अज़हर अंसार | इंडिया टुमारो
बारां | बारां ज़िले के छबड़ा कस्बे में पिछले रविवार को हुए घटनाक्रम के बाद जिलेभर में इन्टरनेट अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया. इन्टरनेट बंद होने के कारण व्यापारियों, सेवा संस्थानों और ई मित्र केन्द्रों समेत जिले के छात्र छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
बारां जिला प्रशासन ने वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए रविवार शाम को अस्थायी रूप से सभी इन्टरनेट सेवाएं निलंबित कर दी थी. बारां जिले के सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में लीज लाइन को छोड़कर 2जी, 3जी और 4जी इन्टरनेट सर्विसेज़, बल्क एसएमएस, एमएमएस और अन्य ऑनलाइन सेवाएं बंद हैं.
जिले में हुई इस नेटबंदी से कई लोगों के कामकाज बाधित हो रहे हैं. लोगों को गैस बुकिंग, मोबाइल रिचार्ज और इन्टरनेट से जुड़ी अन्य सेवाओं से लाभ उठाना मुश्किल हो रहा है. वहीँ ई कॉमर्स से जुड़े व्यापारियों का कारोबार में खासा नुकसान हो रहा है. ई मित्र कियोस्क के बंद होने से कई लोगों के काम अधूरे हैं.
इस नेटबंदी में सबसे ज्यादा परेशानी युवा वर्ग झेल रहा है. छात्र छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है. कई विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को अपनी परीक्षाओं से सम्बंधित सूचनाएं प्राप्त करना मुश्किल हो गया है.
वहीं ऑनलाइन प्लेटफोर्म के ज़रिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. PTET, BSTC, REET जैसी परीक्षाओं की तैयारियों में व्यस्त छात्रों को इस नेटबंदी से भारी नुकसान हो रहा है.
मांगरोल निवासी मोहम्मद नफ़ीस बताते हैं कि जब से इन्टरनेट बंद हुआ है उनकी रीट परीक्षा के लिए होने वाली ऑनलाइन क्लासेज बंद हो गई हैं. कोरोना महामारी के कारण हमारी निर्भरता ऑनलाइन ज़्यादा बढ़ गई थी. लेकिन इस तरह आकास्मिक नेटबंदी से हमारा काफी नुकसान हो रहा है.
21वीं सदी में इस तरह लम्बे समय के लिए होने वाली नेटबंदी किसी को भी मुश्किल में डाल सकती है. पिंकी शर्मा कहती हैं कि इन्टरनेट के साथ जीने की इस तरह आदत हो चुकी है कि इसके बगैर अपनी दिनचर्या की कल्पना करना भी मुश्किल होता है.
न सिर्फ हम छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है बल्कि सोशल मीडिया समेत कई संचार माध्यमों से कट जाने के कारण हमारे पास राष्ट्रीय स्तर की सूचनाएँ नहीं पहुँच पा रही हैं. पिंकी का कहना है कि अब जबकि छबड़ा समेत जिले में माहौल शांत है तो जिले के अधिकारीयों को फ़ौरन इन्टरनेट सेवाएँ बहाल कर देनी चाहिए.
एक कॉमन वेल्थ आईटी जीके सेंटर के कंप्यूटर संचालक से बात करने पर उन्होंने बताया कि वैसे तो पूरे साल Covid-19 की वजह से एडमिशन नहीं हुए और फिर राज्य सरकार की तरफ से इंदिरा महिला सशक्तिकरण योजना से एक उम्मीद जागी थी, इसमें महिलाओं को कंप्यूटर का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है.
राज्य सरकार के आदेशानुसार कोचिंग स्कूल बंद होने के कारण ऑफलाइन तो प्रशिक्षण दिया जाने से रहा इसलिए ये सब ऑनलाइन होना था. लेकिन कसबे में पिछले 5 दिनों से इन्टरनेट बंद होने के कारण ये भी संभव नहीं हो पा रहा है.
NSDC की तरफ से संचालित कोर्स NTT की भी ऑनलाइन परीक्षा होनी थी जोकि जिले में प्रभावित इन्टरनेट सेवा की वजह से नहीं हो पाई है, इस कारण से बच्चो और संचालकों का आर्थिक और शैक्षणिक नुकसान हो रहा है.
वहीं ई मित्र संचालकों का भी यही हाल है. मुख्यमंत्री की चिरंजीवी योजना का निशुल्क रजिस्ट्रेशन किया जाना था, वो भी नहीं हो पा रहा है और इन्टरनेट सेवा प्रभावित होने के कारण किसी भी प्रकार का लेनदेन नहीं हो पा रहा है. संचालक लगातार 5 दिनों से बेरोज़गार बैठे हैं.
यूजीसी नेट और कई विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में जुटे आफाक अंसार का कहना है कि इन्टरनेट सेवाएँ बंद होने की वजह से ऑनलाइन क्लासेज़ नहीं हो पा रही है. वहीं नेट परीक्षा की तिथी को लेकर भी असमंजस बना हुआ है क्योंकि किसी प्रकार की सूचनाएँ प्राप्त करना मुश्किल हो गया.
राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर (RPSC) की प्रथम श्रेणी की भर्ती से संबंधित होने वाली ऑनलाइन कोचिंग भी नहीं मिल पा रही है. इस कारण परीक्षाओं की तैयारी को लेकर कई समस्यायों का सामना करना पड़ रहा है.
अख़बार में प्रकाशित एक सूचना के मुताबिक, संभागीय आयुक्त केलाश चंद मीना के अनुसार जिला मजिस्ट्रेट व कलक्टर बारां द्वारा अवगत कराया गया था कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तथा सांप्रदायिक सौहार्द व शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बारां जिले के सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में सभी इन्टरनेट सेवाओं को निलंबित किया जाना आवश्यक है.
इस प्रकार बारां जिले में मोबाइल व लैंडलाइन पर वोइस कॉल को छोड़कर 2जी, 3जी और 4जी इन्टरनेट सर्विसेज़, बल्क एसएमएस, एमएमएस और अन्य सेवाओं को 15 अप्रैल से 17 अप्रैल शाम 4 बजे तक अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है.
हालाँकि बारां जिला कलेक्टर राजेंद्र विजय के ऑफिस में संपर्क करने पर पता चला कि 17 अप्रैल को संभावित रूप से इन्टरनेट सेवाएँ चालू हो सकती है, स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता कि सेवाएँ बहाल कर दी जाएँ.
उन्होंने ये भी कहा कि जिला मजिस्ट्रेट और अन्य अधिकारी स्थिति का जायज़ा ले रहे हैं, अगर प्रशासन को किसी अप्रत्याशित घटना का आभास होगा तो नेटबंदी की इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है.
फिलहाल बारां के तीन तहसील क्षेत्रों छबड़ा, अटरू, छीपाबड़ोद को छोड़कर बाकी जगहों पर इंटरनेट बहाल कर दिया गया है. उक्त तीनों स्थान पर 48 घंटे और इंटरनेट बंद रहेगा।