अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
देहरादून | उत्तराखंड सरकार से कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को बर्खास्त कर दिया गया है। उनके ऊपर भाजपा की ओर से आरोप लगाया गया है कि वह कांग्रेस नेताओं से मिल रहे थे और कांग्रेस में जाना चाहते हैं। हरक सिंह रावत को उत्तराखंड सरकार से कैबिनेट मंत्री के पद से जरूर बर्खास्त कर दिया गया है, लेकिन उनकी बर्खास्तगी से भाजपा को तगड़ा झटका लगा है।
उत्तराखंड में भाजपा की राज्य सरकार से कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को बर्खास्त कर दिया गया है। हरक सिंह रावत के ऊपर यह आरोप लगाया गया है कि वह कांग्रेस के नेताओं से मिल रहे थे और वह कांग्रेस में जाना चाहते हैं।
बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत काफी समय से भाजपा से नाराज़ चल रहे थे और वह भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में जाना चाहते थे। इसके लिए वह प्रयास भी कर रहे थे।
हरक सिंह रावत उत्तराखंड की भाजपा सरकार के मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य के भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस में चले जाने के बाद से ही कांग्रेस में जाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन भाजपा आलाकमान को उनके भाजपा छोड़ने की भनक लग गई थी और आलाकमान ने उनको समझा-बुझाकर भाजपा न छोड़ने के लिए मना लिया था।
कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक-ठाक रहा। इसके पश्चात उनको भाजपा में फिर किनारे हाशिए पर ढकेला जाने लगा। इसको लेकर हरक सिंह रावत ने फिर से कांग्रेस में जाने का मन बनाया।
पिछले सप्ताह हरक सिंह रावत अपने समर्थक भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ को लेकर कांग्रेस में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। किंतु इसकी जानकारी भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा को हो गई, तो जेपी नड्डा ने अपने दूतों के ज़रिए उनको बुलवाया और उनसे मुलाकात कर उनकी दिक्कतें दूर करने के लिए कहा। हरक सिंह रावत ने उनकी बात पर भरोसा कर लिया और चुप होकर बैठ गए। किंतु आज उनको उत्तराखंड सरकार से मंत्री के पद से अचानक बर्खास्त कर दिया गया।
हरक सिंह रावत को भाजपा से भी 6 साल के लिए निकाल दिया गया है। भाजपा से निकाल दिए जाने के बाद हरक सिंह रावत का कांग्रेस में जाने का रास्ता साफ हो गया है। हरक सिंह रावत बहुत जल्द अपने साथ कई भाजपा विधायकों को लेकर कांग्रेस पार्टी ज्वाईन करेंगे। उनके साथ उमेश शर्मा काऊ और कुंवर चैंपियन भाजपा विधायक कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इनके कांग्रेस में जाने से कांग्रेस उत्तराखंड में मज़बूत होगी।
हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के बाद कहा है कि, “मैं सर पर हमेशा कफ़न बांधकर राजनीति करता हूं और जनता के लिए राजनीति करता हूं। अब मैं चुप तो बैठूंगा नहीं, मुझे राजनीति करना है। मैं कांग्रेस से बात करूंगा और कांग्रेस में जाऊंगा। भाजपा का उत्तराखंड से सफाया करके दम लूंगा। कांग्रेस अगर मुझको विधानसभा चुनाव नहीं भी लड़ाएगी, तो भी मैं कांग्रेस को जिताने और उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनवाने का काम करूंगा।”
हरक सिंह रावत के बारे में उत्तराखंड को करीब से जानने वाले राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हरक सिंह रावत ज़मीनी स्तर के राजनेता हैं। अगर वह कांग्रेस में जाते हैं, तो उत्तराखंड में कांग्रेस मज़बूत तो होगी ही और कांग्रेस की उत्तराखंड में सरकार भी बन सकती है।
हरक सिंह रावत को उत्तराखंड की जनता कितना पसन्द करती है, इसका सबसे बड़ा प्रमाण उनका लगातार 7 बार विधानसभा चुनाव जीतना है। हरक सिंह रावत उत्तराखंड के अकेले ऐसे राजनेता हैं, जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्र से 7 बार विधानसभा चुनाव लड़ा और हर बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने। आज की राजनीति में यह बहुत ही बड़ी बात है।
आज कोई भी राजनेता अपने चुनावी क्षेत्र को बदलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है, ऐसे में हरक सिंह रावत का हर बार विधानसभा क्षेत्र बदलना और हर बार विधानसभा चुनाव जीतना बहुत बड़ी काबिलियत रखना है। हरक सिंह रावत उत्तराखंड में मौजूद कांग्रेस, भाजपा और बसपा जैसे राजनीतिक दलों में रह चुके हैं। यह इनकी काबिलियत और इनके जैसा रणनीतिकार होना ही है कि इनको उत्तराखंड का हर राजनीतिक दल अपने साथ रखना चाहता है।
इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि हरक सिंह रावत जिस तरफ होते हैं, उस राजनीतिक दल की सरकार बनना लगभग तय माना जाता है। अब भाजपा ने हरक सिंह रावत को निकाल कर अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मारी है। हरक सिंह रावत के भाजपा से अलग होने से भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। किंतु किसी भाजपा नेता की इस मुद्दे पर खुलकर बोलने की हिम्मत नहीं है।
उत्तराखंड में एक ही दिन यानि एक ही चरण में 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। उत्तराखंड में अभी तक भाजपा अपने उम्मीदवार तक नहीं घोषित कर पाई है और हरक सिंह रावत के भाजपा से बाहर जाने से भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हरक सिंह रावत के भाजपा का विधानसभा चुनाव में विरोध करने से भाजपा को लोहे के चने चबाने पड़ेंगे।
उत्तराखंड में हाल-फिलहाल भाजपा के पास अब हरक सिंह रावत जैसा जमीनी स्तर का कद्दावर नेता नहीं है। हरक सिंह रावत भाजपा से बाहर रहकर कांग्रेस को मज़बूत बनाने और उत्तराखंड में उसकी सरकार बनवाने का काम करेंगे।