इंडिया टुमारो
श्रीनगर | घाटी में पत्रकारों और मीडिया घरानों को लश्कर-ए-तैयबा और उसकी शाखा ‘द रेज़िस्टेंस फ्रंट’ (TRF) द्वारा ऑनलाइन धमकी जारी करने के बाद पत्रकार समुदाय में दहशत है.
ऑनलाइन धमकियों को जारी किए जाने के तुरंत बाद, हिटलिस्ट में शामिल कई पत्रकारों ने स्थानीय प्रकाशनों से इस्तीफा दे दिया.
पुलिस भी इस मामले में तुरंत हरकत में आई और मामला दर्ज कर लिया. पुलिस ने बाद में कश्मीर में कुछ पत्रकारों के आवासों सहित 12 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की.
पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान, 4-5 सदस्यों वाली प्रत्येक टीम का नेतृत्व एक इंस्पेक्टर/एसआई रैंक के अधिकारी ने किया, जिसकी निगरानी मामले से संबंधित एसडीपीओ कर रहे थे.
एसपी साउथ सिटी श्रीनगर श्री लक्ष्य शर्मा-आईपीएस द्वारा छापे की निगरानी की गई और सज्जाद गुल, मुख्तार बाबा जैसे भगोड़ों के घरों सहित घाटी भर में 12 स्थानों पर एक साथ तलाशी शुरू की गई, जो आतंकवादी संगठन लश्कर (टीआरएफ) के सक्रिय आतंकवादी और श्रीनगर, अनंतनाग और कुलगाम जिले से संबंधित संदिग्ध हैं.
जिन जगहों पर छापा मारा गया और तलाशी ली गई, उनमें नगीन में मोहम्मद रफी, अनंतनाग में खालिद गुल, लाल बाजार में राशिद मकबूल, ईदगाह में मोमिन गुलजार, कुलगाम में बासित डार, रैनावाड़ी में सज्जाद क्रलयारी, सौरा में गौहर गिलानी, अनंतनाग में काजी शिबली के घर शामिल हैं, इसके अलावा एचएमटी श्रीनगर में सज्जाद शेख उर्फ सज्जाद गुल, नौगाम में मुख्तार बाबा, रावलपोरा में वसीम खालिद और खानयार श्रीनगर में आदिल पंडित शामिल हैं.
तलाशी के दौरान, सभी कानूनी औपचारिकताओं का प्रोफेशनल तरीके से पालन किया गया और तलाशी के बाद कुछ संदिग्धों को जांच और पूछताछ के लिए लाया गया है. संबंधित सर्च टीमों द्वारा जब्त सामग्री में मोबाइल, लैपटॉप, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव और अन्य डिजिटल उपकरण, दस्तावेज, बैंक पेपर, रबर स्टैंप, पासपोर्ट, अन्य संदिग्ध कागजात, नकदी, सऊदी मुद्रा आदि शामिल हैं.
मौजूदा मामले की जांच ज़ोरों पर है और आम जनता से अनुरोध किया गया है कि इस मामले से संबंधित किसी भी जानकारी को श्रीनगर पुलिस के संज्ञान में लाएं.
एक ख़ुफ़िया दस्तावेज़ में कहा गया है कि तुर्की स्थित ऑपरेटिव मुख्तार बाबा और जम्मू-कश्मीर में उनके कॉन्टेक्ट के छह लोगों का हाथ धमकियों के पीछे होने का संदेह है.
इस बीच, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने संदिग्ध आतंकवादी संगठनों द्वारा कश्मीर में काम करने वाले पत्रकारों को हाल ही में दी गई धमकियों और इन धमकियों के बाद संबंधित मीडिया आउटलेट्स से पांच मीडियाकर्मियों द्वारा इस्तीफे दे दिए जाने पर “गहरी चिंता” व्यक्त की.
गिल्ड ने एक बयान में कहा, “कश्मीर में पत्रकार अब राज्य के अधिकारियों के साथ-साथ आतंकवादियों के निशाने पर भी हैं, यह सब 1990 के दशक में जो उग्रवाद चरम पर था उसी की वापसी है.”
गिल्ड के स्टेटमेंट में कहा गया है कि, “धमकियों में एक बार फिर आतंकवादी समूहों द्वारा मीडिया हाउसों का नाम लिया गया है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि राइज़िंग कश्मीर और ग्रेटर कश्मीर सहित जाने-माने क्षेत्रीय पेपर्स से जुड़े लोगों को “गद्दार” घोषित किया जाएगा और उनकी टाइमलाइन सील कर दी गई है.”