इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा 30 जनवरी 2024 को भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (सीपीआई) जारी किया गया. साल 2023 की भ्रष्टाचार सूचकांक में भारत 180 देशों में से 93वें स्थान पर है. सीपीआई में भारत 8 स्थान नीचे फिसलकर 93वें स्थान पर आ गया जो कि 2022 में 85वां स्थान था.
इस सूचकांक में डेनमार्क को शीर्ष पर रखा गया है, उसके बाद फिनलैंड, न्यूजीलैंड और नॉर्वे हैं.
भ्रष्टाचार सूचकांक (सीपीआई) के मामले में सोमालिया सबसे अधिक भ्रष्ट देश है. नए आंकड़ों में दुनिया के 180 देशों की सूची में सोमालिया आखिरी पायदान पर है.
ज्ञात हो कि इस रैंकिंग के लिए 0 से 100 के पैमाने का उपयोग किया जाता है. इसमें 0 अत्यधिक भ्रष्ट और 100 बहुत ईमानदार का सूचक होता है. इस आधार पर 2023 में, भारत का कुल स्कोर 39 (93वाँ स्थान) रहा जबकि जबकि 2022 में यह 40 (85वाँ स्थान) था.
2022 में भारत की रैंक 85 थी. एशियाई देशों में सिंगापुर 83 अंक प्राप्त कर शीर्ष पर रहा और कुल देशों की सूची में यह पांचवें स्थान पर रहा.
सीपीआई 2023 में अधिकतर देशों का स्कोर 50 से कम है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दो तिहाई से अधिक देशों का स्कोर 50 से कम है, जो इन देशों में बढ़ते भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है.
वैश्विक स्तर पर यह औसत स्कोर 43 पर है. रिपोर्ट यह बताती है कि अधिकतर देशों ने 21वीं सदी के दूसरे दशक में या तो कोई प्रगति नहीं की है या उनके स्कोर में और गिरावट आ गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत (39) में स्कोर में इतना कम उतार-चढ़ाव दिखता है कि किसी भी महत्वपूर्ण बदलाव पर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है. हालांकि, चुनावों से पहले भारत में नागरिक स्थान में और कमी देखी जा रही है, जिसमें एक (दूरसंचार) विधेयक का पारित होना भी शामिल है, जो मौलिक अधिकारों के लिए ‘गंभीर खतरा’ हो सकता है.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि, पश्चिमी यूरोप और यूरोपीय यूनियन शीर्ष स्कोरिंग क्षेत्र बने रहे, इस साल इसका क्षेत्रीय औसत स्कोर गिरकर 65 हो गया.
दक्षिण एशिया में पाकिस्तान (133वीं रैंक) और श्रीलंका (115वीं रैंक) दोनों अपने-अपने कर्ज के बोझ और आगामी राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहे हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, “दोनों देशों के पास मजबूत न्यायिक तंत्र है, जो सरकार को नियंत्रण में रखने में मदद कर रही है. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अपने संविधान के अनुच्छेद 19ए के तहत पहले से प्रतिबंधित संस्थानों तक इस अधिकार का विस्तार करके नागरिकों के सूचना के अधिकार को मजबूत किया है.”
सूचकांक में सबसे नीचे म्यांमार (162), अफगानिस्तान (162) और उत्तर कोरिया (172) शामिल हैं. सबसे कम 11 अंक के साथ सोमालिया 180वें स्थान पर है.
इन आंकड़ों में बांग्लादेश (149) सबसे कम विकसित देश की स्थिति से बाहर आ गया है. यह आर्थिक विकास गरीबी में निरंतर कमी और जीवन स्थितियों में सुधार के कारण संभव हुआ है.
रिपोर्ट के अनुसार, इस सूची में चीन को 76 वें नंबर पर रखा गया है क्योंकि चीन ने 35 लाख से अधिक सार्वजनिक अधिकारियों को दंडित करके अपनी आक्रामक भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई की है.