सैयद ख़लीक अहमद
नई दिल्ली | तमिलनाडु में हुए हालिया स्थानीय निकाय चुनावों में साम्प्रदायिक सौहार्द की सुंदर मिसाल देखने को मिली है. यहाँ के मतदाताओं ने हिजाब पहनने वाली दो दर्जन से अधिक मुस्लिम महिलाओं को जनप्रतिनिधि के रूप में चुनकर हिजाब से नफरत करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया है. नगर निगम के चुनाव 20 फरवरी को हुए थे और इसके नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए.
उत्तर भारत की तरह तमिलनाडु में मुसलमान “घेटो” में नहीं रहते हैं. इसके विपरीत मुसलमान सभी समुदायों के लोगों की आबादी वाली कॉलोनियों या इलाको में रहते हैं. इस तथ्य के बावजूद इतनी सारी हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिलाएं मिश्रित आबादी वाले वार्डों से चुनी गईं हैं, यह भाजपा और उसके कट्टरपंथी समर्थकों के चेहरे पर एक तमाचा है जो पड़ोसी कर्नाटक में हिजाब विवाद उठाकर दक्षिण भारतीय राज्यों को सांप्रदायिक बनाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं.
इन चुनावों में सबसे खराब स्थिति भाजपा की रही क्योंकि मेट्टुपलयम और कन्याकुमारी नगर पालिकाओं में उसे हार का मुंह देखना पड़ा, इन इलाकों में बीजेपी पिछले पांच वर्षों से एडीएमके के साथ गठबंधन में सत्ता में थी. अन्य शहरों के साथ-साथ पूरे राज्य में इसका प्रदर्शन बेहद खराब रहा.
इन स्थानीय चुनावो में जनप्रतिनिधि के रूप में चुनी गई हिजाब पहनने वाली मुस्लिम महिला उम्मीदवारों में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की सदस्य फातिमा मुज़फ्फर अहमद भी शामिल हैं.
डीएमके और सेक्युलर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव अलायंस के साथ गठबंधन में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाली फातिमा ने भारी अंतर से जीत हासिल की. एग्मोर वार्ड से उनके खिलाफ लड़ने वाले भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा एडीएमके पार्षद समेत सभी 11 उम्मीदवारों की ज़मानत जब्त हो गई. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और उसके राजनीतिक सहयोगियों के नेतृत्व वाली द्रमुक ने स्थानीय निकाय चुनावों में जीत हासिल की.
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने 55 वर्षों के बाद चेन्नई में नगरपालिका चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की.
पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) की सदस्य फातिमा मुज़फ्फर अहमद ने कहा कि उन्होंने सर्वशक्तिमान ईश्वर की कृपा से चुनाव जीता.
फातिमा मुज़फ्फर ने पत्रकारों को व्हाट्सएप्प के ज़रिये भेजी अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि, “सर्वशक्तिमान की कृपा से, अल्लाह ने मुझे बड़ी सफलता प्रदान की है.”
इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ें : Tamil Nadu Votes for Hijab-Wearing Muslim Women In Municipal Polls
एक अन्य हिजाब पहनने वाली महिला उम्मीदवार अलीमा बेगम, जिन्होंने सोशल एंड डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के टिकट पर चुनाव लड़ा था, उन्होंने कोयंबटूर नगर निगम से जीत दर्ज की.
मुस्लिम राजनीतिक कार्यकर्ताओं के अनुसार, स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने वाली 90 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती हैं. 21 नगर निगमों, 138 नगर पालिकाओं और 490 पंचायतों में 12,607 सीटों के लिए चुनाव हुए थे. 12,607 सीटों में से 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं.
हिजाब पहनने वाली 22 से अधिक मुस्लिम महिलाओं ने एमएच जवाहिरुल्लाह के नेतृत्व वाली मनिथानेया मक्कल काची (एमएमके) के टिकट पर विभिन्न नगर पालिकाओं से नगरपालिका चुनाव जीता. इनमें तिरुवरुर नगर पालिका से बेनजीर जैस्मीन और शकीला बानो शामिल हैं.
सीपीएम की एक हिजाबी उम्मीदवार बरकत निसा ने कोट्टाकुप्पम नगरपालिका में जीत हासिल की.
चुनाव जीतने वाली हिजाबी महिलाओं में से कुछ की तस्वीर: