https://www.xxzza1.com
Saturday, May 4, 2024
Home महिला कोर्ट किसी की आस्था के खिलाफ पहनावे के लिए निर्देशित नहीं कर...

कोर्ट किसी की आस्था के खिलाफ पहनावे के लिए निर्देशित नहीं कर सकता: जमाते इस्लामी हिन्द

इंडिया टुमारो

नई दिल्ली | हिजाब विवाद पर आए कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी मज़हब में कौन सी चीज़ अनिवार्य हैं और कौनसी नहीं, इन्हें तय करने का अधिकार अदालतों का नहीं है. ये कार्य धार्मिक गुरुओं और धर्म की जानकारी रखने वाले विद्वानों का है.

जमाअत इस्लामी हिन्द ने मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा दिये फैसले पर असंतोष प्रकट किया.

जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा है कि हिजाब इस्लाम धर्म का एक अनिवार्य हिस्सा है. लिबास कैसा हो, उसके रूप और आकार को अपनाने में नागरिकों को हमेशा से आज़ादी रही है, और यह आज़ादी महिलाओं को भारत का संविधान देता है.

उन्होंने आगे कहा कि, “ऐसा प्रतीत होता है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस परिपत्र को वैध क़रार दिया है जिसमें सरकार ने यह कहा है कि सरकारी और ग़ैर सरकारी स्कूलों में यूनीफार्म को तय करने का अधिकार उनकी स्कूल की कमेटी और प्रबंधन को हासिल है.”

जमाअत इस्लामी के अध्यक्ष ने कर्नाटक सरकार से मांग की है कि वह मुस्लिम लड़कियों को यूनीफार्म के रंग का हिजाब अपनाने से न रोके.

गौरतलब है कि विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यमों के ज़रिए यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि उच्च न्यायालय ने समग्र रूप से हिजाब पर पाबंदी लगाई है, जबकि वास्तविकता यह नहीं है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपनी राय प्रकट की है कि हिजाब इस्लाम धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है.

हाईकोर्ट के इस फैसले का ग़लत अर्थ निकालना और इसे हिजाब के खिलाफ़ प्रचार में इस्तेमाल करना निहायत गैर-ज़िम्मेदाराना रवैया है. इस फैसले के द्वारा समाज में विद्वेष फैलाने की जो कोशिश हो रही है, वह निन्दनीय है.

जमाअत प्रमुख हुसैनी ने कहा कि, हाईकोर्ट द्वारा दिया गया उपरोक्त फैसला आम सामाजिक जीवन में हिजाब पर रोक लगाने की बात नहीं करता.

जमाअत के अध्यक्ष को सुप्रीम कोर्ट से यह उम्मीद जताई है कि वह इस फैसले में आवश्यक सुधार करेगा और मुस्लिम छात्राओं को न्याय मिलेगा.

उन्होंने आगे कहा कि, “सरकार एक ओर शिक्षा के मैदान में सबके विकास और हिस्सेदारी की बात करती है वहीं दूसरी ओर कर्नाटक राज्य सरकार अपने रवैये से हिजाबी लड़कियों के लिए शिक्षा हासिल करना मुश्किल कर रही है. हिजाब किसी भी दृष्टिकोण से लड़कियों के शैक्षिक वातावरण और कैम्पस को बिल्कुल भी प्रभावित नहीं करता है.”

- Advertisement -
- Advertisement -

Stay Connected

16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe

Must Read

लोकसभा चुनाव-2024 : क्या कांग्रेस के घोषणापत्र से परेशान हैं भाजपा, मोदी और भागवत ?

-सैय्यद ख़लीक अहमद नई दिल्ली | यह पहली बार है जब कांग्रेस ने अपना चुनावी एजेंडा तय किया है...
- Advertisement -

अगर भाजपा का पिछले दस साल का शासन ट्रेलर था तो अब क्या होगा?

-राम पुनियानी यदि प्रोपेगेंडे की बात की जाए तो हमारे प्रधानमंत्री का मुकाबला कम ही नेता कर सकते हैं।...

ईरानी नेता अयातुल्लाह ख़ुमैनी को सिलेबस में ‘दुनिया के बुरे लोगों’ में शामिल करने पर विवाद

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | जम्मू कश्मीर में ईरानी नेता अयातुल्लाह ख़ुमैनी को एक पाठयपुस्तक में दुनिया के सबसे...

राजस्थान: कांग्रेस ने भाजपा के ख़िलाफ चुनाव आयोग में की 21 शिकायतें, नहीं हुई कोई कार्रवाई

-रहीम ख़ान जयपुर | राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते...

Related News

लोकसभा चुनाव-2024 : क्या कांग्रेस के घोषणापत्र से परेशान हैं भाजपा, मोदी और भागवत ?

-सैय्यद ख़लीक अहमद नई दिल्ली | यह पहली बार है जब कांग्रेस ने अपना चुनावी एजेंडा तय किया है...

अगर भाजपा का पिछले दस साल का शासन ट्रेलर था तो अब क्या होगा?

-राम पुनियानी यदि प्रोपेगेंडे की बात की जाए तो हमारे प्रधानमंत्री का मुकाबला कम ही नेता कर सकते हैं।...

ईरानी नेता अयातुल्लाह ख़ुमैनी को सिलेबस में ‘दुनिया के बुरे लोगों’ में शामिल करने पर विवाद

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | जम्मू कश्मीर में ईरानी नेता अयातुल्लाह ख़ुमैनी को एक पाठयपुस्तक में दुनिया के सबसे...

राजस्थान: कांग्रेस ने भाजपा के ख़िलाफ चुनाव आयोग में की 21 शिकायतें, नहीं हुई कोई कार्रवाई

-रहीम ख़ान जयपुर | राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते...

एक बार फिर भाजपा का सांप्रदायिक और विघटनकारी एजेंडा

-राम पुनियानी बहुसंख्यकवादी राष्ट्रवाद हमेशा से चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सांप्रदायिक विघटनकारी एजेंडा और नफरत...
- Advertisement -

1 COMMENT

  1. ऐसा प्रतीत होता है हिजाब को प्रतिबंधित करने और सिखों के पगड़ी को प्रतिबंध से बाहर रखने के लिये, धर्म मे अनिवार्यता के प्रश्न पर तर्क पेश करने की चालाकी दिखाई गई है वरना इनको तिलक, पगड़ी ,चुटय्या और मंगल सूत्र पर भी रोक लगानी पड़ेगी।
    तिलक लगा कर बैठने वाले जज बड़ी चालाकी से अपनी धार्मिक पहचान को सांस्कृतिक परंपरा बता कर,हिन्दुओ को खुली छूट दिला कर अल्पसंख्यको की धार्मिक स्वतंत्रता को इस हद तक सीमित करना चाहते है कि अल्पसंख्यक अपने आपको दबाया गया महसूस करे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here