रहीम ख़ान
मनाली | मनाली भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा पर्यटक स्थल है. मनाली अपने प्राकृतिक सौंदर्य और बर्फबारी के लिए विख्यात है. लेकिन आज हम मनाली के प्राकृतिक सौंदर्य की नहीं बल्कि राजनीतिक समीकरणों की बात करने वाले हैं.
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा की जा चुकी है. 68 सीटों वाले इस राज्य में 12 नवंबर को वोटिंग होगी. सत्ता किसके हाथों में जाएगी इसका फैसला 8 दिसंबर को होगा. अभी प्रदेश में भाजपा की सरकार है. अब तक इस राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच ही टक्कर होती आई है लेकिन इस बार चुनाव में आम आदमी पार्टी भी अपना दम दिखा रही है.
टेक्सी ड्राइवर भूपिंदर सिंह कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में हर पांच साल में सरकार बदल जाती है, इस हिसाब से इस बार कांग्रेस की सरकार बननी चाहिए लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद इस बार कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं है इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है. वो कहते हैं कि आम आदमी पार्टी कोशिश कर रही है लेकिन वो लड़ाई में कहीं नहीं है, असली मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है.
कुल्लू जिले की मनाली विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, इसका गठन परिसीमन के बाद 2012 में ही हुआ है. यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है. यह इस विधानसभा सीट का तीसरा ही चुनाव है, इससे पहले मनाली कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में आता था.
मनाली विधानसभा क्षेत्र से इस बार चुनावी मैदान में कुल 6 उम्मीदवार हैं, जिसमें भाजपा की और से गोविन्द सिंह ठाकुर, बहुजन समाज पार्टी से तारा चंद, कांग्रेस पार्टी से भुवनेश्वर गौड़, आम आदमी पार्टी से अनुराग प्रार्थी, राष्ट्रीय देव भूमि पार्टी से अमर चंद और महिंदर (महेंद्र) सिंह निर्दलीय उम्मीदवार हैं.
यह पूरा विधानसभा क्षेत्र पर्यटन के लिए ही जाना जाता है, ऐसे में यहां पर्यटन ही आय का मुख्य साधन है. यहां के मतदाता चाहते हैं कि क्षेत्र में विकास किया जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां घूमने के लिए आयें.
होटल व्यवसाई रामेश्वर कहते हैं कि हमारी सभी उम्मीदवारों से यही अपेक्षा है कि जीतने के बाद क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने वाले कार्य किए जाए. अच्छी सड़कें होनी चाहिए और क्षेत्र में अपराध बिल्कुल नहीं होना चाहिए. पर्यटक उन जगहों पर जाना ज्यादा पसंद करते हैं जहां सुरक्षा हो और अपराध बिल्कुल नहीं हो.
मनाली विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही पूर्व मंत्रियों के बेटों को अपना उम्मीदवार बनाया है. भाजपा मनाली विधानसभा क्षेत्र बनने से लेकर अभी तक पूर्व मंत्री ठाकुर कुंजलाल के बेटे गोविंद सिंह ठाकुर को ही उम्मीदवार बनाती आई है. भाजपा के गोविन्द सिंह ठाकुर मनाली से 2012 और 2017 में जीत दर्ज कर चुके हैं. इससे पहले मनाली कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में आता था तब 2007 में भी भाजपा के गोविंद सिंह ठाकुर ने ही जीत दर्ज की थी और अब एक बार फिर चौथी बार भाजपा से गोविंद सिंह ठाकुर ही मैदान में हैं.
जबकि, कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मंत्री राजकृष्ण गौड़ के बेटे भुवनेश्वर गौड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है. भुवनेश्वर गौड़ इससे पहले वर्ष 2012 में भी कांग्रेस की तरफ से चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. उस दौरान भाजपा के गोविंद सिंह ठाकुर से वो 3,198 मतों से चुनाव हार गए थे.
क्षेत्र के मतदाता बताते हैं कि 2012 के चुनाव में कांग्रेस के भीतर की गुटबाजी के चलते भुवनेश्वर गौड़ को हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस ने मनाली विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2017 के चुनावों में हरीचंद्र शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन तब भी गुटबाजी में बंटी कांग्रेस यहां से जीत दर्ज नहीं कर पाई थी.
मनाली विधानसभा से चुनावी प्रचार की तस्वीर (Pic: Rahim Khan /India Tomorrow)
गोविंद ठाकुर 2007 में कुल्लू विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने थे. उन्होंने तिकोने मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी राज कृष्ण गौड़ को हराया था. 2012 में गोविंद ठाकुर मनाली विधानसभा क्षेत्र के पहले विधायक बने, उन्होंने भुवनेश्वर गौड़ को हराया था. 2017 में उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी हरि चंद शर्मा को हराया था. गोविंद ठाकुर पिछले 10 साल से मनाली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वो इस बार “बार बार गोविंद ठाकुर, चौथी बार गोविंद ठाकुर” के नारे के साथ मैदान में हैं.
मनाली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट की मांग करने वाले महेंद्र सिंह ठाकुर भी निर्दलीय मैदान में हैं, वो सीधे तौर पर गोविंद सिंह के वोट बैंक पर सेंधमारी कर रहे हैं. लिहाजा ऐसे में गोविंद सिंह ठाकुर के लिए इस बार महेंद्र सिंह ठाकुर चुनौती बने हुए हैं. गोविंद सिंह ठाकुर चौथी बार अपना वर्चस्व कैसे कायम रखते हैं यह देखना रोमांचक होगा.
मनाली के माल रोड़ पर लोगों का कहना है कि हर बार के चुनाव में गुटबाजी कांग्रेस पर भारी पड़ती रही है. लेकिन इस बार परिस्थितियां अलग होने की उम्मीद है. चुनाव से पहले ही टिकट के सभी दावेदारों ने हिडिंबा मंदिर में एकजुटता की कसमें खाई हैं. सभी ने जल ग्रहण कर कसम खाई कि जिस भी नेता को टिकट मिलेगा सब साथ मिलकर कांग्रेस के लिए काम करेंगे.
भुवनेश्वर गौड़ के साथ ही टिकट के लिए ब्लॉक अध्यक्ष हरि चंद शर्मा, देवेंद्र नेगी और नवीन तनवर मुख्य दावेदारों में शामिल थे. टिकट के लिए करीब 15 नेताओं ने आवेदन किए थे. हाईकमान के पास हरिचंद शर्मा और भुवनेश्वर गौड़ के नाम ही पैनल में गए थे.
अब कांग्रेस ने भूतपूर्व मंत्री राज कृष्ण गौड़ के बेटे भुवनेश्वर गौड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है, अब देखना यह है कि धड़ों में बंटी कांग्रेस यहां भुवनेश्वर गौड़ के लिए एकजुट होती है या फिर इस बार भी बीते चुनावों की तरह गौड़ गुटबाजी का शिकार होंगे.