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Monday, May 20, 2024
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मीरा रोड़ हिंसा : इलाके में पुलिस बल तैनात, 13 हिरासत में, स्थानीय MLA पर उकसाने का आरोप

-उवैस सिद्दीक़ी

मुंबई | राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद देशभर के अलग अलग इलाकों में जुलूस निकाले जा रहे हैं. इसी बीच मीरा रोड़ मुंंबई में सांप्रदायिक झड़प की ख़बरें भी सामने आईं और रैली में शामिल लोगों द्वारा भड़काऊ नारा लगाने के बाद विवाद बढ़ गया.

प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व 21 जनवरी को और 22 जनवरी को सोशल माडिया पर कई ऐसे वीडियो साझा किए गए जिसमें मीरा रोड पर दो समूह को एक-दूसरे पर पत्थर फेंकते देखा गया.

पुलिस ने इस मामले में 22 जनवरी की रात तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है. कई मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि ये हिंसा उस समय भड़की जब मीरा रोड पर शोभा यात्रा निकाली जा रही थी. हालांकि स्थानीय लोगों का बयान इस से अलग है.

पुलिस ने कहा कि जुलूस पर भीड़ ने पत्थरों से हमला किया, जिसमें भगवा झंडे वाली कारें और बाइकें थीं और इस घटना में कुछ लोग घायल हुए थे.

हालांकि स्थानीय निवासियों के अनुसार रैली में शामिल लोगों के द्वारा भड़काऊ नारा लगाया गया था जिसके बाद माहौल ख़राब हुआ और झड़पें हुईं.

इंडिया टुमारो को स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मामले को तीन दिन बीत चुके हैं लेकिन उपद्रवियों द्वारा अब भी अलग-अलग जगहों पर माहौल ख़राब करने का प्रयास किया जा रहा है.

फ़िलहाल इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल एवं सुरक्षा बल तैनात हैं और प्रशासन द्वारा लोगों से घरों में रहने की अपील की जा‌ रही‌ है.

इस मामले में अब तक 13 युवकों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिन पर धारा 307 (हत्या का प्रयास) और हिंसा भड़काने से जुड़ी कई अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार दर्जनों को पूछ ताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. हिरासत में लिए गए लोगों में कुछ नाबालिग और मज़दूर भी शामिल हैं.

इस मामले में अब तक दो एफआईआर दर्ज की गई है. पहली एफआईआर में आईपीसी की कई धाराओं जिसमें 307 (हत्या का प्रयास), 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए गलत कार्य करना), 341 (गलत तरीके से किसी को रोकने के लिए सजा), 141 (गैरकानूनी जमावड़ा), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा के लिए सजा), 149 (गैरकानूनी जमावड़े के किसी भी सदस्य द्वारा अपराध करना), और 427 (पचास रुपये या इससे भी ज्यादा की क्षति के लिए सजा) शामिल है.

क्या है पुरा मामला ?

22 जनवरी 2024 को रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन हुआ. इससे पहले ही देश भर में रैलियां निकाली जा रही हैं और कई स्थानों पर लोगों द्वारा जुलूस निकाले जा रहे हैं.

मीरा रोड़ के मुस्लिम बहुल इलाके के नया नगर में 21 जनवरी 2024 की रात एक रैली निकाली गई जिसमें ‘जय‌ श्री‌ राम’ के नारे के साथ अचानक भड़काऊ नारे लगाए जाने लगे जिसके बाद तनाव बढ़ गया.

रैली में भड़काऊ नारे लगाने कारण दोनों समुदायों के बीच झड़प शुरू हो गई और यहीं से माहौल ख़राब होने की शुरुआत हुई. स्थानीय लोगों के अनुसार इस घटना के बाद 22 जनवरी को और भी बड़ी संख्या में इस इलाक़े से रैली निकालने का प्रयास किया गया लेकिन पुलिस और स्थानीय लोगों के दबाव के कारण वे नाकाम रहे.

हालांकि फिर अचानक आस पास के इलाकों से तोड़ फोड़ और पथराव की खबरें आने लगीं और मामले ने गंभीर रूप ले लिया.

आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधायक वारिस पठान ने महाराष्ट्र की DGP रश्मी शुक्ला से मिलकर तीन दिनों से मीरा रोड इलाके में जारी हिंसा को फ़ौरन रोकने की मांग की. उन्होंने DGP को एक ज्ञापन भी सौंपा.

वारिस पठान ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “आज हमने #MiraRoad के निवासियों और सोशल वर्कर्स के साथ महाराष्ट्र की DGP रश्मी शुक्ला जी से मुलाक़ात की एक मेमोरेंडम दीया और निवेदन किया कि जो ३ दिनों से मीरा रोड में फ़सादात हो रहे है उसको फ़ौरन रोका जाए। और जो भी नेतालोग धमकियाँ दे रहे है ,सोशल मीडिया के ज़रिये भड़काने का काम कर रहे है जो लोग तोड़ फोड़ कर रहे है उन लोगों पर FIR दर्ज किया जाए और निष्पक्ष रूप से सख़्त क़ानूनी करवाई की जाए।”

महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और शिवाजीनगर से विधायक अबू आसिम आज़मी ने बयान जारी कर मीरा रोड में हुई घटना के लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि, महाराष्ट्र में कुछ नेता जो नफ़रत के पुजारी हैं, जनता के बीच और आग लगाने का काम कर रहे हैं.

अबू आसिम आज़मी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा है, “मीरा रोड में हुई घटना के ज़िम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन महाराष्ट्र में कुछ नेता लोग जो नफ़रत के पुजारी है, जनता के बीच और आग लगाने का काम कर रहे है। मैं खुद जल्द आ रहा हूँ मीरा रोड – मैं आऊंगा सर्वे करूँगा और बिगड़े हुए हालात को सुधारने की कोशिश करूँगा।”

स्थानीय लोगों ने क्या कहा?

मीरा रोड़ के निवासी मआज़ शेख़ ने इंडिया टुमारो से बात करते हुए बताया कि 21 जनवरी को हुई घटना का कारण एक पक्ष का दूसरे पक्ष को उकसाना था.

उन्होंने कहा कि जश्न मनाने और रैली निकालने में किसी को क्या आपत्ति होगी. लेकिन इस तरह से भड़काऊ नारे लगाना तो किसी प्रकार भी ठीक नहीं है. स्थानीय निवासी ने कहा कि, भड़काऊ रैली के कारण हिंसा भड़क उठी है.

मआज़ ने आगे बताया कि, हम बचपन से यहां रह रहे हैं और सिर्फ हम ही नहीं बल्कि नया नगर के आस पास के इलाकों में हमारे हिन्दू भाई भी दशकों से यहां रह रहे हैं और बहुत भाईचारे के साथ हम यहां रहते हैं और सारे त्योहार बिल्कुल शांति से मनाते हैं लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ.

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग राजनीतिक बहकावे में आकर ये सब कर रहे हैं.

इंडिया टुमारो से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया है कि इस घटना को स्थानीय विधायक गीता जैन का समर्थन प्राप्त है जिसके कारण हिंसा अब भी नहीं रुक पा रही है.

स्थानीय विधायक की भूमिका पर उठते सवाल

गीता जैन जो मीरा‌ भायंदर से‌ विधायक हैं, ने‌ 21 जनवरी की घटना की निंदा में सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि इस मामले में जो भी राम भक्त घायल हुए हैं या इस दौरान जो कुछ भी हुआ है उसमें जल्द से जल्द पुलिस की ओर से गिरफ्तारियां की जाएं.

पुलिस की ओर से सावधानी बरतते हुए नया नगर के चारों तरफ़ बैरीकेडिंग कर दी गई है जिस पर गीता जैन ने मीरा भायंदर वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस आयुक्त मधूकर पांडे से मुलाकात कर अगले 24 घंटे के अंदर बैरीकेडिंग हटाने की मांग की ताकि फिर से उसी इलाक़े से रैली निकाली जाए.

गीता जैन, स्थानीय विधायक

शिवसेना विधायक प्रताप सरनायक ने भी (एमबीवीवी) पुलिस आयुक्त को एक पत्र देकर 21 जनवरी की घटना में शामिल आरोपियों को 48 घंटे के अंदर गिरफ्तार करने की मांग की. साथ ही महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी X पर एक पोस्ट करते हुए इस मामले में पुलिस से जल्द संज्ञान लेने को कहा है.

21 जनवरी की घटना के संदर्भ में एक चश्मदीद ने हमें बताया कि हिंदू संगठनों की ओर से राम मंदिर निर्माण के जश्न में एक रैली निकाली जा रही थी जो नया नगर हो कर गुज़र रही थी. नया नगर एक मुस्लिम बहुल इलाका है. रैली में शामिल लोग भड़काऊ नारे लगा रहे थे.

उन्होंने बताया कि, जब पास के दुकानदारों ने उन्हें मना करते हुए समझाने की कोशिश की तो वे बहस पर उतर आए और इसी दौरान मामला गंभीर हो गया और हाथापाई शूरू हो गई.

एक और प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि, दुसरे दिन यानी 22 जनवरी को वे सुबह से ही अलग-अलग गिरोह में काफ़ी बड़ी संख्या में नया नगर के इलाके में रैलियां निकालने लगे और मस्जिदों के सामने नारेबाज़ी करने लगे. कई स्थानों पर दोनों समुदायों के बीच छोटी-मोटी झडपें भी हुईं.

एक अन्य स्थानीय निवासी मुहम्मद अली ने इंडिया टुमारो को बताया कि, 21 जनवरी को पेश आई घटना पर स्थानीय पुलिस ने काबू पा लिया और इलाके में फ्लैट मार्च करते हुए लोगों को घर ही में रहने की अपील की.

उन्होंने सवाल उठाया कि जब 22 जनवरी को रामलला प्राण प्रतिष्ठा होनी थी तो उस दिन के लिए भारी सुरक्षा बालों की तैनाती होनी चाहिए थी लेकिन स्थानीय पुलिस और कुछ अन्य पुलिस के अलावा सुरक्षा का कोई विशेष इंतज़ाम नहीं था. 22 जनवरी को नया नगर सहित मीरा रोड़ के कई इलाकों में उपद्रवियों द्वारा हिंसा फैलाई गई.

उन्होंने बताया कि उपद्रवियों ने विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों और संपत्तियों को निशाना बनाया और उन्हें नुकसान पहुंचाया. कई स्थानों पर बंदूक, तलवारों और अन्य हथियारों का प्रदर्शन भी किया गया.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि 22 जनवरी के इन सब पर पुलिस की ओर से क़ाबू पाना मुश्किल था, जिसके चलते स्थानीय नागरिकों ने भी प्रशासन पर दबाव बनाया जिसके बाद उपद्रवी इलाकों में घुसने में नाकाम रहे. हालांकि, 23 जनवरी को भारी संख्या में पुलिस बल और सुरक्षा बालों की तैनाती हुई और स्थिति पर नियंत्रण रखा गया.

प्रशासन द्वारा बुलडोज़र कार्रवाई

इंडिया टुमारो को शेख ताबिंदा ने बताया कि 23 जनवरी को शाम के समय अचानक भारी पुलिस बल की तैनाती में नया नगर स्थित हैदरी चौक‌ इलाके में लगभग 15 दुकानों पर बुल्डोज़र कारवाई की गई.

उन्होंने बताया कि वहां मौजूद डीसीपी जयंत भजबले ने मीडिया को बताया कि यह कारवाई अवैध अतिक्रमण के चलते मीरा भायंदर म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (एमबीएभसी) की ओर से की जा रही है. उन्होंने बताया कि वे सभी दुकानें मुस्लिम समुदाय के लोगों की थीं जिन्हें वे दशकों से चला रहे थे.

इंडिया टुमारो से बात चीत के दौरान ताबिंदा ने प्रशासन की कारवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि, अगर यह सब अवैध अतिक्रमण है भी तो कम से कम एक दिन पहले कोई नोटिस तो दिया जाता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. निर्माण पर बुलडोज़र कार्रवाई अचानक की गई.

यह कार्रवाई ऐसे समय पर की गई है जब सांप्रदायिक झड़पों के कारण पुरे इलाके में तनाव है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन दुकानों के अधिकतर हिस्सों को ध्वस्त कर दिया गया है.

सामाजिक कार्यकर्ता अता उल हक़ ने बताया कि इस मामले में प्रशासन की ओर से एकतरफ़ा कारवाई की जा रही है. आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार अब तक 13 युवकों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिन पर धारा 307 (हत्या का प्रयास) और हिंसा भड़काने से जुड़ी कई अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

रिपोर्ट के अनुसार दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिन्हें हिरासत में लिया गया है उनमें कुछ नाबालिग और कुछ मज़दूर भी शामिल हैं.

आरोप है कि इलाके की भाजपा विधायक गीता जैन की शह पर यह सब हो रहा है. इससे पहले रामनवमी के समय भी उपद्रवियों और अराजक तत्वों द्वारा नया नगर के इलाके में मस्जिदों के सामने माहौल खराब करने का प्रयास किया गया था लेकिन स्थानीय लोगों ने उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया था.

कुछ समय पहले भी जन आक्रोश मोर्चा के नाम से एक रैली बजरंग दल और उनके सहयोगी संगठनों की ओर निकाली गई थी जिसमें नया नगर को निशाना बनाते हुए लैंड जिहाद की बात कही गई थी. स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि पिछले कई अवसरों पर भी हिंसा भड़काने के प्रयास किए गए थे, यह हिंसा भी उसी कड़ी का एक हिस्सा है.

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