https://www.xxzza1.com
Saturday, May 18, 2024
Home देश 4 साल नज़रबंद रहने के बाद रिहा हुए मीरवाइज़ उमर, शांति और...

4 साल नज़रबंद रहने के बाद रिहा हुए मीरवाइज़ उमर, शांति और पंडितों की वापसी की अपील की

इंडिया टुमारो

श्रीनगर | हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज़ उमर फारूक जब चार साल बाद शुक्रवार का जुमा का ख़ुत्बा (धार्मिक उपदेश) देने के लिए जामिया मस्जिद के मंच पर चढ़े तो भावुक हो गए. मीरवाइज़, जो कश्मीर के प्रमुख मौलाना हैं, उस समय अपने आंसू नहीं रोक सके, जब लोग नारे लगा रहे थे.

4 अगस्त, 2019 के बाद यह मीरवाइज़ की पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी. केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने से एक दिन पहले उन्हें घर में नज़रबंद कर दिया गया था.

उन्होंने कहा, “मैं आपसे लगभग 4 साल और दो महीने बाद मिल रहा हूं. 4 अगस्त 2019 से मुझे अधिकारियों द्वारा मेरे घर में नज़रबंद कर दिया गया और बाहर निकलने या लोगों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई. मेरे सभी अधिकार और स्वतंत्रताएं कम कर दी गईं. सभी की बार-बार अपील के बावजूद, मुझे रिहा नहीं किया गया.”

मीरवाइज़ ने कहा कि, उन्हें गुरुवार को पुलिस अधिकारियों ने सूचित किया कि अधिकारियों ने उन्हें घर की नज़रबंदी से रिहा करने और जामिया मस्जिद जाने की अनुमति देने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा, “यह तब हुआ जब मैं इस मामले को अदालत में ले गया. तो अल्हम्दुलिल्लाह, मैं आज 4 वर्षों के बाद यहाँ हूँ. यह मेरे लिए बेहद भावुक पल है. मैं सर्वशक्तिमान अल्लाह का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने इसे संभव बनाया और आज एक बार फिर मैं जामिया में हूं, आपके बीच हूं. यह आपकी ‘दुआओं’ से भी संभव हुआ है.”

उन्होंने कहा कि, लोगों से दूर रहना उनके लिए बहुत कठिन दौर रहा है. उन्होंने कहा, “अगस्त 2019 से मुझे पता है कि यह आपके लिए आसान नहीं रहा है, हमारी पहचान पर हमले हुए हैं. अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करना, जम्मू-कश्मीर को एक राज्य से केंद्र शासित प्रदेश में बदलना और लद्दाख को इससे अलग करना. पुनर्गठन अधिनियम के माध्यम से लगातार लगाए जा रहे नए कानून और आदेश, दुर्भाग्य से कठोर और एकतरफा निर्णय हैं.”

उन्होंने कहा कि मीरवाइज़ की संस्था लोगों से मिलने जुलने में विश्वास करती है. उन्होंने कहा, “यह संवाद और तर्क में विश्वास करता है. नायब-ए-रसूल कहे जाने वाले मीरवाइज़ पर यह दायित्व है कि वह सत्ता और लोगों तक सच्चाई पहुंचाएं और लोगों के हित और शांति में अपनी भूमिका निभाएं. इतिहास इस बात का गवाह है कि मीरवाइज़ ने व्यक्तिगत नुकसान और पीड़ा की कीमत पर भी हमेशा संवाद और समझौते का प्रचार किया है.”

मीरवाईज़ ने कहा कि हुर्रियत लगातार बढ़ती स्थिति पर अपनी पीड़ा व्यक्त करता रहा है. उन्होंने कहा, “जैसा कि पीएम मोदी ने सही कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है. हमने हमेशा हिंसक तरीकों के विकल्प के माध्यम से समाधान के प्रयासों में विश्वास किया है और इसमें भाग लिया है जो कि बातचीत और सुलह है. इस मार्ग पर चलने के कारण हमें व्यक्तिगत रूप से कष्ट सहना पड़ा है.”

उन्होंने कहा, “हम तथाकथित अलगाववादी या शांति भंग करने वाले नहीं बल्कि यथार्थवादी समाधान चाहने वाले हैं. जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने के अलावा हमारी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं है, जो हमारी मूल चिंता है और लोग समाधान चाहते हैं, और शांति अपने साथ समृद्धि लाती है, लेकिन उनकी (लोगों की) शर्तों पर.”

मीरवाइज़ ने कश्मीरी पंडितों की वापसी का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा, “हम समुदायों और राष्ट्रों के बीच मज़बूत और कमज़ोर लोगों के बीच, बहुसंख्यकों और अल्पसंख्यकों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करते हैं. हमने हमेशा कश्मीरी पंडितों की वापसी की वकालत की है और इस मानवीय मुद्दे को राजनीतिक बनाने से इनकार किया है.”

उन्होंने कहा, “मुद्दों से निपटने के लिए कठोर दृष्टिकोण एक खतरनाक बात है. इससे मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है. हमारे दर्जनों नेता, पुरुष और महिलाएं वर्षों से जेलों में बंद हैं, हजारों युवा पुरुष और लड़के, पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील कारावास भुगत रहे हैं. उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए. उनका स्वास्थ्य और परिवार पीड़ित हैं.”

- Advertisement -
- Advertisement -

Stay Connected

16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe

Must Read

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को मोदी सरकार के इशारे पर काम करने वाली कठपुतली करार दिया

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक चुनावी रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री...
- Advertisement -

हलद्वानी हिंसा: आरोपियों पर लगा UAPA, क़ौमी एकता मंच ने की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

-एस.एम.ए. काज़मी देहरादून | उत्तराखंड पुलिस ने 8 फरवरी, 2024 को हुई हल्द्वानी हिंसा मामले में सात महिलाओं सहित...

उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों- सरकारी कर्मचारियों का आरोप, “वोट डालने से किया गया वंचित”

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों में से ख़ासकर पुलिस...

कांग्रेस का पीएम से सवाल, 20 हज़ार करोड़ खर्च करने के बावजूद गंगा और मैली क्यों हो गई ?

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की लोकसभा सीट बनारस के मुद्दों को लेकर सवाल...

Related News

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को मोदी सरकार के इशारे पर काम करने वाली कठपुतली करार दिया

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक चुनावी रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री...

हलद्वानी हिंसा: आरोपियों पर लगा UAPA, क़ौमी एकता मंच ने की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

-एस.एम.ए. काज़मी देहरादून | उत्तराखंड पुलिस ने 8 फरवरी, 2024 को हुई हल्द्वानी हिंसा मामले में सात महिलाओं सहित...

उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों- सरकारी कर्मचारियों का आरोप, “वोट डालने से किया गया वंचित”

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों में से ख़ासकर पुलिस...

कांग्रेस का पीएम से सवाल, 20 हज़ार करोड़ खर्च करने के बावजूद गंगा और मैली क्यों हो गई ?

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी की लोकसभा सीट बनारस के मुद्दों को लेकर सवाल...

MDH मसाले अमेरिका में मानकों पर खरे नहीं उतरे, यूएस खाद्य विभाग ने लगाई रोक, जांच शुरू

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | हाल ही में अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी खाद्य विभाग "फूड एंड ड्रग...
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here