इंडिया टुमारो
लखनऊ | उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने मदरसा शिक्षकों के बकाया वेतन के मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा है कि, 2024 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मदरसों के शिक्षकों को बकाया वेतन दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो उर्दू को रोज़गार से जोड़ने का काम करेगी. कांग्रेस के सत्ता से दूर होने के बाद की सरकारों ने उर्दू को केवल सांस्कृतिक भाषा तक सीमित कर दिया. जिससे उर्दू रोज़गार की भाषा नहीं रह सकी.
कांग्रेस नेता ने उर्दू शिक्षकों और पत्रकारों को अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा सम्मानित करते हुए कहा कि, 6 अक्टूबर 1989 को एनडी तिवारी सरकार ने उर्दू को दूसरी राज भाषा का दर्जा दिया था.
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा शनिवार को प्रदेश भर में उर्दू पत्रकारों और शिक्षकों को उर्दू के विकास में दिए गए योगदान के लिए सम्मानित किया गया.
कांग्रेस ने कहा, 1989 में 6 अक्टूबर को ही कांग्रेस की तत्कालीन नारायण दत्त तिवारी सरकार ने उर्दू को उत्तर प्रदेश की दूसरी अधिकृत राजभाषा घोषित की थी. इस मौके पर अल्पसंख्यक कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमन्त्री एनडी तिवारी को भी याद किया.
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने जारी बयान में बताया कि हर ज़िले में 20 लोगों जिसमें पत्रकार, उर्दू शिक्षक, मदरसे के शिक्षक शामिल हैं को घर जाकर अल्पसंख्यक कांग्रेस नेताओं ने प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया.
मदरसा शिक्षकों के बकाया वेतन पर चिंता ज़ाहिर करते हुए शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जब तक कांग्रेस केंद्र की सत्ता में रही मदरसों के शिक्षकों को समय पर वेतन मिलता रहा. वहीं जब तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रही उर्दू रोज़गार से जुड़ी भाषा बनी रही.
उन्होंने कहा, कांग्रेस के सत्ता से दूर होने के बाद आई बाकी सरकारों ने उर्दू को केवल सांस्कृतिक भाषा तक सीमित कर दिया. जिससे उर्दू रोज़गार की भाषा नहीं रह गयी.
कांग्रेस नेता ने कहा कि 2024 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मदरसों के शिक्षकों को पूरा बकाया वेतन दिया जाएगा. उन्होंने उर्दू भाषी लोगों से 2024 में राहुल गाँधी को प्रधान मंत्री बनाने के लिए एकजुट होने की अपील की.