इश्फ़ाक़ुल हसन | इंडिया टुमारो
श्रीनगर | अमेरिका में पिछले सप्ताह कश्मीरी मूल की हिजाबी यूएस अधिकारी द्वारा व्हाइट हाउस में मीडिया ब्रीफिंग कर इतिहास रचा गया.
नेशनल इकोनोमिक काउंसिल की उप निदेशक, समीरा फ़ाज़िली ने राष्ट्रपति जो बाईडेन के कार्यकारी आदेश पर इलेक्ट्रॉनिक चिप की कमी और अन्य महत्वपूर्ण आपूर्ति के मुद्दों पर बात करने के लिए व्हाइट हाउस में संवाददाताओं को संबोधित किया.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और येल लॉ स्कूल से स्नातक समीरा को पिछले महीने नए प्रशासन में एक महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है. नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल, आर्थिक नीति निर्धारण की प्रक्रिया से संबंधित है और राष्ट्रपति को नीति संबंधी सलाह देने का काम करती है. समीरा, मुबीन शाह की चचेरी बहन हैं जिन्हें अगस्त 2019 में पब्लिस सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में लिया गया था जब भारत में धारा 370 को निरस्त कर जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लिया गया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल दिया गया था.
कश्मीरी प्रवासियों, मुहम्मद यूसुफ फ़ाज़िली और रफ़ीक़ फ़ाज़िली की बेटी समीरा का परिवार मूल रूप से श्रीनगर के एक पुराने संवेदनशील इलाके गोजवाड़ा से है. इससे पहले उन्होंने फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ अटलांटा में सामुदायिक और आर्थिक विकास के लिए डायरेक्टर ऑफ इंगेजमेंट के तौर पर कार्य किया है.
पिछले ओबामा-बाईडेन प्रशासन में समीरा ने व्हाइट हाउस की नेशनल इकोनामिक काउंसिल में एक वरिष्ठ नीति सलाहकार के रूप में और अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के घरेलू वित्त और अंतर्राष्ट्रीय दोनों विभागों में एक वरिष्ठ सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दी थी.
सोशल मीडिया पर लोगों ने उस समय ख़ुशी का इज़हार किया जब इस हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिला ने व्हाइट हाउस के पोडियम से अमेरिकी मीडिया को संबोधित किया. @Aymann_Ismail नामक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि, “ट्रम्प ने जहां व्हाइट हाउस में ब्रिगेट गेब्रियल जैसे इस्लामोफोब को आमंत्रित किया था, वहीं आज बहन समीरा फाजिली ने एक प्रेस ब्रीफिंग दी. अयमान इस्माइल ने ट्वीट कर कहा कि चीजें कितनी जल्दी बदल गई हैं.
मुस्लिम काउंसिल ऑफ अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस (CAIR) के वाशिंगटन चैप्टर के कार्यकारी निदेशक इमरान सिद्दीकी ने ट्वीट कर कहा कि “ट्रम्प जा चुके हैं और अब एक महीने बाद हिजाब में उनकी एक बहन है जो व्हाइट हाउस में प्रेस ब्रीफिंग दे रही है. “इस्लामाफ़ोब्स रो रहे हैं,”
2011 और 2014 के बीच अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्य करने वाले मुस्लिम तकनीकी एंटरप्रेन्योर शहीद अमानुल्लाह ने कश्मीरी अप्रवासियों की बेटी फ़ाज़िली के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि, “हम एक महीने में कितनी दूर आ गए हैं, बहिष्कार से बौद्धिकता और समावेश की तरफ “.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा “मुस्लिम यात्रा पर प्रतिबंध” के चार साल बाद एक बहुत बड़े मंच पर समीरा की उपस्थिति से अमेरिका में परिस्थितियों में बड़ा बदलाव आया है.
राष्ट्रपति जो बाईडेन ने पिछले महीने बहुत तेज़ी के साथ अपने कार्यकारी आदेशों के द्वारा ट्रंप की “मुस्लिम यात्रा प्रतिबंध” की नीति को खत्म कर दिया.
प्रतिबंध की ये नीति ट्रम्प द्वारा किए गए कई ज़ेनोफोबिक चुनावी अभियान के वादों में से एक था, जिसमें मुस्लिम रजिस्ट्री का निर्माण और मस्जिदों की निगरानी शामिल थी.