इंडिया टुमारो
नई दिल्ली | कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की एक टीम ने अध्यक्ष आर्कबिशप एंड्रयूज थज़थ के नेतृत्व में सोमवार को मणिपुर के हिंसा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया. टीम ने “ईसाई संस्थानों, पूजा स्थलों और महिलाओं और बच्चों जैसे समाज के कमज़ोर वर्गों पर सभी प्रकार की हिंसा, अत्याचार और हमलों की निंदा की.”
आज जारी एक बयान में, सीबीसीआई ने कहा, “हम हिंसा को रोकने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के मौन और उदासीनता के बारे में समान रूप से चिंतित हैं.”
मणिपुर में लंबे समय से बनी हिंसा की परिस्थितियों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, चर्च के नेताओं ने अपील की है कि, “शासन प्रणाली को हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बनाए रखना चाहिए, संवैधानिक मूल्यों को मज़बूत करना चाहिए और विभिन्न समुदायों के लिए शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का माहौल बनाना चाहिए.”
उन्होंने मामले से संबंधित सभी लोगों से “भारत में और विशेष रूप से मणिपुर राज्य में शांति और सद्भाव लाने के लिए बातचीत की प्रक्रिया में शामिल होने और सभी वर्गों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की.”
टीम ने काकचिंग, सुगनू क्षेत्र, पुखोऊ, काचीपुर, संमगाइप्रोउ आदि का दौरा किया और रास्ते में विभिन्न स्थानों पर निजी घरों, चर्चों/पूजा स्थलों, स्कूलों और संस्थानों को बड़े पैमाने पर नष्ट कर पहुंचाए गए नुकसान का जाएज़ा लिया.
सीबीसीआई टीम ने इंडोर स्टेडियम, काकचिंग में राहत शिविर में विस्थापित लोगों के लिए राहत सामग्री वितरित की और पुखोऊ में, जहां 1000 से अधिक परिवार रहते थे वहां एक चिकित्सा शिविर का उद्घाटन किया. चर्च के नेताओं ने बताया कि, “उनके घरों और संपत्तियों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया और तोड़फोड़ की गई. कुकी-ज़ो, नागा, मैतेई और अन्य सहित सभी समुदायों को शैक्षिक, सामाजिक और अन्य सेवाएं प्रदान करने वाले सेंट जोसेफ हायर सेकेंडरी स्कूल और पैरिश पर हमला करके राख में तब्दील कर दिया गया है.”
टीम के बयान के अनुसार, कांचीपुर में कैथोलिक स्कूल के परिसर में होली रिडीमर चर्च और संगाईप्रोउ में रीजनल पेस्टोरल ट्रेनिंग सेंटर और सेंट पॉल का पैरिश भी पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए हैं.
टीम के सदस्यों ने कहा कि, “ये स्थान वीरान दिखते हैं और ऐसा लगता है कि आपसी अविश्वास और भय के हालात को देखते हुए निकट भविष्य में यहां बसना संभव नहीं होगा.”
चर्च के वरिष्ठ नेताओं ने बताया, “हम समान रूप से चिंतित हैं कि इन सभी बुरे हालात के बीच, इन जगहों से भाग गए लोगों की वास्तविक स्थिति क्या है और उनके बच्चों का भविष्य क्या है.”
पूरी तरह से नष्ट हो गए कुछ स्कूलों और छात्रावासों का दौरा करने के बाद, चर्च के अधिकारियों ने कहा कि, “हम बच्चों की चिंताओं और संकट को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं और इस समय हमारे पास इसका कोई जवाब नहीं है कि हम बेहतर समुदायों और संस्थानों का निर्माण कैसे करेंगे.”
सीबीसीआई के तहत कैरिटास इंडिया, कैथोलिक रिलीफ सर्विसेज ओर के आर्चडियोज़ की सोशल सर्विस विंग डायोसेसन सोशल सर्विस सोसाइटी के सहयोग से, मणिपुर के सभी क्षेत्रों में हिंसा के पीड़ितों को राहत सहायता प्रदान कर रहा है.
आर्कबिशप डोमिनिक लुमोन, इम्फाल के आर्चडियोज़, फादर जर्विस डिसूजा, सीबीसीआई के उप महासचिव, और कैरिटास इंडिया के कार्यकारी निदेशक फादर डॉ. पॉल मूनजेली उस टीम में शामिल थे, जिसने मणिपुर के संघर्षग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया.