अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
लखनऊ | रामपुर विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानसभा उपचुनाव लड़ रही हैं और चुनावी मैदान में डटी हुई हैं। भाजपा ने यहां पर आकाश सक्सेना को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि सपा ने आसिम राजा को चुनावी मैदान में उतारा है। चुनावी रण में प्रशासन पर भाजपा का समर्थन करने और मतदाताओं पर दबाव बनाने के भी आरोप लग रहे हैं।
रामपुर में आकाश सक्सेना, पूर्व मंत्री और सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खां के धुर विरोधी हैं। आज़म खां के खिलाफ जितने भी मामले चल रहे हैं, उनको आकाश सक्सेना ने ही उठाया है और वह ही उन मुक़दमों की पैरवी कर रहे हैं।
रामपुर में 3 लाख 88 हज़ार मतदाता हैं। इनमें से आधे से अधिक मुस्लिम वोटर हैं। इसके बाद लोध जाति के हैं जिनके 50 हज़ार वोटर हैं। 30 हज़ार वैश्य मतदाता हैं और 20 हज़ार दलित वर्ग के मतदाता हैं। भाजपा उम्मीदवार आकाश सक्सेना पिछड़े, वैश्य और दलित वर्ग के मतदाताओं के सहारे जीत हासिल करने का समीकरण बनाकर चुनाव लड़ रहे हैं।
भाजपा आज़म खां को अपना सबसे बड़ा राजनीतिक दुश्मन मानती है और वह आज़म खां को राजनीतिक रूप से खत्म करना चाहती है। आकाश सक्सेना भाजपा की इस इच्छा को पूरा कर रहे हैं, इसलिए वह भाजपा के दुलारे हैं। भाजपा ने इसी कारण आकाश सक्सेना को पुरस्कार देकर उन्हें रामपुर विधानसभा उपचुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है।
आकाश सक्सेना के पीछे पूरी यूपी सरकार खड़ी है और वह उनको जिताने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा हुए है। भाजपा आकाश सक्सेना को जिताने के लिए किस स्तर तक जा सकती है, इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।रामपुर विधानसभा उपचुनाव में पुलिस और प्रशासन पर सपा उम्मीदवार आसिम राजा ने गम्भीर आरोप लगाया है और यहां तक कह दिया है कि यदि पुलिस और प्रशासन को अपना मन पसंद उम्मीदवार जितवाना है, तो चुनाव की क्या ज़रूरत है?
आसिम राजा ने कहा है कि, “पुलिस और प्रशासन का यह इरादा समाजवादी पार्टी के रास्ते में रुकावटें पैदा करना है, इनके कार्यकर्ताओं में भय पैदा करना है, मतदाताओं को वोट डालने से रोकना है, तो चुनाव से कोई फायदा नहीं है। फिर कोई ऐसी तरकीब होना चाहिए कि वह अपने पसंदीदा उम्मीदवार को बिना चुनाव करवाए जितवा लें। लेकिन अगर चुनाव है, तो पुलिस को डर और खौफ का माहौल नहीं पैदा करना चाहिए। पिछले लोकसभा उपचुनाव में रामपुर शहर में आधे बूथों और मुहल्लों में इतनी पुलिस लगाई गई कि 10-20 प्रतिशत ही पोलिंग हुई। क्या यह शर्मनाक नहीं है।”
आसिम राजा के आरोप में दम है। अगर बूथों और मुहल्लों में पुलिस लगाकर मतदाताओं को डराया और धमकाया न गया होता, तो भाजपा उम्मीदवार लोकसभा उपचुनाव नहीं जीतता। भाजपा उम्मीदवार आकाश सक्सेना को जिताने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार के मंत्री रामपुर में डेरा डाले हुए हैं।
एक वायरल वीडियो में आज़म खां ने आरोप लगाते हुए कहा है कि, “हम अखिलेश यादव से कहेंगे कि वह इलेक्शन कमीशन से कहें कि रामपुर में भाजपा उम्मीदवार को जीता हुआ घोषित कर दें। पुलिस मतदाताओं को धमका रही है कि वह समाजवादी पार्टी को वोट न दें। अगर समाजवादी पार्टी को वोट दिया, तो यह घर खाली करा लिए जाएंगे।”
पिछले लोकसभा उपचुनाव में रामपुर में पुलिस द्वारा मतदाताओं को डराने-धमकाने का ही असर हुआ था कि लगभग 35 प्रतिशत के आसपास पोलिंग हुई और भाजपा उम्मीदवार आसानी से लोकसभा उपचुनाव जीत गया।
इस उपचुनाव में भी भाजपा के इशारे पर पुलिस और प्रशासन मतदाताओं को डरा धमका कर मतदान करने से रोक सकता है। इस तरह की चर्चा रामपुर में आम है। सपा उम्मीदवार आसिम राजा पहले ही रामपुर पुलिस और प्रशासन पर आरोप लगाकर उसको कटघरे में खड़ा कर चुके हैं।
रामपुर में अगर वोटों की बात की जाए, तो यहां पर 3 लाख 88 हज़ार मतदाता हैं। इनमें से आधे से अधिक मुस्लिम समुदाय के वोटर हैं। लोध जाति के 50 हज़ार वोटर हैं, 30 हज़ार वैश्य मतदाता हैं और 20 हज़ार दलित वर्ग के मतदाता हैं। भाजपा उम्मीदवार पिछड़े, वैश्य और दलित वर्ग के मतदाताओं के सहारे जीत हासिल करने का समीकरण बनाकर चुनाव लड़ रहे हैं।
अगर चुनावी समीकरण की बात की जाए, तो यहां पर वोटों का आंकड़ा भाजपा के साथ फिट नहीं बैठता है। ऐसे में रामपुर में भाजपा उम्मीदवार की डगर बहुत ही कठिन है। वोटों का गणित यहां पर सपा के साथ है। यहां पर हार-जीत का फैसला सिर्फ और सिर्फ मतदाताओं द्वारा वोटिंग किए जाने पर होगा। अगर मतदाताओं को निष्पक्ष तरीके से वोट डालने दिया जाएगा, तो सपा की जीत तय है। यदि वोटरों को डराया और धमकाया जाएगा, तो भाजपा उम्मीदवार जीत जाएगा।
रामपुर में विधानसभा उपचुनाव में सपा उम्मीदवार आसिम राजा को समाजवादी पार्टी का पूरा सहयोग नहीं मिल पा रहा है। सपा ने मैनपुरी, खतौली और रामपुर उपचुनाव के लिए 40 स्टार प्रचारक चुनावी मैदान में उतारा है, लेकिन यह स्टार प्रचारक मैनपुरी में जमे हुए हैं। रामपुर में आसिम राजा सपा उम्मीदवार हैं और उनको सपा ने अपना सिंबल दिया है, लेकिन वह आज़म खां के खास आदमी हैं। आजम खां आसिम राजा के जरिए रामपुर में अपने वजूद को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
आज़म खां ने अपने पुराने राजनीतिक विरोधी आकाश सक्सेना को चुनावी मैदान में शिकस्त देने की तैयारी कर ली है। आज़म खां कोई चुनाव प्रचार नहीं कर रहे हैं, लेकिन अपने समर्थकों के यहां उनके घर-घर जा रहे हैं और छोटी-छोटी चौपाल लगाकर लोगों से बातचीत कर रहे हैं और अपने संबंध का वास्ता देकर आसिम राजा को जिताने के लिए कह रहे हैं।
आज़म खां इस तरह भावनात्मक रूप से अपने लोगों और अपने समर्थकों को अपने साथ लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। आज़म खां का यह भावनात्मक कार्ड असर कर रहा है और सपा उम्मीदवार आसिम राजा की स्थिति मज़बूत हो रही है।