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Friday, May 3, 2024
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हिन्दू छात्र ने कश्मीर यूनिवर्सिटी में इस्लामिक स्टडीज़ के एंट्रेंस टेस्ट में किया टॉप

शुभम ने इंडिया टुमारो से कहा, “जब आप इस्लामिक स्टडीज़ का अध्ययन करते हैं तो पाएंगे कि यह इस्लामोफोबिया से ग्रसित लोगों द्वारा पेश की जाने वाली छवि से बिल्कुल अलग है. मैं उस अंतर को समाप्त करना चाहता हूं जो वास्तविक इस्लाम के बीच फर्क पैदा करता है."

इश्फाकुल हसन | इंडिया टुमारो

श्रीनगर | कश्मीर से आने वाली ये खबर इस्लामोफोबिया से ग्रसित उन लोगों के लिए आखें खोलने वाली है जो मुसलमान और इस्लाम को लेकर रूढ़िवादी सोच रखते हैं.

राजस्थान के रहने वाले 21 वर्षीय एक हिन्दू छात्र शुभम यादव ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर के एम०ए० इस्लामिक स्टडीज़ के एंट्रेंस टेस्ट में टॉप किया है.  

शुभम यादव ने एन्ट्रेन्स एग्ज़ाम में 73.25 पॉइंट्स हासिल किए हैं जो कि दूसरी रैंक प्राप्त करने वाले छात्र के 51.50 पॉइंट्स से काफी अधिक है. राजस्थान के अलवर से आने वाले यह 21 वर्षीय छात्र 54 छात्रों में इकलौते गैर मुस्लिम छात्र हैं जो इस प्रोग्राम में सामान्य वर्ग में चयनित हुए हैं.

पिछले सप्ताह यूनिवर्सिटी ने यह सूची अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर डाली है. यूनिवर्सिटी ने छात्रों से काउंसिलिंग के लिए विश्वविद्यालय प्रबन्धन विभाग से संपर्क करने के लिए कहा है ताकि 3 नवम्बर तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जा सके.

शुभम यादव ने इंडिया टुमारो को बताया कि, “इस्लामिक स्टडीज़ में मेरी रुचि मेरे एक मित्र के कारण पैदा हुई जो ग्लोबल इस्लामिक पॉलिटिक्स का छात्र है. वह अक्सर हमारे साथ अध्ययन किया करता था. यही वजह है कि इस विषय में मेरी रुचि जागी. मैंने सर सैय्यद अहमद खां के बारे में पढ़ा है और मैं यूपीएससी की तैयारी कर रहा हूं इसलिए यह अच्छे नंबर लाने में मेरे लिए सहायक होगा.”

दुनिया भर में इस्लाम के खिलाफ फैलाई जाने वाली गलतफहमियों को दूर करने के लिए भी इस्लामिक स्टडीज़ को पढ़ना ज़रूरी है.  उन्होंने कहा, “जब आप इस्लामिक स्टडीज़ का अध्ययन करते हैं तो पाएंगे कि यह इस्लामोफोबिया से ग्रसित लोगों द्वारा पेश की जाने वाली छवि से बिल्कुल अलग है. जो प्रस्तुत किया जा रहा है और जो वास्तविक इस्लाम है इन दोनों के बीच के फ़र्क को मैं समझाना चाहता हूं. मैं आईएएस का हिस्सा बनना चाहता हूं और इसलिए इससे मुझे भारतीय संस्कृति को समझने में मदद मिलेगी जिसमें हिंदू, मुस्लिम और दूसरे धर्म के लोग शामिल हैं. मैं भारतीय प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनना चाहता हूं ताकि हिन्दू, मुस्लिम और दूसरे धर्मों के लोगों से मिलकर बनी हमारी भारतीय संस्कृति को समझ सकूं.”

हालाँकि यह खुशकिस्मती की बात रही कि शुभम को इस्लाम की स्टडी करने के लिए कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी मिली. उन्होंने इंडिया टुमॉरो से कहा कि, “पूरे भारत में 14 विश्वविद्यालय हैं. एक केंद्रीय पोर्टल है जो परीक्षा आयोजित करता है. जब आप एक विशेष कोर्स के लिए क्वालीफाई करते हैं तो यह केंद्रीय पोर्टल छात्रों को उन विश्वविद्यालयों में ट्रान्सफर करता है जिनके पास वह विषय मौजूद है. ज़ाहिर है, कश्मीर के केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक पाठ्यक्रम इस्लामी अध्ययन का भी है. यह सब पहले से तय नहीं था. मुझे कश्मीर यूनिवर्सिटी एक इनाम के तौर पर मिली है.”

शुभम के दादाजी सेना में थे इस लिहाज़ से वो एक आर्मी बैकग्राउंड से आते हैं. उनके पिता अलवर में एक स्टोर चलाते हैं. शुभम बताते हैं, “मेरा परिवार बहुत उदार है, सभी बहुत खुश हैं. उन्होंने मेरे रिज़ल्ट्स को स्वीकार किया है. मेरे परिवार ने इस एग्ज़ाम के लिए मुझे प्रेरित किया था.”

इस्लामिक स्टडीज के अलावा शुभम, लॉ और राजनीतिक विज्ञान में भी चयनित हुए हैं. उन्होंने कहा, “मुझे एलएलबी में ऑल इंडिया चौथी रैंक और राजनीति विज्ञान में दसवीं रैंक हासिल हुई है. अभी मैं अपने ग्रेजुएशन के रिज़ल्ट्स का इंतिज़ार कर रहा हूं. मैंने सिविल सेवाओं की परीक्षा में चयनित होने का लक्ष्य बनाया है.”

सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर के धार्मिक अध्ययन विभाग के प्रमुख, हमीदुल्लाह मराज़ी ने मीडिया को बताया कि यह बहुत ही सुखद है क्योंकि धार्मिक स्टडीज़ अध्ययन का एक बहुत ही दिलचस्प क्षेत्र है. उन्होंने कहा, “चूंकि सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर की अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षाएं होती हैं अतः देश भर से अलग अलग धर्मों से सम्बन्ध रखने वाले उम्मीदवार इस परीक्षा में भाग लेते हैं.”

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