इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | मेवात के दंगा प्रभावित इलाकों में जलाई गई और क्षतिग्रस्त कर दी गई मस्जिदों की मरम्मत का काम और राहत कार्य बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है.
31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद से जमीयत उलमा-ए-हिंद (जेयूएच) की विभिन्न टीमें मेवात के अलग अलग इलाकों में राहत के काम में लगी हुई हैं. जेयूएच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी के निर्देश पर जेयूएच टीमों ने मेवात का दौरा किया.
सर्वेक्षण एवं कानूनी कार्यवाही हेतु राहत समिति, लीगल सेल एवं सर्वेक्षण समिति का भी गठन किया गया है.
कुछ टीमें जहां दंगे में हुए नुकसान का आकलन कर रही हैं, वहीं अन्य टीमें राज्य सरकार के निर्देश पर तोड़े गए मकानों और दुकानों और उससे हुए नुकसान का सर्वेक्षण कर रही हैं.
इस इलाके में उपद्रवियों ने कुल 14 मस्जिदों पर हमला किया, जिनमें से एक मस्जिद पूरी तरह से जल गई जबकि 13 मस्जिदें आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं.
जले हुए धार्मिक स्थलों, दरगाहों, मकानों और दुकानों की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. राज्य सरकार के आदेश पर जिन मकानों और दुकानों पर बुलडोज़र चलाया गया, उनकी सूची भी तैयार की जा रही है.
इस संबंध में, जेयूएच (राजस्थान) के महासचिव मौलाना राशिद कासमी के नेतृत्व में जेयूएच की एक सर्वेक्षण समिति और राहत टीम ने 13 अगस्त को पलवल जिले में हाल ही में हुई झड़पों से प्रभावित दो मस्जिदों का सर्वेक्षण किया.
पलवल जिले की होडल तहसील के हसनपुर गांव की मस्जिद आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई. मस्जिद के इमाम मौलाना लुकमान कासमी की देखरेख में राहत टीम ने मस्जिद की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है.
टीमों ने नज़दीकी गांव रसूलपुर, तहसील होडल, जिला पलवल में एक अन्य मस्जिद का भी सर्वेक्षण किया, जो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी.
मस्जिद के इमाम के कमरे में आग लगा दी गई, मस्जिद की भीतरी और बाहरी दीवारें तोड़ दी गईं और धार्मिक किताबें भी जला दी गईं. टीम ने पाया कि गांव में कोई मुस्लिम घर नहीं है और इसलिए, मौजूदा स्थिति को देखते हुए मस्जिद की मरम्मत का काम तुरंत शुरू नहीं किया जा सकता है. स्थिति सामान्य होते ही मरम्मत कार्य शुरू कर दिया जाएगा. मस्जिद को लगभग तीन लाख रु. का नुकसान होने का अनुमान है.
14 अगस्त को जेयूएच टीम ने जामा मस्जिद, कच्चा बाजार, तहसील टौरू, जिला, नूंह का भी निरीक्षण किया. बता दें कि दंगा भड़कने के बाद से ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारी इस मस्जिद में किसी को भी जाने की इजाज़त नहीं दे रहे थे. इसलिए टीमें वहां डीएसपी से मिलीं.
प्रशासन ने चर्चा के बाद उन्होंने चार लोगों को मस्जिद में जाने की इजाज़त दे दी. टीम के सदस्यों ने पाया कि मस्जिद के इमाम के कमरे में आग लगा दी गई है, एक दर्जन से अधिक पंखे तोड़ दिए गए हैं और मस्जिद में रखे अन्य सामान भी शरारती तत्वों ने जला दिए हैं. मस्जिद के ऊपरी हिस्से में एक स्तंभ भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. इस मस्जिद की मरम्मत और नवीनीकरण का काम भी शुरू हो गया है.
जेयूएच प्रतिनिधिमंडल के प्रयासों से यहां नियमित नमाज़ पढ़ने की अनुमति भी मिल गई. गौरतलब है कि दंगों के बाद पुलिस और प्रशासन ने लोगों को मस्जिद में नमाज़ पढ़ने से रोक दिया था.
प्रतिनिधिमंडल ने इस घिनौने और अमानवीय कृत्य पर गहरा दुख जताया है और दोषियों को सज़ा देने की मांग की है. हसनपुर कस्बे में प्रतिनिधिमंडल ने चमन भाई और लियाकत भाई से भी मुलाकात की, जिनकी दुकानों को दंगाइयों ने आग लगा दी थी.
गौरतलब है कि जमीयत उलमा-ए-हिंद इस आपराधिक कृत्य से हुए नुकसान की भरपाई और पुनर्वास के लिए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में मुकदमा भी दायर करने जा रही है.
इसके अलावा, जेयूएच उन जरूरतमंद लोगों और गरीब मजदूरों को अस्थायी वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है जिनकी आजीविका का मुख्य स्रोत छीन लिया गया.
जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जमीयत उलमा-ए-हिंद, हरियाणा और पंजाब के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद हारून ने किया. मौलाना मुहम्मद खालिद कासमी, नूंह, मौलाना रशीद, महासचिव जेयूएच राजस्थान, हाजी रमज़ान मालब, अध्यक्ष जमीयत उलमा जिला नूंह, मौलाना हकीमुद्दीन अशरफ साहब, मौलाना अमजद जमीयत उलमा जिला भरतपुर, मौलाना इलियास जमीयत उलमा तहसील कामा, मौलाना लुकमान जमीयत उलमा प्रतिनिधिमंडल में जिला पलवल, शहाबुद्दीन जमीयत उलमा गोपा लगध, जिला भरतपुर के स्थानीय उलमा और इमाम जामा मस्जिद तौरू भी शामिल थे.