रहीम ख़ान | इंडिया टुमारो
जयपुर | राजस्थान में टोंक जिले में गुरुवार की रात एक कथित गौ हत्या का मामला सामने आने के बाद शुक्रवार 19 अगस्त को हिंदूत्ववादी संगठनों के लोगों द्वारा घासी की ढाणी व पटेल टिबी गाँव में दो मस्जिद, व मुसलमानों पर हमले किए गए. यह मामला टोंक जिले के ललवाड़ी ग्राम पंचायत की घासी की ढाणी गांव का है.
आरोप है कि हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा मुसलमानों के घरों में जबरन घुसकर तलाशी ली गई जिससे गाँव में दहशत बनी हुई है.
घासी की ढाणी मस्जिद के इमाम आबाद अली ने मस्जिद में तोड़फोड़ और उनके साथ मारपीट करने की दतवास थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है.
इंडिया टुमारो से बात करते हुए उन्होंने बताया कि, “शुक्रवार 19 अगस्त को सुबह करीब 6.30 बजे जब मैं मस्जिद में था तो लगभग 100-125 लोग जबरन मस्जिद में घुस आए, उन्होंने मेरे साथ मारपीट की और मस्जिद में भी तोड़ फोड़ की.”
घटना को लेकर पटेल टिबी की ढाणी ललवाडी निवासी शहजाद ने भी दतवास थाने में मस्जिद में तोड़ फोड़ की एफआईआर दर्ज करवाई है.
उन्होंने इंडिया टुमारो को बताया कि, “शुक्रवार 19 अगस्त को दिन में दोपहर 2.30 बजे पटेल टीबी की ढाणी की मस्जिद में ग्राम ललवाडी और आसपास की ढाणी के लोग जबरन मस्जिद में घुस गए. उपद्रवियों ने मस्जिद के अन्दर लगे कुलर, पंखे, माइक सेट एवं खिडकियो के कांच तोड़ दिए.”
उन्होंने बताया कि, “उस भीड़ में करीब 50-60 आदमी थे, हम लोग डर के कारण दूर से ही उन्हें देख रहे थे. पुलिस ने आईपीसी की धारा 143,452, 427, 295 में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. हालांकि इस मामले में अब तक गिरफ्तारी की कोई सूचना नहीं मिली है.”
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की कविता श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि टोंक के दतवास थाना क्षेत्र में गौ हत्या मामले में दर्ज प्राथमिकी में निर्दोष लोगों के नाम भी शामिल हैं. उनका दावा है कि प्राथमिकी में दर्ज 17 आरोपियों की सूची में अनेक निर्दोष लोगों के नाम डाले गये हैं.
पीयूसीएल द्वारा राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक टोंक को पत्र लिखकर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की गई है.
संस्था ने अपने पत्र में उस पुलिस दल के खिलाफ भी कार्रवाई की भी मांग की है, जिनकी कथित उपस्थिति में मस्जिद तोड़ी गई थी.
घटना को लेकर मानवाधिकार संगठन PUCL ने की प्रेस वार्ता:
राजस्थान की राजधानी जयपुर में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) राजस्थान द्वारा टोंक में हुई कथित गौ हत्या और उसके बाद सांप्रदायिक तत्वों द्वारा मस्जिदों पर किए गए हमले को लेकर रविवार को विनोबा ज्ञान मंदिर में प्रेस वार्ता रखी गई.
प्रेस वार्ता में PUCL की अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव ने कहा कि गौ हत्या की सबसे पहले पुलिस प्रशासन को सूचना गांव के ही रहने वाले इस्लाम नामक व्यक्ति द्वारा दी गई, उसने एक जिम्मेदार नागरिक होने की ड्यूटी निभाई लेकिन पुलिस ने एफआईआर में उसे ही आरोपी बना दिया है.
उन्होंने बताया कि, हमारा मानना है कि FIR 145/2022 में दर्ज 17 आरोपियों को सूची में अनेक निर्दोष लोगों के नाम डालें है. उन्होंने मांग की कि सही जांच हो, दोषियों को बख्शा नहीं जाए लेकिन निर्दोष लोगों को भी आरोपी नहीं बनाया जाए.
प्रेस वार्ता के दौरान टोंक के सामाजिक कार्यकर्ता मोहसिन रशीद ने कहा कि कोई भी मुसलमान गौ हत्या का समर्थन नहीं करता है और जिन्होंने अपराध किया है उनके खिलाफ कार्यवाही हो लेकिन इसके आधार पर पूरे मुस्लिम समुदाय को टारगेट करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है.
उन्होंने बताया कि इस मामले पर सबसे पहले संज्ञान लेने वाले और पुलिस को सूचना देने वाले भी मुस्लिम समुदाय के ही लोग हैं लेकिन हिन्दुत्ववादी संगठनों ने गांव में घुसकर लोगों के साथ मारपीट की, जबरन घरों की तलाशी ली और मस्जिद में भी तोड़फोड़ की. ऐसे लोगों के खिलाफ भी तुरंत सख़्त कार्यवाही की जानी चाहिए.
पीयूसीएल जयपुर जिला इकाई के महासचिव एडवोकेट अखिल चौधरी ने बताया कि मस्जिदों पर हमले की जो एफआईआर की गई है उनमें दंगे वाली धारा नहीं जोड़ी गई है जो पुलिस की लापरवाही को दिखाती है.
प्रेस कांफ्रेंस में ललवाड़ी के घासी की ढाणी से आये जमालउद्दीन, इरशाद, कमरुद्दीन, रफीक, सुलेमान आदि ने बताया कि उनके गांव के ज्यादातर लोग दूसरे शहरों में जाकर कंबल बेचने का काम करते हैं. जो लोग बाहर व्यापार करने की वजह से गांव में नही थे उनके घरों के ताले तोड़कर भी हिंदूवादी संगठनों के लोगों की भीड़ ने पुलिस की मौजूदगी में तलाशी ली.
उन्होंने कहा कि, “हम गौ हत्या के पूरी तरह खिलाफ हैं और ऐसा कृत्य करने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस को कार्यवाही करनी चाहिए लेकिन गाँव की मस्जिदों पर पुलिस की मौजूदगी में लोगों ने हमला किया वह भी बहुत गलत है. इस मामले में पुलिस को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और गाँव में जो दहशत का माहौल बना हुआ है उसे पुलिस को भय रहित बनाना चाहिए.”
इस संबंध में पीयूसीएल राजस्थान इकाई द्वारा राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक टोंक को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की गई है.
पत्र में निम्न मांगे की गई है:
- जांच का नेतृत्व एसपी कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा किया जाए ना कि स्थानीय थाना पुलिस द्वारा, जो अब तक इस मामले में निष्पक्ष नहीं रहा है.
- जिस पुलिस दल की मौजूदगी में मस्जिद में घुसकर तोड़फोड़ की गई उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
- थाना दतवास में दर्ज एफआईआर संख्या- 145/146/147 की निष्पक्ष और न्यायसंगत जांच हो. इस्लाम और अन्य निर्दोष लोगों को रिहा किया जाए, जिन्हें झूठा फंसाया गया है.
- गांव में आने जाने वाले लोगों को रास्ते में ना रोका जाए, साथ कि किसी भी संगठन द्वारा कोई अप्रिय घटना ना हो, यह सुनिश्चित किया जाए.
- मस्जिदों पर हमला करने वाले आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए.
- पटेल टीबी और घासी की ढाणी के गांवों में घायल हुए लोगों की चोटों की जांच के साथ-साथ उनके उचित उपचार के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए.