अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | यूपी पुलिस का क्रूरतम चेहरा एक बार फिर सामने आया है। इस बार अयोध्या पुलिस पर बेगुनाह बैट्री रिक्शा चालक कफील को पकड़ कर मार डालने का आरोप लगा है। पुलिस अब ख़ुद को फंसता देख बचने का उपाय तलाश रही है और मृतक कफील को टीबी का मरीज़ बता रही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मृतक बैट्री रिक्शा चालक कफील अयोध्या का रहने वाला है। वह अपने परिवार की गुज़र -बसर करने के लिए किराए का एक बैट्री रिक्शा चलाता था।
घटना दो दिन पहले की बताई जाती है कि, कफील अयोध्या में ही बेनीगंज में अपने घर के समीप कुछ लोगों के साथ एक चाय की दुकान पर बैठकर चाय पी रहा था। इसी बीच दो पुलिस वाले सादी वर्दी में आए और वह कफील को अपने साथ लेकर चले गए। इसकी सूचना कफील के साथ बैठकर चाय पीने वाले पुत्ती लाल ने कफील की पत्नी गुड़िया को दी।
मृतक कफील की पत्नी गुड़िया ने तुरंत अयोध्या कोतवाली जाकर कोतवाल से इस संबंध में बात की। कोतवाल ने गुड़िया से कफील के जल्द घर पहुंचने का आश्वासन दिया। हालांकि, कफील का कोई पता नहीं चला। कुछ समय बाद पुलिस ने फोन करके गुड़िया को यह बताया कि अस्पताल में एक लावारिस लाश पड़ी है जाकर देख लो। पुलिस की सूचना पर गुड़िया जब अस्पताल पहुँची और उसने लाश को देखा, तो वह ‘लावारिस लाश’ कफील की थी।
मृतक कफील की पत्नी गुड़िया के मुताबिक वहां पर सादे कपड़ों में खड़े हुए कुछ लोगों ने उससे कहा कि हम कफ़न -दफन की व्यवस्था कर देंगे और तुम्हारी मदद भी कर देंगे। लेकिन इसके बाद वह एक-एक कर गायब हो गए। पुलिस द्वारा कफील का पोस्टमार्टम करवाकर लाश उसकी पत्नी गुड़िया को सौंप दी गई। इसके बाद गुड़िया ने कफील का कफ़न -दफन करवाया।
कफील के परिवार में उसकी पत्नी गुड़िया के अलावा उसके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिनकी परवरिश अब उसके कंधों पर आ गई है। कफील अपने परिवार का कमाने वाला अकेला व्यक्ति था। लेकिन इस सबके बावजूद गुड़िया इस बात पर अडिग है और वह कहती है कि उसके पति कफील की हत्या पुलिस ने ही की है।
गुड़िया का पुलिस पर अपने पति कफील की हत्या करने का आरोप है। गुड़िया का कहना है कि, “कफील की हत्या पुलिस ने की है। वह कफील के हत्यारों को सज़ा दिलाने के लिए हर कदम उठाएगी और इसके लिए वह पीछे नहीं हटेगी।”
मृतक की पत्नी ने साहबगंज पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस उसके पति को उठाकर ले गई थी। कोतवाली नगर में सादे पन्ने पर उससे अंगूठा लगवाया गया था।
कफील की हत्या में पुलिस का सीधे तौर पर हाथ होने की बात कही जा रही है। अयोध्या पुलिस कफील की हत्या के मामले में बैकफुट पर आ गई है और वह अब अपने को बचाने के लिए मृतक कफील को टीबी का रोगी बता रही है। अयोध्या के एसपी सिटी मधुबन सिंह पुलिस को बचाने के लिए मैदान में कूद पड़े हैं और वह पुलिस द्वारा कफील की हत्या किए जाने के आरोप को खारिज करते हैं।
अयोध्या के एसपी सिटी मधुबन सिंह कहते हैं कि, “कफील की मौत फेफड़े में संक्रमण की वजह से हुई है। कफील का पोस्टमार्टम कराया गया है और उसमें इसका पता चला है।”
हालांकि, मृतक कफील की पत्नी गुड़िया का कहना है कि, “कफील की उम्र 40 साल थी। उसे किसी तरह का कोई रोग नहीं था। कफील को टीबी रोगी पुलिस और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर आपस में मिलकर और सांठगांठ कर बता रहे हैं, जिससे पुलिस हत्या करने के आरोप से बच जाए।”
कफील की मौत का मामला सामने आने पर अयोध्या के पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री पवन पांडेय सामने आए हैं और उन्होंने इस मामले में योगी आदित्यनाथ की सरकार को आड़े हाथों लिया है।
पवन पांडेय ने कहा है कि, “उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की भाजपा सरकार में पुलिस कस्टोडियल डेथ लगातार बढ़ती जा रही हैं। यह चिंता का विषय है। पुलिस वाले कफील को सादी ड्रेस में ले गए थे। उसके बाद उन्होंने कफील को लावारिस रूप में जिला अस्पताल में भर्ती कराया और उसकी मौत हो गई।”
उन्होंने कहा, “कफील की मौत पुलिस कस्टडी में ही हुई है। मेरी सरकार से मांग है कि वह दोषी पुलिस कर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराए और उनके खिलाफ कार्यवाही करे। इसके साथ ही यूपी सरकार कफील के परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवज़ा दे।”
पूर्व मंत्री पवन पांडेय मृतक कफील के घर गए हैं और उन्होंने मृतक की पत्नी गुड़िया से मिलकर उसको ढांढस बंधाया है तथा उसको कफील की मौत में न्याय दिलाने का भरोसा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले की जानकारी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को देकर उसको न्याय दिलाने में मदद करने की मांग की है।