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Friday, May 17, 2024
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मध्यप्रदेश: क्या मुस्लिम परिवार को धार्मिक पहचान के कारण पीटा गया? पुलिस का आरोपों से इंकार

– हुनेज़ा ख़ान

भोपाल | मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 23 वर्षीय एक मुस्लिम युवक और उसके माता-पिता पर भीड़ द्वारा हमला करने और उन्हें पीटने का मामला सामने आया है. पीड़ित परिवार का दावा है कि उन्हें उनकी मुस्लिम पहचान के कारण पीटा गया.

पीड़ित परिवार ने पुलिस पर मामले में हेरफेर करने और इसे ‘लव जिहाद’ का झूठा रूप देने का आरोप लगाया है. पीड़ितों ने अपनी जान का खतरा होने की आशंका जताई है.

इंडिया टुमॉरो से बातचीत में 23 साल के वाजिद अली इस दर्दनाक घटना को याद करते हुए फूट-फूटकर रो पड़े.

उन्होंने बताया कि, कम से कम 25 लोगों ने उनपर हमला किया. घटना 15 सितंबर के शाम की है. उन्होंने कहा, “मैं अपने परिवार के साथ अपनी नवविवाहित बहन से मिलने के लिए लाल गांव से अरी गांव, सिवनी जाने के लिए निकला था. हम बाइक पर थे. छिंदवाड़ा की चौरई तहसील के हिर्री इलाके में उन्होंने अचानक हमारी बाइक रोकी और लोगों की भीड़ ने हमें पकड़ लिया.”

वाजिद अली ने बताया कि, “भीड़ ने मुझे मोटरसाइकिल से बांध दिया और घसीटते हुए औरैया गांव ले गई. वे मुझे पीटते और गालियां देते रहे. उन्होंने मेरी मां के साथ भी दुर्व्यवहार किया, उनका दुपट्टा फाड़ दिया और उनकी पिटाई की. हमलावरों ने मेरे पिता की दाढ़ी पकड़कर उन्हें खींचा और उनकी भी पिटाई की.”

हमने घटना की एक अन्य पीड़िता वाजिद अली की मां समीना अली (42) से भी बात की.

वाजिद अली की मां समीना अली ने इंडिया टुमारो से घटना का ज़िक्र करते हुए कहा, “हमलावर मेरे गहने और सारा कैश चुरा ले गए. उन्होंने मेरा दुपट्टा और कपड़े फाड़ दिए. उन्होंने मेरा वीडियो बनाया और वायरल किया, यह दिखाने के लिए कि वे एक मुस्लिम महिला के साथ क्या कर सकते हैं.”

उन्होंने आगे बताया, “पुलिस ने हमें चौरई अस्पताल में भर्ती कराया. हालांकि वाजिद और मैं दोनों को चोटें आई थीं और दोनों घायल हुए थे लेकिन उन्होंने केवल मेरे पति का बयान लिया.”

समीना ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए यह आरोप भी लगाया कि पुलिस ने प्राथमिकी में हेरफेर किया और इसे मामूली हाथापाई के मामले में बदल दिया.

समीना ने कहा कि, उन पर धार्मिक पहचान के कारण हमला किया गया. उन्होंने कहा, “मेरे पति एक मुस्लिम हैं. उनकी दाढ़ी है और उन्हें देखकर कोई भी मुस्लिम के रूप में उन्हें पहचान सकता है. मैं भी हिजाब में थी. ऐसा लगता है कि हम पर हमारी मुस्लिम पहचान के लिए हमला किया गया, उन्होंने इसलिए हमें अपमानित किया.”

वाजिद अली ने कहा कि, उन्होंने मुझे और मेरे माता-पिता को मुस्लिम पहचान के कारण परेशान किया. वाजिद ने कहा कि भीड़ मुस्लिम विरोधी नारे लगा रही थी. वे जय श्री राम के नारे भी लगा रहे थे.

वाजिद ने कहा कि यह मेरी मुस्लिम पहचान का मुद्दा है. मुसलमान होने के कारण प्रताड़ित किया गया. उन्होंने कहा, “मैं नारों का हवाला देकर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना नहीं चाहता. मैं बारूद के ढेर पर बैठा हूं. मैं इसमें चिंगारी नहीं लगाना चाहता. मैं देश को सुरक्षित रखना चाहता हूँ.”

क्या है पूरा मामला?

एक माह पूर्व 13 अगस्त को वाजिद अली दूसरे समुदाय की एक लड़की को अपने साथ नासिक ले गया. उसने वहां शादी करने की योजना बनाई. हालांकि, 17 अगस्त की सुबह लड़की के परिवार की शिकायत पर उसे नासिक में गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस दोनों को वापस छिंदवाड़ा ले आई.

वाजिद अली, चांद पुलिस स्टेशन में दो दिनों के लिए पुलिस हिरासत में था, लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी. दोनों परिवारों ने समाज में भाईचारा बनाए रखने के लिए समझौता किया और मामला सुलझ गया. लड़की अपने परिवार के साथ चली गई और वाजिद अली घर लौट आया.

वाजिद अली ने कहा, ‘मामला पहले ख़त्म हो चुका था, लेकिन लड़की के मामा महेश पाल और अनिल पाल ने 15 सितंबर को भीड़ के साथ हम पर हमला कर दिया. ‘लव जिहाद’ के आरोप बेबुनियाद हैं.”

वाजिद अली ने आरोप लगाते हुए यह दावा किया कि पुलिस दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उसे ‘लव जिहाद’ के एंगल से फंसाने की कोशिश कर रही है.

FIR Copy

हमने लड़की के चचेरे भाई से भी संपर्क किया जिसके साथ वाजिद के भागने का आरोप था. उन्होंने कहा, “मैंने सुना कि वाजिद लड़की के साथ भाग रहा और उसके माता-पिता भी उसके साथ हैं. लड़की के मामा और भीड़ ने भी यही आरोप लगाया. हालांकि घटना के वक्त लड़की कहीं नज़र नहीं आई. इससे पहले, हमने सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए लड़के के परिवार के साथ समझौता किया था इसलिए हमारा उनके साथ कोई टकराव नहीं था.”

घटना से संबंधित एक प्राथमिकी चौरई पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी. चौरई पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर शशि विश्वकर्मा ने हमारी टीम से बात करते हुए कहा, “एक महीने पहले, वाजिद अली पाल लड़की के साथ भाग गया था, और मामला आपसी सहमति से सुलझा लिया गया था क्योंकि वे दोनों एक ही क्षेत्र के थे. लड़की को औरैया गांव में उसके चाचा के घर भेज दिया गया था.”

जब वाजिद अली को पता चला कि लड़की अपने चाचा के घर पर रह रही है, तो 15 सितंबर को वह अपने माता-पिता के साथ उससे मिलने गया. वहां लड़की के चाचा का वाजिद से झगड़ा हो गया. पीड़ितों के बयान के बाद संतोष पाल, मनोज पाल, लेखराम पाल और सुषमा नाम के चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस ने पीड़ितों की धार्मिक पहचान को लेकर मारपीट किये जाने के किसी भी आरोप से इनकार किया.

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