इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | उत्तराखंड के काशीपुर में दो हिन्दू बहनों ने ईद से पूर्व ईदगाह को 4 बीघा ज़मीन दान कर के साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल क़ाएम की है जिसकी लोग प्रशंसा कर रहे हैं.
काशीपुर की दो बहनों ने अपने दिवंगत पिता की इच्छानुसार चार बीघा जमीन ईदगाह के विस्तार के लिए दान दिया है.
उत्तराखंड के काशीपुर के दिवंगत ब्रजनंदन प्रसाद रस्तोगी की बेटियों सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी में अपनी ज़मीन ईद गाह को दान की है.
रिपोर्ट के अनुसार दोनों विवाहित बहनों के पारिवारिक सदस्यों ने काशीपुर पहुंचकर ईदगाह कमेटी को जमीन का कब्ज़ा भी दे दिया.
अमर उजाला में छपी ख़बर के अनुसार, ईदगाह कमेटी ने बुनियाद खुदवाकर बाउंड्री का काम भी शुरू कर दिया है. दान की गई ज़मीन की क़ीमत डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक आंका गया है.
ईदगाह को दान की गई ज़मीन लाला ब्रजनंदन प्रसाद रस्तोगी की थी जो ईदगाह से सटी हुई थी और उनकी दो बेटियों के हिस्से में थी.
ज़मीन लगभग चार बीघा थी जिसे ब्रजनंदन ईदगाह के लिए दान करने के इच्छुक थे, लेकिन यह रकबा उनकी दोनों बेटियों सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी के नाम पर था इसलिए वह दान नहीं कर सके और उनका देहांत 25 जनवरी 2003 को हो गया.
उन्होंने अपने निधन 25 जनवरी 2003 से पूर्व ईदगाह को ज़मीन दान करने की इच्छा जताई थी. हालांकि, उनके निधन के बाद यह मामला ख़त्म हो गया था लेकिन बाद में उनकी बेटियों सरोज रस्तोगी और अनीता रस्तोगी को पिता की इच्छा के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने जमीन दान करने का निश्चय किया और भाई राकेश रस्तोगी की मदद से ईदगाह कमेटी के सदर हसीन खान से संपर्क कर जमीन दान करने की इच्छा जताई.
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों बहनों की सहमति पर सरोज के पति सुरेंद्रवीर रस्तोगी और बेटे विश्ववीर रस्तोगी के साथ ही अनीता के बेटे अभिषेक रस्तोगी रविवार को काशीपुर पहुंचे और ईदगाह के सदर हसीन खान की मौजूदगी में लेखपाल की मौजूदगी में ज़मीन की पैमाइश कराई और ज़मीन को ईदगाह के कब्ज़े में दे दिया.
दोनों बहनों के परिजनों ने कहा कि उन्होंने दिवंगत ब्रजनंदन रस्तोगी की इच्छा का सम्मान करते हुए यह ज़मीन दान किया है.
ईदगाह कमेटी ने दोनों बहनों का आभार जताया और इसे एकता और सौहार्द के लिए मिसाल बताया.