अखिलेश त्रिपाठी | इंडिया टुमारो
छतरपुर (मध्यप्रदेश)। यति नार्सिंघानंद के बाद एक और हिन्दू महंत ने ‘एक समुदाय विशेष’ के खिलाफ हथियार उठाने का आह्वान किया है. ये व्यक्ति मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम का महंत है और कथावाचक भी हैं. इस का नाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री है. ऐसा कह कर वह देश के सांप्रदायिक माहौल में और तनाव पैदा करने का काम कर रहा है.
यह महंत एक नवजवान व्यक्ति हैं. यह दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं को सुनता है और उनका निदान करने का दावा करता है. इसके यहां पर बड़ी भीड़ जुटती है. चर्चा है कि इसके पास कोई सिद्धि है। लेकिन मेरा इन सबसे चीज़ों से कोई वास्ता नहीं है. इन दिनों मध्य प्रदेश से लेकर कई राज्यों में इस महंत की चर्चा हो रही है और यह सुर्खियों में बना हुआ है.
इसके सुर्खियों में बने होने की वजह इसके द्वारा ‘एक समुदाय विशेष’ के सम्बन्ध में दिया गया विवादित बयान है. इसके इस विवादित बयान का वीडियो भी चारों ओर वायरल हो रहा है. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने विवादित बयान में कह रहा है कि, “सभी से निवेदन है कि सभी हिन्दुओं एक हो जाओ, ‘पत्थर मारने वालों’ के घर पर बुलडोजर चलवाओ. कुछ दिन बाद हम भी बुलडोजर खरीदने वाले हैं. अभी पैसा नहीं है इतना, वर्ना हम भी बुलडोजर खरीदेंगे. जो राम के काज पे, सनातनी महात्माओं पर, सन्तों पर और भारतीय सनातनी हिन्दुओं पर पत्थर चलाएगा, हम बुलडोजर उसके घर पर चलाएंगे.”
वह चिल्लाकर तेजी से कहता है कि, “हमारी प्रार्थना है कि हिन्दुओं जागो और जो तुम्हारे घर पर पत्थर फेंके, उसके घर जेसीबी लेकर चलो.” यही नहीं पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री यह भी कहता है कि अगर अभी तुम नहीं जागोगे, तो तुम्हें अपने गांव से भी भागना पड़ेगा. कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कथावाचन के दौरान यह भड़काऊ बयान दिया है. इस प्रकार की बात कहकर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मध्य प्रदेश में शांत एवं सद्भावपूर्ण माहौल में साम्प्रदायिक तनाव पैदा करने का काम किया है. हिंदू धर्म में संत और महात्मा अपने उपदेशों के जरिए लोगों को खुद को सही रास्ते पर चलने, देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने और राष्ट्र निर्माण में अच्छा कार्य करने का उपदेश और संदेश देते हैं। लेकिन यहां पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री लोगों को उन्मादी बनाकर उनको हिंसा के रास्ते पर चलने की बात कह रहा है.
हिंदू धर्म में ऐसे साधुओं, महंतों और कथावाचकों को कोई सम्मान नहीं है. इस तरह से यह लोग हमेशा विवाद पैदा कर विवादित बयानों के जरिए सुर्खियों में बने रहते हुए सत्ता के करीब रहकर सुख-सुविधाओं का लाभ उठाने का काम करते हैं. इसके साथ ही ऐसे लोग सत्ता को राजनीतिक फायदा पहुंचाने के लिए सांप्रदायिक तनाव पैदा करने से लेकर दंगा भड़काने/करवाने तक का काम भी करते हैं.
ऐसे कथावाचकों को देश, राज्य और समाज से कोई ताल्लुक नहीं होता है, वह केवल अपना लाभ देखते हैं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के मामले में भी ऐसा ही कुछ लगता है. वह सत्ता की मलाई खाने के लिए सांप्रदायिक तनाव पैदा कर लोगों को हिंसा की आग में झोंकने का काम कर रहा है. मध्य प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को पकड़ कर जेल में बंद कर दे. लेकिन लगता नहीं की सरकार उस के विरुद्ध कोई कारवाई करेगी.
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जब कथावाचन के दौरान विवादित बयान दे रहा था, तब उसकी कथा स्थल पर मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत भी मौजूद थे और वह कथा रूपी विवादित बयान सुन रहे थे. लेकिन उन्होंने इस मामले पर चुप्पी साध ली है. जबकि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को चाहिए था कि वह धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए छतरपुर जिला प्रशासन को कहते. लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही करने के लिए नहीं कहा. कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दुस्साहस ही कहा जाएगा कि वह कह रहा है कि वह जब तक जिंदा रहेगा, तब तक इस तरह की गलती करता रहेगा यानि विवादित बयान देकर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ कर हिंसा की आग में झोंकने का काम करता रहेगा.