अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खां की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। आज़म खां द्वारा रामपुर में स्थापित की गई जौहर यूनिवर्सिटी को दी गई ज़मीन अब योगी सरकार द्वारा वापस ली जाएगी।
यूपी के रामपुर में प्रसिद्ध शिक्षाविद और स्वतंत्रता सेनानी मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम पर सपा नेता आज़म खां ने जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी। आज़म खां ने बाकायदा इसके लिए जौहर ट्रस्ट बनाया था। इसके बाद ही सपा की पिछली सरकार ने जौहर यूनिवर्सिटी को बनाने के लिए रामपुर में माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा लीज पर मुर्तज़ा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन व भूमि को एक प्रस्ताव के ज़रिए दिया गया था।
यह भूमि 100 रुपये सालाना किराये पर जौहर ट्रस्ट को दी गई थी। जब तक सपा सरकार राज्य में सत्ता में रही तब तक सब कुछ ठीकठाक चलता रहा। लेकिन जैसे ही 2017 में यूपी में भाजपा की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने वैसे ही जौहर यूनिवर्सिटी के बुरे दिन शुरु हो गए।
चूंकि जौहर यूनिवर्सिटी के मुख्य कर्ताधरता आज़म खां हैं और भाजपा उनको अपना विरोधी मानती है इसलिए भाजपा सरकार ने आज़म खां और जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ तमाम जाँच बैठा दी। आज आज़म खां, पूर्व सांसद और उनकी पत्नी तंज़ीम फात्मा और उनके पुत्र व पूर्व विधायक अब्दुल्ला आज़म जेल में हैं।
आज़म खां के धुर विरोधी रामपुर से भाजपा विधायक आकाश सक्सेना आज़म खां को राजनीति में खत्म करने में जुटे हुए हैं। आकाश सक्सेना ही जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ पैरवी कर रहे हैं। इन्हीं की वजह से आज आज़म खां को एक बार फिर से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और राज्य की योगी सरकार ने जौहर यूनिवर्सिटी को दी गई ज़मीन वापस लेने का फैसला लिया है।
आज लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में एक कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें रामपुर में जौहर ट्रस्ट /जौहर यूनिवर्सिटी को पूर्व सपा सरकार द्वारा लीज पर दी गई ज़मीन को वापस लेने का फैसला लिया गया। आज की कैबिनेट की बैठक में मुर्तज़ा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के भवन व भूमि के प्रस्ताव को वापस लेने की योगी सरकार ने मंज़ूरी दी।
रामपुर के भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की इस मामले में बड़ी भूमिका है, क्योंकि आकाश सक्सेना के बयान से यह ज़ाहिर होता है कि उनको यह पता था कि आज जौहर यूनिवर्सिटी से ज़मीन वापस लेने का योगी आदित्यनाथ की सरकार फैसला करेगी।सरकार के फैसले के वक्त ही उन्होंने बयान देते हुए कहा था,”अभी तो यह ट्रेलर है, पूरी पिक्चर बाकी है।”
आकाश सक्सेना के इस बयान के बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि आगे चलकर अभी जौहर यूनिवर्सिटी के खिलाफ भी बड़ी कार्यवाही हो सकती है।
रामपुर के जौहर यूनिवर्सिटी से योगी सरकार द्वारा पूर्व सरकार द्वारा दी गई लीज की ज़मीन को वापस लेने का फैसला पूरी तरह से राजनीतिक है।
आजम खां भाजपा के खिलाफ हैं, इसलिए आज उनके द्वारा स्थापित यूनिवर्सिटी के विरुद्ध यह फैसला योगी सरकार ने लिया है। लेकिन योगी सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि सरकार बदलने पर फैसले भी बदल सकते हैं।