अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | उत्तर प्रदेश में सपा ने राष्ट्रीय लोक दल को लोकसभा की 7 सीटें चुनाव लड़ने के लिए देकर भाजपा को राजनीतिक चुनौती और कड़ा सन्देश दिया है। भाजपा की ओर से लगातार इस तरह की अफवाहें फैलाई जा रही थीं कि रालोद कभी भी “इंडिया गठबंधन” का साथ छोड़कर भाजपा के साथ खड़ा हो सकता है।
“इंडिया गठबंधन” को तोड़ने की लगातार हो रही कोशिशों के बावजूद इंडिया गठबंधन में कोई टूट नहीं हो पा रही थी बल्कि इंडिया गठबंधन की ताकत लगातार बढ़ती जा रही थी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यहाँ तक कह दिया था कि सीटों की संख्या कोई मायने नहीं रखती हैं हम केवल एनडीए को हराना चाहते हैं और हराकर रहेंगे।
अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती को भी इंडिया गठबंधन में शामिल करने का मन बना लिया था और उन्होंने मायावती के जन्मदिन पर शुभकामनाएं भी दी थी तथा अपने सहयोगी नेताओं से मायावती के खिलाफ कुछ भी बोलने से मना किया था।
अखिलेश यादव ने इशारों-इशारों में यह संकेत दिया था कि मायावती इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकती हैं और कांग्रेस उनसे बात कर रही है। लेकिन मायावती ने अपने जन्मदिन पर अकेले राजनीति करने और अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कहकर एकला चलो का रास्ता अपना लिया।
मायावती के इस रुख से बसपा कार्यकर्ताओं को भी धक्का लगा और कार्यकर्ताओं ने चुप्पी साध ली। इसके बाद अखिलेश यादव ने राजनीति के मैदान पर खुलकर खेलने का फैसला लिया और तुरंत रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को लखनऊ बुलाया और उनसे बात की।
अखिलेश यादव ने बातचीत में जयंत चौधरी से लोकसभा चुनाव लड़ने वाली सीटों पर बात की और उनको उनकी मनमाफिक
7 सीटें चुनाव में लड़ने के लिए देने के लिए कहा। जयंत चौधरी ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी को जो 7 सीटें लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए दी हैं, उनमें बागपत, मथुरा, फतेहपुर सीकरी, हाथरस, बुलंदशहर, अमरोहा और कैराना शामिल हैं। इनमें बागपत से जयंत चौधरी और मथुरा से इनकी पत्नी चारु चौधरी चुनाव लड़ेंगे। बाकी पर जयंत चौधरी खुद उम्मीदवार तय करेंगे।
इसके आलावा जरूरत पड़ने पर यह आपस में 2- 3 सीटों पर सपा और रालोद आपस में सीटों में बदलाव कर सकते हैं। पिछला लोकसभा चुनाव रालोद 3 सीटों पर ही लड़ा था। अखिलेश यादव ने रालोद को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 7 सीटें देकर इंडिया गठबंधन को मजबूत कर दिया है और भाजपा की बोलती बंद कर दी है।
भाजपा ने इंडिया गठबंधन को लेकर अगवाहें फैला रखी थीं की इंडिया गठबंधन में कभी भी फूट पड़ सकती है और इंडिया गठबंधन में बिखराब हो सकता है। रालोद को लेकर खासतौर पर अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि रालोद भाजपा के साथ खड़ा हो जायेगा और भजपा पश्चिमी यूपी में मजबूत हो जाएगी।
भाजपा की इस तरह की अफवाहों को लेकर सपा और रालोद के खिलाफ जनता में भी गलत संदेश जा रहा था। इस पर विराम लगाते हुए सपा नेता अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने सीटों का तालमेल कर भाजपा की हवा निकालते हुए बोलती बंद कर दी। इससे भाजपा को तगड़ा झटका लगा है।
भाजपा की ओर से यह योजना है की लोकसभा चुनाव की घोषणा होने और चुनावी आचार संहिता लागू होने के पूर्व भाजपा पूरे देश में 100 और यूपी में 40 उम्मीदवार घोषित कर दे, जिससे विपक्षी दल भाजपा के सामने मानसिक रूप से कमजोर हो जाएं और उसका मुकाबला न कर सकें।
हालांकि, इंडिया गठबंधन के नेता अखिलेश यादव ने एक बड़ी चाल चलते हुए भाजपा को पीछे छोड़ दिया है। अखिलेश यादव ने रालोद को 7, चंद्रशेखर रावण को 1, कांग्रेस को 10, अन्य के लिए 2 सीटें और सपा के लिए 20 उम्मीदवार फाइनल कर लिए
हैं, जिनकी इंडिया गठबंधन की ओर कभी भी नाम घोषित किए जा सकते हैं।
80 लोकसभा सीटों में से अब 40 नाम तेजी से फाइनल किए जा रहे हैं और वह भी सामने आ जाएंगे। इस तरह से सपा ने भाजपा को अभी से घेर लिया है।