के पास सबसे अधिक करोड़पति एमएलसी हैं. 81 मौजूदा एमएलसी में से 66 करोड़पति हैं जिनमें से अधिकतम भाजपा से हैं.
एडीआर और उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच ने उच्च सदन में 100 मौजूदा एमएलसी में से 81 के आपराधिक, वित्तीय और अन्य पृष्ठभूमि विवरणों का विश्लेषण किया और पाया कि 26 (32 प्रतिशत) एमएलसी पर गंभीर आपराधिक मामले हैं.
वर्तमान उत्तर प्रदेश विधान परिषद में दो सीटें खाली हैं और सात एमएलसी का विश्लेषण नहीं किया गया है क्योंकि उनके हलफनामे उपलब्ध नहीं थे.
इन आंकड़ों को अगर पार्टी के अनुसार के अनुसार देखें तो आपराधिक मामलों वाले एमएलसी में भाजपा शामिल है जिसमें आपराधिक मामलों वाले 66 एमएलसी में से 22 एमएलसी हैं.
इसी प्रकार समाजवादी पार्टी के सात में से तीन एमएलसी हैं और छह में से एक निर्दलीय एमएलसी ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
बीजेपी के 66 एमएलसी में से करीब 54, एसपी के 7 एमएलसी में से 6, अपना दल (सोनेलाल) के 1 एमएलसी और 6 में से पांच निर्दलीय एमएलसी ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है.
–आईएएनएस से इनपुट के साथ