– रहीम ख़ान
जयपुर | राजस्थान में शाहपुरा जिले के जहाजपुर कस्बे में शनिवार को जलझूलनी एकादशी पर निकली यात्रा पर पथराव के बाद माहौल गर्म हो गया. अचानक हुए पथराव से भगदड़ मच गई और बाजार बंद हो गया. इसके बाद यात्रा भी रोक दी गई. माहौल तानवपूर्ण बना हुआ है.
उधर, बड़ी संख्या में एकत्रित भीड़ ने कथित रूप से पथराव करने वाले दूसरे संप्रदाय के लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हंगामा किया.
हालांकि दूसरे पक्ष का आरोप है कि मस्जिद के बाहर लाठी-डंडे और हथियार लेकर आपत्तिजनक नारे लगाने के बाद वहां माहौल तनावपूर्ण हो गया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इसके बाद वहां मौजूद लोगों से तीखी नोकझोंक हुई और दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया.
मौके पर भाजपा विधायक भी पहुंचे और आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने तक यात्रा नहीं निकालने की बात कही. वह समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए.
पुलिस उप अधीक्षक ने बताया कि शहर में पुलिस बल तैनात किया गया है। कस्बे में फिलहाल शांति है। पथराव करने वालों की तलाश की जा रही है.
विधायक गोपीचंद मीना वहा पहुंचे और मस्जिद को अवैध बताते हुए बुलडोजर से कार्रवाई करने की मांग की. इस दौरान कलेक्टर और एसपी भी मस्जिद के बाहर मौके पर मौजूद रहे.
इसके बाद प्रशासन ने क्षेत्र की जामा मस्जिद व तकिया मस्जिद के बाहर नोटिस चस्पा कर 24 घंटे के अंदर मस्जिद के कागजात मांगे गए हैं, नोटिस में लिखा है कि कागज नही दिखाए गए तो मस्जिद पर कार्यवाही कर जमींदोज कर दिया जाएगा.
आरोप है कि प्रशासन ने रात में ही सर्च ऑपरेशन चलाकर समुदाय विशेष पर कार्यवाही करते हुए करीब 30 – 40 दुकानों पर बुलडोजर चलाया गया है. दुकानों को लूटने और आगजनी करने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं.
मुस्लिम पक्ष का कहना है कि शोभायात्रा हर साल निकलती है जिसमें 8 से 10 लोग शामिल होते हैं और शांतिपूर्ण तरीके से निकलती है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।
इलाके के लोगों का आरोप है कि इस बार एकादशी के जुलूस में करीब 800 लोग थे जो मस्जिद के बाहर लाठी-डंडे और हथियार लेकर आपत्तिजनक नारे लगाने लगे, जिसके बाद वहां माहौल तनावपूर्ण हो गया.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इसके बाद वहां मौजूद लोगों से तीखी नोकझोंक हुई, दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया. दोनों गुटों के समझाने के बाद प्रशासन ने बाजार और इलाके को बंद करा दिया गया.
बताया जा रहा है कि जुलूस से पहले शांति समिति की बैठक हुई थी जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि मस्जिद के बाहर कोई भी धार्मिक नारे नहीं लगाए जाएंगे, हालांकि उसके बाद भी जुलूस को मस्जिद के बाहर रोका गया.
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यात्रा जैसे ही बाजार में पहुंची, एक स्थान पर कुछ लोगों ने आवाज लगाई कि रोको इसे और इसके बाद पथराव हो गया. पथराव करीब 20-25 मिनट तक हुआ, जिसमें कई लोगों को चोटें आई हैं.
जहाजपुर शाहपुरा हाईवे नगर पालिका केंद्र पर एकादशी के अवसर पर हर साल की तरह इस साल भी किले के मंदिर की शोभायात्रा निकल रही थी. हर साल 8 से 10 लोग यात्रा में शामिल होते थे लेकिन इस बार एकादशी के जुलूस में करीब 800 लोग थे जो मस्जिद के बाहर लाठी-डंडे और हथियार लेकर आपत्तिजनक नारे लगाने लगे, जिसके बाद वहां मौजूद लोगों से तीखी नोकझोंक हुई, दोनों तरफ से पथराव शुरू हो गया.
दोनों गुटों के समझाने के बाद प्रशासन ने बाजार और इलाके को बंद करा दिया.
जब जुलूस किले की तरफ से लौटा तो भीड़ को मस्जिद के बाहर ही रोक दिया गया जिसके बाद फिर से आपत्तिजनक हरकतें की गई और देखते ही देखते ये हिंसा में बदल गई. मस्जिद के बाहर जमा भीड़ के पास लाठी डंडे मोजूद थे जिसके द्वारा अराजक तत्वों ने हिंसा को अंजाम दिया.
उसके बाद इलाके के विधायक गोपीचंद मीना वहा पहुंचे और मस्जिद को अवैध बताते हुए बुलडोजर से कार्रवाई करने की मांग की.
प्रशासन ने जामा मस्जिद व तकिया मस्जिद के बाहर नोटिस चस्पा कर 24 घंटे के अंदर मस्जिद के कागजात मांगे गए हैं अन्यथा मस्जिद गिरा देने की बात कही गई है.
आरोप है कि प्रशासन द्वारा रात में ही करीब 30 – 40 दुकानों पर बुलडोजर चलाया गया है.