इंडिया टुमारो
जयपुर | राजस्थान में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सरगर्मियां तेज़ हो गईं हैं. सभी दल अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं. 200 सीट वाली राजस्थान विधानसभा के लिए 25 नवंबर को चुनाव होगा. वोटों गिनती 3 दिसम्बर को होगी.
6 नवंबर को नामांकन का आखिरी दिन था. इस बार सतारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने 200 उम्मीदवारों में से 14 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को उम्मीदवार बनाया है. यह कुल सीटों का 7 फीसदी है. इनमें ज़्यादातर पुराने चेहरे हैं.
कांग्रेस ने जैसलमेर जिले की पोकरण विधानसभा सीट से राज्यमंत्री सालेह मोहम्मद को एक बार टिकट दिया है. इसके अलावा मकराना से ज़ाकिर हुसैन गैसावत, तिजारा से इमरान खान और बाड़मेर की शिव विधानसभा से अमीन खान को 10 वीं बार टिकट मिला है.
पिछले विधानसभा चुनाव में 9 मुस्लिम विधायक जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. जिनमें एक बहुजन समाज पार्टी और बाक़ी कांग्रेस से थे.
राजस्थान में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने एक भी मुस्लिम को उम्मीवार नहीं बनाया है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सिर्फ एक मुस्लिम को प्रत्याशी बनाया था.
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यूनुस खान को टोंक सीट से सचिन पायलट के सामने मैदान में उतारा था. यूनुस खान इस चुनाव लगभग 50 हज़ार वोटों के अंतर से हार गए थे. लेकिन पार्टी ने इस बार उनका टिकट काट दिया.
यूनुस खान डीडवाना ज़िले की डेडवाना सीट से दो बार भाजपा से विधायक रहे है. उन्हें वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है, और वो राजे काबीना में मंत्री रहे हैं.
वर्तमान विधायक दानिश अबरार को सवाई माधोपुर से एक बार फिर प्रत्याशी बनाया गया है. इन्हें दूसरी बार टिकट मिला है. 2013 के विधानसभा चुनाव में अबरार जीत नहीं सके थे. इस सरकार में वो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार भी रहे हैं.
जयपुर शहर की दो सीटों से दो मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं. आदर्श नगर सीट से रफ़ीक ख़ान और किशनपोल सीट से अमीन काग़ज़ी को एक बार फिर टिकट दिया है.
वहीं भरतपुर की नगर विधानसभा सीट से वाजिब अली को कांग्रेस ने टिकट मिला है. वाजिब ने 2018 विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी से लड़ा था और जीत के बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
भरतपुर ज़िले की कामां सीट से मंत्री ज़ाहिदा ख़ान को फिर से प्रत्याशी बनाया है. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की विधानसभा सीट से सटी जोधपुर के सुरसागर विधानसभा क्षेत्र से प्रोफ़ेसर अयूब खान के बेटे शहज़ाद खान को टिकट दिया है.
हालांकि इन सीटों के अलावा जयपुर की हवामहल, टोंक, कोटा उत्तर और सीकर समेत 10 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम मतदाता जीत हार में अहम भूमिका निभाते हैं.
राजस्थान में मुसलमानों की जनसंख्या करीब 12 प्रतिशत है. आबादी के हिसाब से भागीदारी की बात की जाए तो 24 सीटें मुसलमानों को मिलनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है.