-ख़ान इक़बाल
नई दिल्ली | बीते रविवार, 5 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर बालाजी शिष्य मंडल द्वारा एक ‘धर्म संसद’ आयोजित की गई थी जिसमें अध्यक्षता कर रहे महामंडलेश्वर स्वामी भक्त हरि सिंह ने खुले मंच से ईसाई और मुसलमानों के ख़िलाफ़ भड़काऊ बयानबाज़ी करते हुए उनके नरसंहार की अपील की.
दिल्ली पुलिस ने भड़काऊ बयान देने वालों के विरुद्ध फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की है लेकिन ख़बर दिखाने वाले न्यूज़ पोर्टल को नोटिस भेजा है.
मीडिया संस्थान मॉलिटिक्स न्यूज़ ने रविवार को दिल्ली के जंतर-मन्तर पर आयोजित इस धर्म सभा को कवर किया जिसमें एक साधू को देश के मुसलमानों और ईसाईयों के ख़िलाफ़ बेहद आपत्तिजनक और भड़काऊ बयानबाज़ी करते हुए सुना जा सकता है.
मॉलिटिक्स न्यूज़ द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किये गए वीडियो में धर्म संसद में बोलने वाले साधू ने कहा, “ईसाइयों ने कहा तोड़ो बाँटो राज करो, मुसलमानों ने कहा मारो- काटो, अरे भाई तुम कब मारो काटोगे, जब तुम मार जाओगे? कब मारोगे? ईसाई मुसलमानों को कब मारोगे?”
न्यूज़ वेबसाइट मॉलिटिक्स न्यूज़ द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किया गया वीडियो काफी वायरल हुआ जिसे लेकर धर्म सभा और प्रशासन पर सवाल उठने लगा कि देश की राजधानी में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति कैसे दी गई और भड़काऊ बयान पर कार्रवाई की मांग उठने लगी.
मीडिया संस्थान को दिल्ली पुलिस की नोटिस
दिल्ली पुलिस ने ईसाइयों और मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने वाले व्यक्ति और संस्था के ख़िलाफ़ तो कोई कार्रवाई नहीं की लेकिन भड़काऊ बयान को प्रसारित करने वाले मीडिया हाउस को नोटिस जारी कर दी.
दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा द्वारा मीडिया हाउस को नोटिस जारी करते हुए कानूनी कार्रवाई की धमकी दी गई. दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा ने सीआरपीसी की धारा 149 के तहत मीडिया हाउस को नोटिस भेजा है.
नोटिस में कहा गया है कि, “ऐसे पाया गया है कि आपने सोशल मीडिया पर भड़काऊ व दुर्भावनापूर्ण पोस्ट साझा किया है जिसके कारण आप पर भारतीय दंड संहिता की धारा 149 के तहत नोटिस जारी किया जाता है, यदि आप फिर ऐसा करेंगे तो आप पर कड़ी दंडात्मक कार्यवाई की जाएगी.”
भड़काऊ बयान में क्या है?
दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित धर्म संसद में खुले मंच से ईसाई और मुस्लिमों के ख़िलाफ़ भड़काऊ बयानबाज़ी करते हुए उनके नरसंहार की अपील की गई.
वायरल वीडियो में साधू द्वारा कहा जा रहा, “ईसाइयों ने कहा तोड़ो बाँटो राज करो, मुसलमानों ने कहा मारो- काटो, अरे भाई तुम कब मारो काटोगे, जब तुम मार जाओगे? कब मारोगे? आर ईसाई मुसलमानों को कब मारोगे? अरे तुम्हारे पास क्या है जो मारोगे? इतनी सी चाकू है जिससे सब्ज़ी काटते हो। उस चाकू से कीच नहीं होने वाला है, हथियार रखो!”
एक अन्य वीडियो में मीडिया से बात करने के दौरान मॉलिटिक्स न्यूज़ के रिपोर्टर नीरज झा ने “साधू” से पूछा कि, आप तो गोली मारने की बात करते हैं? इस पर साधू ने जवाब दिया, “बिल्कुल गोली मारनी चाहिए, जो हमारे धर्म, बहू, बेटियां, गाय और ग्रंथों का अपमान करेगा, हमारे मंदिरों को तोड़ेगा, उसको तो मार ही देना चाहिए, छोड़ना नहीं चाहिए.”
मीडिया संस्थान ने क्या कहा?
इंडिया टुमारो ने इस धर्म सभा को कवर कर रहे मॉलिटिक्स न्यूज़ के संपादक नीरज झा से बात की.
उन्होंने दिल्ली पुलिस के नोटिस पर कहा की, “दिल्ली पुलिस ने बेशर्मी से नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय इसकी सूचना देने के लिए हमें नोटिस थमा दिया है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन साथ ही यह नया भी नहीं है.”
उन्होंने कहा कि, “पिछले कुछ वर्षों में, मीडिया जो सवाल पूछने और सच्चाई दिखाने की कोशिश करता है या कोई रिपोर्ट करने की हिम्मत करता है, उसे अधिकारियों द्वारा दबाया जा रहा है.”
नीरज ने आगे कहा कि, “हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि मॉलिटिक्स ने कुछ भी गलत नहीं किया है. हमने सच्चाई बताई है और ऐसा करना जारी रखेंगे. मुझे उम्मीद है कि असंवैधानिक नफरत फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.”
दिल्ली पुलिस के नोटिस मॉलिटिक्स न्यूज़ की प्रतिक्रिया
दिल्ली पुलिस द्वारा मॉलिटिक्स न्यूज़ को भेजी गई नोटिस की प्रतिक्रिया मॉलिटिक्स न्यूज़ ने भी अपना आधिकारिक बयान जारी किया है.
मॉलिटिक्स न्यूज़ ने लिखा है कि, “ईसाइयों को कब मारोगे, मुसलमानों को कब मारोगे जब खुद मर जाओगे तब? तुम्हारे पास है क्या मारने के लिए – चाकू?, जिससे सब्ज़ी काटते हैं. शस्त्र रखो.” कल जंतर मंतर पर खुले आम नरसंहार की अपील हुई. अपील – करने वाले कपड़ों से ‘साधू’ लग रहे थे. बयान से उन्होंने साबित किया कि कपड़ों से किसी को पहचानने की कोशिश करेंगे तो मात खा जायेंगे.
जवाब में कहा गया है, “इसके अलावा उस जगह हिंदू राष्ट्र के लिए नारेबाज़ी हुई. बीजेपी नेता सूरजपाल अमू ने कहा “देश हिंदू राष्ट्र था, है और रहेगा. जो ऐसा नहीं मानते वो पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाएं.”
मॉलिटिक्स न्यूज़ ने अपने जवाब में लिखा है कि, “हमने इस पूरी घटना को रिपोर्ट किया. दिल्ली पुलिस ने हमें एक सीआरपीसी की धारा 149 के तहत नोटिस भेजा. ये जानकर अच्छा लगा कि दिल्ली पुलिस हेट स्पीच के ख़िलाफ़ है. लेकिन ये दुखद है कि दिल्ली पुलिस हेट स्पीच देने वाले नफ़रती लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की बजाय हमारी संस्थान को नोटिस भेज रही है.”
मीडिया संस्थान ने कहा है, “उम्मीद करते हैं कि ऐसी घटना रिपोर्ट न करनी पड़े लेकिन इसमें हमें पुलिस के सहयोग की ज़रूरत है. ऐसी घटना को अंजाम देने वालों के ख़िलाफ़ न्यायोचित कार्रवाई हो जाए, तो ये घटनाएं रुकेंगी. और जिस दिन ये घटनाएं बंद हो जाएंगी तो इनकी रिपोर्टिंग का सवाल ही नहीं उठता. लेकिन अगर घटनाएं होती रहीं तो रिपोर्टिंग भी होती रहेगी.”
बयान में कहा गया है कि, “हम मानते हैं कि जंतर-मंतर पर जो हुआ, उसे रिपोर्ट करना हमारी ज़िम्मेदारी थी। इस बार भी निभाई और अगली बार भी ऐसा कुछ हुआ तो निभाएंगे.”
मीडिया संस्थान ने कहा, “हम हर उस व्यक्ति और संस्थान के आभारी हैं, जिन्होंने प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से Molitics का समर्थन किया. इस मुश्किल दौर में लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने की कोशिशों के तहत पत्रकारिता जारी रहेगी.”
अब तक ऐसी कोई सूचना नहीं है की पुलिस ने मुसलमानों और ईसाइयों के ख़िलाफ़ भड़काऊ भाषण देने वालों पर कोई कार्यवाई की हो.
संसद में उठा मुद्दा
दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित धर्म संसद में खुले मंच से ईसाई और मुस्लिमों के ख़िलाफ़ भड़काऊ बयानबाज़ी और उनके नरसंहार की अपील का मुद्दा संसद में भी उठा है. कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने शुक्रवार को राज्यसभा में हेट स्पीच का मामला संसद में उठाया.
सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि, “संसद का सत्र चल रहा है, इसी संसद से 800 मीटर की दूरी पर जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम आयोजित होता है, एक व्यक्ति खुलेआम मुसलमानों और ईसाईयों को काटने का आह्वान करता है और दिल्ली पुलिस उस पर कार्यवाही तक नहीं करती. ये कैसा सबका साथ – सबका विकास है.”