-मीर फैसल
नई दिल्ली | बिहार के गया में बुधवार को हिंसक भीड़ द्वारा तीन मुस्लिम युवकों को बुरी तरह पीटने का मामला सामने आया है जिसमें एक युवक की मौत हो गई जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, घटना बिहार के गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड की है.
इस हमले में मोहम्मद बाबर (28) की मौत हो गई, जबकि दो अन्य युवक रुकनुद्दीन आलम (32) और मोहम्मद साजिद गंभीर रूप से घायल हो गए.
रिपोर्ट के मुताबिक चोरी के आरोप में तीन मुस्लिम युवकों को भीड़ द्वारा बेरहमी से पीटा गया. मॉब लिंचिंग की यह घटना 23 फरवरी को गया के डीहा गांव में हुई जिसमें मोहम्मद बाबर नाम के युवक की मौत हो गई जबकि दो युवक घायल हैं.
पुलिस का कहना है कि चोर होने के शक में उनकी पिटाई की गई लेकिन पीड़ित परिवारों का कहना है कि वे कहीं से लौट रहे थे और स्थानीय झगड़े के कारण उनकी पिटाई की गई. कुछ अन्य सूत्रों ने कहा कि तीनों युवक नीलगाय का शिकार करने निकले थे.
बताया जा रहा कि ग्रामीणों ने युवकों को पकड़ लिया और फिर बेरहमी से घंटो तक पीटा. ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि उन्होंने तीनों युवकों को हथियारों के साथ पकड़ा.
एक स्थानीय पत्रकार ने कहा, “उस समय अपने खेतों की सिंचाई कर रहे कुछ लोगों ने उन्हें देखा और पकड़ने की कोशिश की. लोगों ने उनका पीछा किया और खेत में शोर मचाया जिससे भीड़ इकट्ठा हो गई फिर भीड़ द्वारा उन्हें पीटा गया और मरा हुआ समझकर उन्हें फेंक दिया गया.”
यह भी दावा किया जा रहा कि घटना के बाद उन्हें पुलिस को सौंप दिया गया जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां गंभीर रूप से घायल 28 वर्षीय मोहम्मद बाबर की मौत हो गई.
इस घटना में घायल अन्य दो युवक साजिद और रखमुद्दीन की हालत गंभीर बनी हुई है, उन्हें पहले अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था मगर हालत गंभीर होने पर उन्हें पटना अस्पताल रेफर कर दिया गया है.
पुलिस ने इस घटना को लेकर केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच कर रही है.
गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष कुमार भारती ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने घटनास्थल से एक स्कॉर्पियो कार, तीन कारतूस, एक चाकू और एक बम बरामद किया गया है. गया के पुलिस के अनुसार घायल युवकों, साजिद और रुकनुद्दीन के खिलाफ बेला पुलिस स्टेशन में पहले से मामले दर्ज हैं.
एक नेता सिबगतुल खान ने कहा कि अपराधियों को गिरफ्तार करने के बजाय पुलिस इस पर ध्यान केंद्रित कर रही है कि पीड़ितों का आपराधिक इतिहास क्या था. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, पुलिस की घटना स्थल से बरामदगी सूची संदिग्ध है.
हालांकि पुलिस के अनुसार, मृतक मोहम्मद बाबर के खिलाफ किसी भी मामले का कोई उल्लेख नहीं है.
पीड़ितों के परिजनों ने आरोप लगाया है कि युवक निर्दोष हैं और उन पर चोरी का झूठा आरोप लगाया गया.
एसएसपी भारती ने बताया कि पुलिस ने इस मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए अपराधियों को पकड़ने के लिए स्पेशल जांच टीम का गठन किया है और एएसपी ने घटनास्थल का निरीक्षण भी किया है.
भाकपा माले के जिला सचिव निरंजन कुमार सहित जिला कमेटी सदस्य व बेलागंज के माले नेता मुंद्रिका राम व आइसा नेता मोहम्मद शेरजहां ने मॉब लिंचिंग की इस घटना की निंदा की है.
उन्होंने अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की है, साथ ही मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी व 20 लाख रुपये मुआवज़ा देने की मांग की है.
मुस्लिम युवकों पर हमले की इस घटना से इलाके के लोगों में काफी आक्रोश है, लोग हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.