इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | सऊदी अरब ने दुनिया भर से उमराह करने आने वाले और मस्जिद नबवी आने वाले मुस्लिम तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए एक अहम पहल की है.
नई पहल के अनुसार अब महिलाऐं पुरुष अभिभावक के बिना उमराह कर सकेंगी, जिससे कई मुसलमानों के लिए तीर्थयात्रा करने की संभावनाएं बढ़ जायेंगी.
इस पहल से उमराह करने वाले और मस्जिद-ए-नबवी और पैगंबर के रोज़ा का दौरा करने के इच्छुक भारतीय मुसलमानों को लाभ होगा.
हर साल उमराह करने के लिए सऊदी अरब जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या के आधार पर भारत तीसरे स्थान पर है.
सऊदी सरकार के मुताबिक पिछले साल भारत से उमराह पर जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 1.8 मिलियन थी. सऊदी अधिकारियों को उम्मीद है कि भारत से उमराह के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या सालाना 1.37 मिलियन तक पहुंच जाएगी.
दिसंबर 2023 की शुरुआत में सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्री डॉ. तौफीक बिन फौज़ान अल-रबिया की पहली भारत यात्रा में उमराह के क्षेत्र में भारत के महत्व पर प्रकाश डाला गया था. यात्रा के दौरान महामहिम डॉ. तौफीक ने सऊदी अरब की तीर्थ यात्रा से संबंधित चुनौतियों पर काबू पाने और भारत से मुस्लिम तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए मिलजुल कर प्रयास खोजने के लिए भारत के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की.
सऊदी मंत्री ने मुंबई और नई दिल्ली में 4-6 दिसंबर तक एकीकृत सरकारी मंच ‘नुसुक’ (nusuk.sa) द्वारा आयोजित ‘परिचय मीटिंग’ के मौके पर भारत के उमराह, यात्रा और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े निवेशकों और एजेंसियों से मुलाकात की.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत सहित दुनिया भर के मुस्लिम तीर्थयात्रियों को नुसूक मंच द्वारा दी जाने वाली अनूठी सेवाओं और अभूतपूर्व सुविधाओं का प्रदर्शन करना था. डॉ. अल-रबिया ने उनकी चिंताओं को सुना, भारतीय मुसलमानों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रारंभिक समाधानों की रूपरेखा तैयार की और सहयोग के लिए एक माहौल तैयार किया.
आधिकारिक “नुसुक” प्लेटफ़ॉर्म हज और उमराह मंत्रालय और सऊदी टूरिज्म ऑथोरिटी के सहयोग से सऊदी अरब द्वारा शुरू किए गए सबसे प्रभावी समाधानों में से एक है इसे अपनी यूज़र फ्रेंडली सुविधाओं के लिए जाना जाता है. यह प्लेटफार्म आवास, परिवहन, हवाई टिकट और रसद सेवाओं के क्षेत्र में 300 से अधिक भागीदारों के साथ सहयोग करता है.
यह इलेक्ट्रॉनिक वीज़ा प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है ताकि उमराह के लिए एक्सेस प्रक्रिया को स्वचालित किया जा सके. यह मंच मक्का और मदीना के ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा में भी सहायता करता है, जिससे काबा की ज़ियारत आने वाले मेहमानो को पूरे वर्ष एक असाधारण आध्यात्मिक अनुभव मिलता है.
यह खासतौर पर भारत और साथ ही वैश्विक समुदाय के लिए पहुंच आसान बनाने की सऊदी अरब की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इसमें तय की गई चीज़ों में हज के मौसम को छोड़कर पूरे वर्ष उमराह और यात्राओं की उपलब्धता शामिल है. इसके अलावा, महिलाएं पुरुष अभिभावक के बिना उमराह कर सकती हैं, जिससे कई मुसलमानों के लिए तीर्थयात्रा करने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
उमराह के लिए सऊदी आने वालों के लिए उमराह अनुभव को बढ़ाने और मक्का और मदीना की यात्रा को आसान बनाने के लिए, सऊदी सरकार ने हाई-स्पीड हरमैन ट्रेन की शुरुआत की है. विद्युत चालित यह ट्रेन 300 किमी/घंटा तक की गति से चलती है, और साथ ही मक्का और मदीना के बीच विभिन्न स्थानों तक पहुंचाती है.
यह ट्रेन यात्रियों को तेज़ गति के साथ सुरक्षा और आराम प्रदान करती है. इसका शुमार दुनिया की शीर्ष 10 सबसे तेज़ ट्रेनों में किया जाता है. इस ट्रेन ने 2023 में 23 मार्च से 25 अप्रैल के बीच 930,000 यात्रियों को ले जाकर एक रिकॉर्ड बनाया था.