– मसीहुज़्ज़मा अंसारी
नई दिल्ली | पैग़म्बर मुहम्मद स० पर अपमानजनक टिप्पणी के मामले में आरोपियों पर क़ानूनी कार्रवाई की मांग के बाद दिल्ली पुलिस ने ‘बैलेंसवादी’ रवैया अपनाते हुए आनन फानन में भड़काऊ भाषण देने और धार्मिक भावना आहत करने के मामले में नुपूर शर्मा और नवीन कुमार सहित पत्रकार सबा नक़वी और असदुद्दीन ओवैसी पर भी मामला दर्ज किया है.
दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को दर्ज FIR में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी को भी एफआईआर में नामजद किया है. ओवैसी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली पुलिस और सरकार से सवाल करते हुए 11 बिंदुओं पर ट्वीट किया है.
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, मुझे एफआईआर की एक कॉपी मिली है लेकिन यह पहली ऐसी FIR मैंने देखी है जिसमें यह स्पष्ट ही नहीं है कि अपराध क्या किया गया है.
ज्ञात हो कि भाजपा प्रवक्ताओं द्वारा पिछले दिनों एक टीवी डिबेट में पैगंबर मोहम्मद स० पर अपमानजनक बयान के बाद भारत को दुनियाभर में तीखी आलोचना के सामना करना पड़ा. 15 से अधिक देशों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. खाड़ी देशों के भारी विरोध और भारतीय राजदूतों से स्पष्टीकरण की मांग के बाद भाजपा को अपने प्रवक्ताओं नूपुर शर्मा और नवीन कुमार पर कार्रवाई करना पड़ा.
अरब देशों की आपत्ती को बाद क़तर, कुवैत, ईरान आदि देशों में भारतीय राजदूतों ने वहां की सरकारों को जवाब देते हुए कहा कि इस प्रकार के बयान का सरकार से कोई सम्बंध नहीं है और बयान देने वाले ‘फ्रिंज एलिमेंट’ है.
इसके बाद भाजपा ने नूपुर शर्मा और नवीन कुमार पर कार्रवाई करते हुए पार्टी से निलंबित कर दिया है.
दिल्ली पुलिस ने इस विवाद के बीच दिल्ली नफरत फैलाने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है जिनमें कई नेताओं और धर्म गुरुओं के नाम शामिल हैं.
ओवैसी द्वारा FIR को लेकर 11 ट्वीट किया गया है जिसमें दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया गया है.
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करते हुए लिखा:
- मुझे एफआईआर की एक कॉपी मिली है. यह पहली ऐसी प्राथमिकी मैंने देखी है जिसमें स्पष्ट ही नहीं है कि अपराध क्या किया गया है. कल्पना करें कि एक हत्या की एफआईआर में पुलिस हथियार या पीड़ित की मृत्यु का उल्लेख ही नहीं करती. मुझे नहीं पता कि मेरी किस विशिष्ट टिप्पणी को लेकर ये प्राथमिकी दर्ज की गई है.
- ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली पुलिस में यती, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल आदि के खिलाफ मामलों को आगे बढ़ाने का साहस नहीं है. मामले में देरी और कमजोर प्रतिक्रिया का यही कारण है. जबकि यति ने मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार और इस्लाम का अपमान करके अपनी जमानत की शर्तों का बार-बार उल्लंघन किया है.
- दिल्ली पुलिस शायद हिंदुत्ववादी कट्टरपंथियों को ठेस पहुंचाए बिना इन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का तरीका सोचने की कोशिश कर रही थी.
- दिल्ली पुलिस “दोनों पक्षवाद” या “संतुलन-वाद” सिंड्रोम से पीड़ित है. एक पक्ष ने खुले तौर पर हमारे पैगंबर का अपमान किया है, जबकि दूसरे पक्ष का नाम भाजपा समर्थकों को समझाने और ऐसा दिखाने के लिए दिया गया है कि दोनों पक्षों द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है.
- यह भी ध्यान दें कि अभद्र भाषा का प्रयोग सत्तारूढ़ दल के प्रवक्ताओं और सत्तारूढ़ दल के करीबी प्रमुख “धर्म गुरुओं” द्वारा किया गया. इसे सोशल मीडिया पर खूब फैलाया गया. मेरे मामले में एफआईआर में यह भी नहीं लिखा है कि आपत्तिजनक क्या था.
- यति, जनसंहार संसद गैंग, नूपुर, नवीन आदि कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते इसके आदि हो गए हैं. हल्की फुल्की कार्रवाई तभी की गई जब हफ्तों तक आक्रोश या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा या कोर्ट की पुलिस पर सख्ती के बाद हुई.
- इसके विपरीत, मुस्लिम छात्रों, पत्रकारों, कार्यकर्ताओं को केवल मुस्लिम होने के चलते जेल में डाल दिया गया.
- हिंदुत्व संगठनों की एक संस्कृति है जहां अभद्र भाषा और उग्रवाद को प्रमोशन के साथ पुरस्कृत किया जाता है. उदाहरण के लिए, योगी की नफरत को लोकसभा सीट और सीएमशिप के साथ पुरस्कृत किया गया.
- मोदी के नफरत भरे भाषणों को इसी तरह पुरस्कृत किया गया. वास्तव में जिन लोगों ने मुझे गोली मारने की कोशिश की, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया, ताकि वे प्रमुख हिंदुत्व राजनेता बन सकें. यह संस्कृति खत्म होनी चाहिए.
- अगर मोदी ईमानदार होते तो वे नकली बैलेंस-वाद में शामिल हुए बिना अभद्र भाषा पर सख्ती दिखाते. जातिसंहार से नफरत करने वालों को पदोन्नति पाने के बजाय गैर-जमानती कठोर कानूनों के तहत जेल में डाल दिया जाए.
- जहां तक मेरे खिलाफ प्राथमिकी का सवाल है, हम अपने वकीलों से परामर्श करेंगे और जब भी आवश्यकता होगी, इसका समाधान करेंगे. हम इन हथकड़ों से डरेंगे नहीं. अभद्र भाषा की आलोचना करने वाले और अभद्र भाषा का प्रयोग करने वाले की तुलना नहीं की जा सकती.
दिल्ली पुलिस ने भड़काऊ भाषण मामले में कार्रवाई करते हुए दर्जनों लोगों के ख़िलाफ मामला दर्ज किया है जिसमें नुपुर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल, शादाब चौहान, सबा नकवी, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान, गुलजार अंसारी, अनिल कुमार मीणा, पूजा शकुन पांडेय के खिलाफ FIR की है.