अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे कर रही ASI ने सर्वे करने और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए जिला अदालत से 8 सप्ताह का और समय देने की मांग की है. इसके लिए अदालत में प्रार्थना पत्र भी दिया है. जबकि ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने इसका विरोध किया है और कहा है कि, ASI सर्वे करने के बजाए ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की जगह – जगह खुदाई कर रही है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर ASI 4 अगस्त से ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने को छोड़कर परिसर का वैज्ञानिक सर्वे कर रही है. अब तक ASI को अपना सर्वे पूरा कर अदालत में सर्वे रिपोर्ट पेश कर देना था, लेकिन अभी तक सर्वे पूरा नहीं हुआ है. इसलिए ASI ने सर्वे पूरा करने और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए वाराणसी की जिला जज की अदालत से 8 सप्ताह का और समय देने की मांग की है.
ASI ने इसके लिए बाकायदा जिला जज की अदालत में एक प्रार्थना पत्र दिया है. ASI ने शनिवार को समय सीमा बढ़ाए जाने यानी 8 सप्ताह का और समय देने के लिए प्रभारी जिला जज व एडीजे प्रथम संजीव सिन्हा की अदालत में एक प्रार्थना पत्र दिया.
अदालत ने सभी पक्षकारों को सुना. इसके बाद अदालत ने कहा कि जिला जज अवकाश पर हैं. इसलिए उनके आने के बाद प्रार्थना पत्र पेश किया जाए.
ASI की तरफ से अदालत में स्टैडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव पेश हुए. उन्होंने कहा कि, “ज्ञानवापी परिसर का ASI वैज्ञानिक जाँच – सर्वे कर रहा है. पुरातत्वविदों, पुरालेखविदों, सर्वेक्षणकर्ताओं, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर और अन्य तकनीकी कर्मियों की टीम लगी है. राष्ट्रीय भूभौतकीय अनुसंधान् संस्थान, हैदराबाद के विशेषज्ञों की एक टीम जीपीआर सर्वे कर रही है.”
उन्होंने आगे कहा कि, “प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण और अध्ययन भी किया जा रहा है।”
अमित श्रीवास्तव ने अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र के माध्यम से कहा कि, “अदालत ने सभी तहखानों की जमीन के नीचे सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है, इसलिए यह जरूरी है कि वहाँ डंम्प या जमा मलबा खड़े ढांचे को कोई नुकसान पहुंचाए बगैर हटा दिया जाए. ऐसे में सभी तहखानों की जमीन के सर्वे के लिए साफ करने में कुछ और समय लगेगा. लिहाजा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए ASI को 8 सप्ताह का और समय दिया जाए.”
कार्यवाहक जिला जज संजीव सिन्हा की अदालत ने स्टैडिंग काउंसिल अमित श्रीवास्तव की दलील को सुना, लेकिन अदालत ने इस पर कोई आदेश नहीं पारित किया.
सोमवार 4 सितंबर को इस मामले की सुनवाई जिला जज की अदालत में हुई. अदालत में ASI द्वारा सर्वे करने और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 8 सप्ताह का और समय मांगा गया. ASI ने जैसे ही अदालत से 8 सप्ताह का और समय देने की मांग की, ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने इस पर अपनी आपत्ति दाखिल की और 8 सप्ताह का और समय देने का इसका विरोध किया।
मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने कहा कि, “जो हलफनामा कोर्ट में दाखिल किया गया है, उसके विपरीत सर्वे किया जा रहा है. ASI को जीपी आर तकनीक से सर्वे करने की अनुमति है, लेकिन ज्ञानवापी परिसर में जगह – जगह खुदाई की जा रही है. मलबे को ट्रक से हटाया जा रहा है. ASI टीम द्वारा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है.”
ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतजामिया कमेटी द्वारा जिला जज की अदालत में ASI के 8 सप्ताह का और समय मांगे जाने का विरोध किए जाने के बाद और अपनी बात रखने के बाद अदालत ने 8 सप्ताह का और समय देने की ASI की मांग पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है.
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे के नाम पर जगह -जगह खुदाई करना और उसका मलबा निकालकर ट्रक से बाहर भेजना ASI को कटघरे में खड़ा करता है. जब जीपीआर तकनीक से सर्वे करने का अदालत ने आदेश दिया है, तो ASI ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में जगह – जगह खुदाई क्यों कर रहा है?
ASI ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में अदालती आदेश के विपरीत खुदाई क्यों कर रहा है? ASI ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से ट्रक के जरिये मलबा हटवा कर क्या छुपाना चाहता है? ASI अदालत के आदेश के खिलाफ जाकर मस्जिद परिसर की जगह -जगह खुदाई क्यों कर रहा कि और किसके आदेश पर कर रहा है?
ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब ASI को देना चाहिए. ASI के इस कृत्य से उसकी भूमिका संदिग्ध हो गई है औरउस पर विश्वाश का संकट खड़ा हो गया है.