नई दिल्ली | कर्नाटक की नई कांग्रेस सरकार राज्य में भाजपा सरकार द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को खत्म कर एक नई शिक्षा नीति बनाने की तैयारी में है।
न्यूज़ एजेन्सी आईएएनएस के अनुसार, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि कांग्रेस राज्य में एनईपी को लागू नहीं करेगी। इसके बजाय, सरकार एक नई शिक्षा नीति बनाएगी। शिवकुमार ने नागपुर शहर में आरएसएस मुख्यालय का जिक्र करते हुए एनईपी को नागपुर शिक्षा नीति भी करार दिया था।
उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने गुरुवार को कहा, एनईपी पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए थी। मैं शिक्षा विशेषज्ञ हूं। मैं शिक्षा संस्थान चलाता हूं और विभिन्न संस्थानों में ट्रस्टी या अध्यक्ष के पद पर हूं। मैं एनईपी को नहीं समझ सकता। मैं दो-तीन बार पढ़ने और समझने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा।
शिवकुमार ने कहा, छात्रों और शिक्षकों के साथ चर्चा के बाद भी मैं एनईपी के सार को समझने में असक्षम रहा।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एनईपी को वापस लेने की मांग की थी और आरोप लगाया था कि एनईपी का उद्देश्य छात्रों को सांप्रदायिक चीजें सिखाना है। उन्होंने तर्क दिया कि एनईपी राज्य के अधिकारों का उल्लंघन करता है।
इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, कर्नाटक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने के लिए लगभग तीन साल का समय लिया गया है।
उन्होंने कहा, यू.आर. राव की अध्यक्षता वाली समिति का गठन किया गया था और सभी राज्यों से सहमति प्राप्त की गई थी। इसके बाद इसे लागू करने से पहले एक टास्क फोर्स का गठन किया गया और फिर इसे उच्च और प्राथमिक शिक्षा में लागू किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस सरकार का लक्ष्य पाठ्यक्रम में नए बदलाव को हटाना है। शिवकुमार ने यह भी कहा था कि इस मामले पर व्यापक चर्चा की जाएगी।