https://www.xxzza1.com
Tuesday, May 21, 2024
Home देश उत्तराखंड अंकिता भंडारी हत्याकांड: BJP विधायक का बेटा पुलकित आर्य आरोपी, कटघरे...

उत्तराखंड अंकिता भंडारी हत्याकांड: BJP विधायक का बेटा पुलकित आर्य आरोपी, कटघरे में भाजपा

– मसीहुज़्ज़मा अंसारी, अखिलेश त्रिपाठी

नई दिल्ली | उत्तराखंड में भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या के मामले से भाजपा सवालों के घेरे में है। अंकिता की हत्या के बाद रिजॉर्ट पर जिस तरह से बुलडोजर चलाकर सबूतों को मिटाने का काम किया गया है, उससे उत्तराखंड सरकार भी संदेह के घेरे में है।

अंकिता भंडारी भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर काम करती थी। बताया जाता है कि अंकिता भंडारी की हत्या जबरन यौन संबंध बनाने से इंकार करने पर की गई है।

भाजपा विधायक का बेटा अंकिता पर मेहमानों को “विशेष सेवा” देने का दबाव बना रहा था

भाजपा विधायक का बेटा पुलकित आर्य चाहता था कि अंकिता भंडारी मेहमानों को “विशेष सेवा” दे। लेकिन अंकिता भंडारी इसके लिए तैयार नहीं हुई, इसलिए कथित रूप से उसकी पिटाई की गई और बाद में पुलकित आर्य उसके दोस्तों ने उसे नहर में फेंककर उसकी हत्या कर दी।

शुरुआत में इस मामले को छुपाने का पूरा प्रयास किया गया। लेकिन यह मामला छिप नहीं सका। शनिवार को चीला बैराज से अंकिता का शव बरामद किया गया। अंकिता भंडारी का शव बरामद होने के बाद अंकिता की हत्या किए जाने की सारी कहानी सामने आई।

इस मामले के सामने आने के बाद उत्तराखंड सरकार ने इस घटना पर पर्दा डालने और इस घटना को रफा-दफा करने का प्रयास किया। इसकी वजह इस मामले में भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक विनोद आर्य के रिजॉर्ट की घटना होना और इस घटना में विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य का मुख्य आरोपी होना था।

हालांकि, इस घटना को लेकर आम जनता ने उत्तराखंड सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया, मजबूर होकर उत्तराखंड सरकार ने इस घटना पर तत्काल एक्शन लिया। लेकिन उत्तराखंड सरकार के एक्शन के तौर-तरीकों से भी भाजपा सवालों के घेरे में खड़ी हो गई है। उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि इससे पूरे देश में भाजपा पर प्रश्नचिन्ह लगा है और भाजपा सवालों के घेरे में है।

इस पूरे मामले में उत्तराखंड सरकार की भूमिका संदिग्ध

अंकिता भंडारी के मामले में उत्तराखंड सरकार की भूमिका बहुत ही संदिग्ध है। उत्तराखंड सरकार ने अंकिता भंडारी के मामले में विनोद आर्य की मदद करने के लिए और उनके आरोपी पुत्र को बचाने के लिए सबूतों को मिटाने के खातिर विनोद आर्य के रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवा दिया है। इस तरह से उत्तराखंड सरकार ने विनोद आर्य और उनके आरोपी पुत्र पुलकित आर्य को बचाने का सारा इंतजाम कर दिया है।

जानकारों का कहना है कि बुलडोजर कार्रवाई के बाद अंकिता भंडारी के मामले की जांच प्रभावित होगी और जांच करने वाले अधिकारियों को इस मामले का कोई सबूत ही नहीं मिलेगा। जांच टीम को मौके पर जांच सबूत कहां से जुटाएगी? ऐसे में आरोपी बिना सबूत के आसानी से छूट जाएंगे।

लोगों की नाराज़गी को कम करने के लिए और आम जनता को दिखावे के लिए उत्तराखंड सरकार ने विनोद आर्य के रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवा दिया है, जबकि उत्तराखंड सरकार ने रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवाकर सबूतों को मिटाने का काम किया है। इससे आगे चलकर आसानी से आरोपी इस मामले से छूट जाएंगे। लेकिन अंकिता भंडारी कभी वापस नहीं लौट सकेगी।

अंकिता भंडारी की हत्या किए जाने का कारण अंकिता द्वारा जबरन यौन संबंध बनाने से इंकार कर दिया जाना है, इसकी पुष्टि उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने भी की है। डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि, “पुलकित अंकिता पर मेहमानों को “विशेष सेवा” देने का दबाव बना रहा था। इसकी जानकारी अंकिता के दोस्त की चैट से मिली है। दोस्त ने कहा था कि अंकिता की हत्या रिजॉर्ट मालिक ने यौन संबंध से इंकार करने पर की थी।”

उत्तराखंड सरकार ने चार सदस्यीय एसआईटी गठित की, लेकिन प्रशासन पर सबूत मिटाने के लग रहे आरोप

अंकिता हत्या के मामले की जांच के लिए उत्तराखंड सरकार ने चार सदस्यीय एसआईटी गठित की है। इस एसआईटी टीम का मुखिया डीआईजी पी रेनुका देवी को बनाया गया है। जब विनोद आर्य का रिजॉर्ट बुलडोजर से ढहा दिया गया है, तो एसआईटी को कहां से घटना के सबूत हासिल होंगे, यह सबसे बड़ा सवाल है?

सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या एसआईटी का गठन इस मामले को रफा-दफा करने के लिए किया गया है? क्योंकि जब सबूत नहीं होंगे, तो एसआईटी क्या सबूत पैदा करेगी? यह ऐसे दो सवाल हैं, जो उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी की सरकार को कटघरे में खड़ा करते हैं। इन सवालों का जवाब अब पुष्कर सिंह धामी ही दे सकते हैं।

अंकिता हत्या मामले में उत्तराखंड सरकार पर सबसे बड़ा आरोप हत्या से संबंधित सबूतों को मिटाने के लिए रिजॉर्ट पर बुलडोजर चला देना है। अंकिता के परिजनों का कहना है कि, “सबूत मिटाने के लिए रिजॉर्ट में तोड़फोड़ की गई है।”

अंकिता भंडारी के पिता वीरेंद्र भंडारी ने भी सबूतों को मिटाने की बात कही है। वीरेंद्र भंडारी का कहना है कि, “उत्तराखंड सरकार ने आधी रात को बुलडोजर चलाकर सबूतों के साथ छेड़छाड़ किया है। मैं बेटी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी संतुष्ट नहीं हूं। मैं चाहता हूं कि इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए सुनवाई की जाए और दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।”

भाजपा ने इस मामले में भी अपने दामन को बचाने का काम किया है। भाजपा जैसे हमेशा करती आई है, वैसे ही इस मामले में भी उसने आरोपी पुलकित आर्य के पिता विधायक विनोद आर्य और उनके बेटे अंकित आर्य को पार्टी से निकाल दिया है। इसके अलावा अंकित आर्य को अन्य पिछड़ा आयोग के उपाध्यक्ष के पद से भी हटा दिया है।

महिला अपराध में भाजपा नेताओं की संलिप्तता पर भाजपा खेमे में ख़ामोशी

विपक्ष के नेताओं द्वारा किये गए अपराध पर ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अंकिता भंडारी की हत्या पर एक शब्द नहीं बोली हैं। स्मृति ईरानी की नजर में अंकिता भंडारी के लिए बोलना शायद उनके लिए राजनीतिक रूप से फायदेमंद नहीं हैं, इसीलिए स्मृति ईरानी बेशर्मी की चादर ओढ़े हुए इस मामले पर चुप हैं और सो रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2022 को लाल किले की प्राचीर से बड़ी लंबी-लंबी बातें करते हुए महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कसीदे पढ़े थे, लेकिन उनकी ही पार्टी के नेताओं ने महिलाओं की इज्जत करना नहीं सीखा है। यह नेता महिलाओं से बदसलूकी करने से लेकर उनकी हत्या करने और महिलाओं से संबंधित अपराध करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

महिलाओं के विरुद्ध जघन्य अपराधों में भाजपा नेताओं की भूमिका बढ़ी है

आंकड़ों के देखा जाये तो यह बात सामने आती है कि महिलाओं के विरुद्ध जघन्य अपराधों में भाजपा नेताओं की भूमिका बढ़ी है. महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2022 को लाल किले से बहुत सारी बातें कही थी, लेकिन उनकी पार्टी के नेताओं पर इससे कोई फर्क नहीं पड़ा और महिलाओं के विरुद्ध गंभीर अपराधों में उनकी भूमिका बढ़ी है।

भाजपा नेताओं के महिलाओं से बदसलूकी करने से लेकर उनकी हत्या करने और महिलाओं से संबंधित अपराध करने से बाज नहीं आ रहे है और कई गंभीर मामलों में उनके नाम जुड़े हैं लेकिन भाजपा इसे लेकर गंभीर नज़र नहीं आती।

भाजपा शासित अलग-अलग राज्यों में यही हाल है चाहे वह गुजरात की बिलकिस बानो हों या शाहजहांपुर के मुमुक्षु आश्रम के स्कूल की प्रधानाचार्या हों। इन दोनों ही मामलों में इनको न्याय नहीं मिला है।

बिलकिस बानो के मामले के आरोपियों को जेल से छोड़ दिया गया है और शाहजहांपुर के मामले में पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री चिन्मयानंद के केस को योगी आदित्यनाथ की सरकार ने वापस ले लिया है। यह दोनों महिलाएं न्याय की आस में आज भी जिंदा हैं, लेकिन न्याय इनसे कोसों ही दूर है।

उत्तर प्रदेश में भाजपा विधायक छोटे लाल वर्मा के पुत्र लक्ष्मी कांत वर्मा का नाम एक महिला का शारीरिक शोषण करने, दुराचार करने और जान से मारने की धमकी देने के मामले में सामने आया है और महिला न्याय के लिए भटक रही है, लेकिन उसको न्याय नहीं मिला है। छोटे लाल वर्मा और उनके पुत्र लक्ष्मी कांत वर्मा के विरुद्ध अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

विपक्ष ने भाजपा को घेरा, महिला विरोधी होने का लगाया आरोप

इस मामले में कांग्रेस नेता और कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा को कटघरे में खड़ा किया है और भाजपा पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात के अर्जुन सिंह चौहान हों, चाहे उन्नाव के कुलदीप सिंह सेंगर हों या चिन्मयानंद हों, यह सभी नेता महिलाओं से अपराध करने में दोषी पाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद यह भाजपा को प्यारे हैं।

सुप्रिया ने कहा है कि, “ऐसा क्यों है कि जब भी किसी लड़की के साथ शोषण या दुष्कर्म की घटना सामने आती है तो कहीं न कहीं उसमें BJP के नेता का नाम ज़रूर सामने आ जाता है। क्या आज अंकिता के परिवार वालों से BJP का कोई भी नेता आंखों में आंख डालकर बात करने की हिम्मत जुटा सकता है?”

इससे यही साबित होता है कि भाजपा का महिलाओं के प्रति सोच और काम करने का तरीका निराशाजनक और बेहद घटिया है। इससे भाजपा का चाल-चरित्र और चेहरा उजागर होता है और यह साबित होता है कि भाजपा महिला विरोधी पार्टी है तथा उसकी नजर में महिलाएं केवल मनोरंजन का साधन हैं।

- Advertisement -
- Advertisement -

Stay Connected

16,985FansLike
2,458FollowersFollow
61,453SubscribersSubscribe

Must Read

यूपी: युवक ने BJP को 8 वोट डाला, अखिलेश- राहुल ने की कार्रवाई की मांग, युवक गिरफ्तार

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण के दौरान उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक चुनावी...
- Advertisement -

क्या मुसलमानों की आबादी हिन्दुओं के लिए ख़तरा है?

-राम पुनियानी चुनावी मौसम जैसे-जैसे समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे समाज को बांटने वाला प्रचार भी अपने...

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को मोदी सरकार के इशारे पर काम करने वाली कठपुतली करार दिया

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक चुनावी रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री...

हलद्वानी हिंसा: आरोपियों पर लगा UAPA, क़ौमी एकता मंच ने की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

-एस.एम.ए. काज़मी देहरादून | उत्तराखंड पुलिस ने 8 फरवरी, 2024 को हुई हल्द्वानी हिंसा मामले में सात महिलाओं सहित...

Related News

यूपी: युवक ने BJP को 8 वोट डाला, अखिलेश- राहुल ने की कार्रवाई की मांग, युवक गिरफ्तार

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | लोकसभा चुनावों के तीसरे चरण के दौरान उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक चुनावी...

क्या मुसलमानों की आबादी हिन्दुओं के लिए ख़तरा है?

-राम पुनियानी चुनावी मौसम जैसे-जैसे समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे समाज को बांटने वाला प्रचार भी अपने...

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को मोदी सरकार के इशारे पर काम करने वाली कठपुतली करार दिया

इंडिया टुमारो नई दिल्ली | लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक चुनावी रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री...

हलद्वानी हिंसा: आरोपियों पर लगा UAPA, क़ौमी एकता मंच ने की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग

-एस.एम.ए. काज़मी देहरादून | उत्तराखंड पुलिस ने 8 फरवरी, 2024 को हुई हल्द्वानी हिंसा मामले में सात महिलाओं सहित...

उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों- सरकारी कर्मचारियों का आरोप, “वोट डालने से किया गया वंचित”

अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो लखनऊ | उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सरकारी कर्मचारियों में से ख़ासकर पुलिस...
- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here